
आंवला का आयुर्वेद में बहुत महत्व है और यह अमृत के सामान माना गया है. आंवले को तरह – तरह से उपयोग में लाया जाता है | कोई अचार के रूप में तो कोई मुरब्बे की तरह | इसे कई रोगों के इलाज में भी प्रयोग में लाया जाता है | आइये जानते है कि वे कौन रोग हैं जिनका इलाज इससे किया जाता है –
विभिन्न रोगों में प्रयोग
1. बच्चों का हकलाहट, तुतलाना : कच्चे, पके हरे आंवले को चूसकर अनेक बार सेवन करें।
2. नकसीर (नाक से खून) : नाक में आंवले का रस टपकाएं। ताजे आंवले नियमित खाएं। चीनी मिला कर आंवले का शरबत सुबह-शाम पिलाएं।
3. बच्चों द्वारा बिस्तर में पेशाब करने का इलाज : आंवले का चूर्ण और काला जीरा बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। तैयार चूर्ण की आधी मात्रा में मिस्री मिलाकर, एक-एक चम्मच दिन में तीन बार, एक हफ्ते तक नियमित रूप से खिलाएं।
4. बालों के रोग का इलाज : आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बाल धोने से उनकी जड़ें मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी। मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं। मेहँदी का गहरा रंग कैसे पायें
5. पेशाब की जलन : आधा कप आंवले के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएं तो पेशाब की जलन समाप्त हो जायेगी |
6. आवाज बैठना : कच्चे आंवले बार-बार चूस-चूसकर खाने से यदि आवाज बैठ गयी है तो वह ठीक हो जाती है |
7. हृदय शूल : आंवले का मुरब्बा सेवन करें। यह हृदय को बल देता है। इससे ह्रदय शूल में फायदा मिलता है |
8. दांत दर्द : आंवले के रस में कपूर मिलाकर पीड़ित दांत में लगाएं। इससे दांत के दर्द के फायदा मिलता है |
9. मधुमेह यानि डायबिटीज के इलाज में : इस बीमारी में आंवले का नियमित सेवन बहुत गुणकारी होता है, क्योंकि इसका रस खून में शुगर को बढ़ने नहीं देता।
10. रक्तस्राव होने पर : स्राव वाले स्थान पर आंवले का ताजा रस लगाएं, स्राव बंद हो जाएगा।
11. बवासीर होने पर : आंवले का चूर्ण एक चम्मच, एक कप मट्ठे के साथ 3 बार लें।
12. वीर्यवृद्धि हेतु : एक चम्मच घी में दो चम्मच आंवले का रस मिलाकर दिन में तीन बार कम-से-कम एक हफ्ते तक लें।
13. पेशाब रुकने पर : कच्चे आंवलों को पीसकर बनी लुग्दी पेडू पर लगाएं। इससे पेशाब रुकने की समस्या कुछ समय में ठीक होती है |
14. पथरी के इलाज में उपयोगी : मूली के रस के साथ एक चम्मच आंवले का चूर्ण दिन में 3 बार एक-दो हफ्ते सेवन करने से पथरी गलने लगती है। पथरी