अनिल कुंबले का जीवन परिचय Anil Kumble Biography In Hindi

Anil Kumble Biography In Hindi

अनिल कुंबले का जीवन परिचय (Anil Kumble Biography In Hindi Language)

Anil Kumble Biography In Hindi

नाम : अनिल कुंबले
जन्म : 17 अक्टूबर, 1970
जन्मस्थान : बंगलौर (कर्नाटक)

 

अनिल कुंबले का जीवन परिचय (Anil Kumble Biography In Hindi)

अनिल कुंबले ने क्रिकेट जगत में इतिहास रच डाला, जब उन्होंने 7 फरवरी, 1999 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के विरुद्ध टैस्ट मैच खेलते हुए 26.3 ओवर में मात्र 74 रन देकर 10 विकेट ले लिए | दस विकेट लेकर अनिल कुंबले विश्व के ऐसे दुसरे खिलाड़ी बन गए । इससे पूर्व इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जिम लेकर ने एक पारी में दस विकेट लेने का रिकार्ड बनाया था | अनिल कुंबले भारत के पहले स्पिनर तथा दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होने लिमिटेड ओवर वाले अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 200 विकेट का आंकड़ा पार किया था ।

अनिल कुंबले के 10 विकेट लेने पर भारत ने पाकिस्तान से न केवल 2 मैच की श्रृंखला जीती वरन् अनिल कुंबले को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी दिलाया । इसी उपलब्धि के कारण अनिल क्रिकेट के ‘हॉल ऑफ फेम’ में अपना नाम दर्ज करवा सके । 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने वाले पहले खिलाड़ी जिम लेकर ने अपना रिकार्ड 31 जुलाई 1956 को अर्थात उससे 43 वर्ष पूर्व बनाया था ।

अनिल कुंबले शुरू के क्रिकेट मैचों में बल्लेबाज के रूप में खेले थे । अत: उनकी छवि बल्लेबाज की ही बनने लगी थी । 1990 में हुए मैच में पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते हुए उन्होंने दिल्ली में 113 रन बनाए । उसी वर्ष उन्होंने अपने टेस्ट जीवन की शुरुआत की जिसमें उन्होंने मानचेस्टर के ओल्ड ट्राफर्ड में ग्राहम गूच की इंग्लिश टीम के विरुद्ध खेलते हुए अपने प्रथम मैच में तीन विकेट लिए ।

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इसके पश्चात् टैस्ट मैच में खेलने के लिए कुंबले को सवा वर्ष तक इंतजार करना पड़ा | फिर उन्होंने 1992-93 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टैस्ट मैच खेला । इस बार के दक्षिण अफ्रीका तथा जिम्बाब्बे के दो देशों के टूर में अनिल कुंबले सफल खिलाड़ियों में से एक थे । उसके पश्चात् भारतीय क्रिकेट टीम में उनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है । कुंबले अपने आदर्श चन्द्रशेखर की भाँति ही खेलों में सफल रहे हैं । उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अच्छी पहचान बनाई ।

कुंबले पारंपरिक स्टाइल से हट कर स्पिनर हैं जो कभी गुगली गेंद फेंकते हैं और कभी मीडियम पेस फास्ट गेंद फेंकते हैं । वह गेंद को अधिक घुमाते नहीं हैं जो उनका अपना अलग अंदाज है ।

वेस्टइंडीज ने कुंबले की काबिलियत को कलकत्ता में हुए एक दिवसीय मैच में पहचाना । 1994 में लखनऊ टेस्ट में श्रीलंका को उनकी श्रेष्ठ गेंदबाजी का सामना करना पड़ा, जबकि आस्ट्रेलियाई टीम ने 1997-98 में अनिल कुंबले की श्रेष्ठ गेंदबाजी का प्रदर्शन देखा । पाकिस्तान अनिल की गेंदबाजी को हमेशा याद रखेगा जो उन्होंने 1999 में की थी और पाकिस्तान के एक ही पारी में 10 विकेट लिए थे । वैसे कुंबले ने 5 अथवा अधिक विकेट अनेक बार लिए थे, परन्तु 10 विकेट लेकर 1999 में इतिहास बना दिया ।

कुंबले ने 1998 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध खेलते हुए अपने 200 विकेट पूरे किए । वह अन्तरराष्ट्रीय मैच में इतने विकेट लेने वाले प्रथम स्पिनर व द्वितीय भारतीय गेंदबाज थे । इसके पूर्व कपिलदेव ने इतने विकेट लिए थे । वह 100 टैस्ट विकेट लेने वाले खिलाड़ी भी कम समय में ही बन गए थे । उन्होंने 21 टैस्ट मैच में 100 विकेट ले लिए थे । उनका यह रिकार्ड 1995 में बना था । वह पांच वर्ष में 100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज थे ।

उन्होंने अपना प्रथम एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैच 25 अप्रैल 1990 को आस्ट्रेलिया कप के लिए शारजाह में खेला था जो श्रीलंका के विरुद्ध खेला गया था । 1994 में उन्होंने न्यूजीलैंड के विरुद्ध 10 ओवर में 33 रन पर 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया ।

विल्स वर्ल्ड कप में वह अत्यन्त सफल गेंदबाज रहे । अनिल कुंबले ने रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक टीम की कप्तानी की । ईरानी कप में उन्होंने 13 विकेट लिए ।  1997 में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे मे खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें खेल से आराम दे दिया गया । फिर उन्हें श्रीलंका के विरुद्ध खेलने के लिए पुन: टीम में शामिल किया गया । अनिल ने 1999 के ‘विश्व कप’ में भी भारतीय टीम में भाग लिया था ।

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मृदुभाषी अनिल कुंबले को 1995 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया । अनिल कुंबले ने मार्च, 2007 में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया । क्रिकेट से विदाई के वक्त उन्होंने कहा- ”क्रिकेट महज खेल है । जब आप खेलते हैं और जीत या हार जाते हैं, तब यह खेल से कहीं बड़ा लगता है । लेकिन जब आप घर वापस जाते हैं, अपने परिवार और बच्चों को देखते हैं, तब लगता है कि नहीं, यह सिर्फ खेल ही है, उससे ज्यादा नहीं ।”

उपलब्धियां :

वह उन गिने-चुने भारतीय खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने 21 टेस्ट खेलने के कम समय में 100 विकेट लिए ।कुंबले प्रथम स्पिनर तथा द्वितीय भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1998 में 200 विकेट लेने का आंकड़ा पार किया ।1999 में पाकिस्तान के विरुद्ध दिल्ली में खेलते हुए अनिल कुंबले ने 26.3 ओवर में 74 रन देकर 10 विकेट लेने का करिश्मा कर दिखाया ।
वह ऐसा करने वाले विश्व के दूसरे खिलाड़ी थे ।
1965 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया ।
कुंबले ने मार्च 2007 तक कुल 113 टैस्ट मैच खेले, जिनमें कुल 547 विकेट लिए ।
एक दिवसीय मैचों से सन्यास लेने तक उन्होंने कुल 271 वन डे मैच खेले जिसमें उन्होने 337 विकेट लिए ।

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