बबूल के फायदे हिंदी में Babool Ke Fayde In Hindi

babool ki fali ke fayde hindi me

आइये आज इस आर्टिकल में बबूल के फायदे हिंदी में जानते हैं Babool Ke Fayde In Hindi

बबूल के छोटे और बड़े वृक्ष भारत में सर्वत्र पाए जाते हैं। ये आमतौर पर जंगलों में, गांव के बाहर खेत-खलिहानों के आसपास, सड़क के किनारों पर आसानी से देखने को मिल जाते हैं। इसका वृक्ष कांटेदार, 10 से 15 फुट ऊंचा होता है। तना मटमैला व कालापन लिए अनेक शाखाओं में विभक्त होता है, जहां से 2-2 के जोड़े में तीक्ष्ण कांटे निकले होते हैं।

छाल खुरदरी और कालिमा लिए होती है। टहनियों को काट-काटकर दातुन के लिए उपयोग में लिया जाता है। इसके पते इमली के पत्तों के समान छोटे-कांटेदार, संयुक्त रूप से और 10 से 18 जोड़ों में मिलते हैं। पीले रंग के फूल अगस्त-सितम्बर में, किन्हीं-किन्हीं वृक्षों में गर्मियों में आते हैं। फलियां चैत्र माह में 3 से 6 इंच लंबी, आधा इंच चौड़ी, चपटी, कुछ टेढ़ी, खाकी रंग की लगती हैं, जिसमें 8 से 12 बीज होते हैं। बीजों के उभार के आसपास दबी होने के कारण फलियां देखने पर माला के समान नजर आती हैं। इसके तने से लाल आभा लिए सफेद-सा गोंद निकलता रहता है।

जहां पर काटने, खरोंच, चोट के निशान होते हैं, वहां से अधिक गोंद निकलता है। गर्मियों के दिनों में अधिक और पुराने वृक्ष की अपेक्षा नए वृक्ष से गोंद अधिक निकलता है। चिकित्सा की दृष्टि से यह गोंद काफी उपयोगी होता है।

यहाँ पर आज हम ये जानेंगे –  

  1. स्वप्न दोष को दूर करने में To remove the dream defect
  2. पीलिया में बबूल का सेवन Acacia consumption in jaundice
  3. श्वेत प्रदर में बबूल का सेवन Acacia consumption in white dander
  4. खूनी दस्त लगने पर बबूल का सेवन  Khooni Dast Lagne Per Babool Ka Sevan
  5. दंत रोग  में बबूल से उपाय Dant Rog Me Babool Se Upaay
  6. खांसी  ठीक करने में  बबूल का इस्तेमाल Khansi Thik Krne Me Babool Ka Istemaal
  7. पलकों के बाल पैदा करने के लिए बबूल Palko Ke Baal Peda Karne Ke Liye Babool
  8. मुंह के छालों में  बबूल का प्रयोग Muhe Ke Chaaol Me Babool Ka Prayog
  9. शीघ्रपतन, प्रमेह होने पर बबूल का सेवन  Sigrhpatan, Prmhe Hone Per Babool Ka Sevan
  10. टूटी हड्डी जोड़ने के लिए बबूल Acacia to connect broken bones
  11. पसीने की अधिकता होने पर Pasine Ki Adhikta Hone Per
  12. वीर्य विकार, धातु दुर्बलता में Seminal disorders, in metal impairment
  13. कमर दर्द होने पर बबूल का सेवन Babool intake when waist pain
  14. रक्त प्रदर  में बबूल का सेवन Blood Filtratio Me Babool Ka Sevan

बबूल के विभिन्न भाषा में नाम Babool Ke Vibhinn Bhaaso Me Name 

  1. संस्कृत (Babool In Sanskrit) – बब्बूल।
  2. हिंदी (Babool In Hindi) – बबूल, कीकर।
  3. मराठी (Babool In Marathi) – बाबूल, बाभूल।
  4. गुजराती (Babool In Gujarati) – बाबल।
  5. बंगाली (Babool In Bangali) – बाबला गाछ ।
  6. अंग्रेज़ी (Babool In English) – एकेशिया ट्री (Acacia Tree)।
  7. लैटिन (Babool In Latin) – एकेशिया अरेबिका (Acacia Arabica) |

बबूल के औषधीय गुण Babool Ke Aushdhiy Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार बबूल रस में मधुर, कषाय, गुण में स्निग्ध, गुरु, रुक्ष, विपाक में कटु, प्रकृति में शीतल, कफ-पित्त नाशक, रक्त शोधक, संकोचक, जलन शांत करने वाला, घाव भरने वाला, स्तंभक, विषनाशक, मूत्रजनक, शक्तिवर्द्धक , पौरूष शक्तिवर्द्धक, गर्भाशय की सूजन और स्राव को ठीक करने वाला होता है। यह वीर्य विकार, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, श्वेत प्रदर, खांसी, दंत रोग, खूनी दस्त, प्रमेह, मुंह के छालों में गुणकारी है।

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वैज्ञानिक मतानुसार बबूल की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसकी फलियों और छाल में टैनिन (कषाय द्रव्य) अत्यधिक पाया जाता है। गोंद में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, एरेबिक एसिड, मेलिक एसिड, शर्करा, क्षार आदि तत्व पाए जाते हैं।

बबूल के विभिन्न रोगों में प्रयोग एवं आयुर्वेदिक घरेलु  उपचार Babool Ke  Rogo Me Prayog Aur Ayurvedic Gharelu Upchar 

1. स्वप्न दोष को दूर करने में Swapndosh Rog Ke Upchar Me Babool Ka Prayog :

बबूल की छाल, पती, फल, फूल सबको समभाग मिलाकर पीस लें और आधी मात्रा में मिस्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से कुछ ही दिनों में रोग ठीक होगा।

2. पीलिया में बबूल का सेवन Jaundice Ke Upchar Me Babool Ka Sevan:

बबूल के फूलों को छाया में सुखाएं। फूल और मिस्री बराबर की मात्रा में मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार नियमित सेवन से रोग में लाभ होगा ।

3. श्वेत प्रदर में बबूल का सेवन White discharge Ka ilaj Babool Se

बबूल की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने और इस काढ़े में थोड़ी-सी फिटकिरी का चूर्ण मिलाकर योनि में डूश करने से योनि मार्ग स्वच्छ, शुद्ध होकर, निरोगी बनेगा और योनि सशक्त पेशियों वाली तंग होगी। बबूल के गोंद को देसी घी में तलकर एक चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करने से भी उपरोक्त लाभ मिलेगा।

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4. खूनी दस्त लगने पर बबूल का सेवन Khooni Dast Lagne Par Babool Ka Sevan :

हरी कोमल पत्तियों के 4 चम्मच रस में एक चम्मच शहद मिलाकर 2-3 बार पिलाने से खूनी दस्त लगने बंद हो जाएंगे।

5. दंत रोग  में बबूल से उपाय Dant Rog Me Babool Se Upaay :

बबूल की पतली-पतली टहनियों को दांतों से चबाते रहने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। इसके छाल, पते, फूल और फलियों का समभाग मिलाकर बनाए चूर्ण से मंजन करने से भी दांतों के अनेक कष्ट दूर होकर वह मजबूत बनते हैं।

6. खांसी  ठीक करने में  बबूल का इस्तेमाल Khansi Thik Karne Me Babool Ka Istemaal :

छाल का काढ़ा आधा कप में 4-5 काली मिर्च पीसकर डाल दें। इसकी एक चम्मच की मात्रा आधे चम्मच शहद के साथ दिन में 3-4 बार पीने से खांसी में तुरंत लाभ होगा। बबूल के गोंद का टुकड़ा मुंह में रखकर चाकलेट की तरह चूसते रहने से खांसी और गले की तकलीफों में आराम मिलता है।

7. पलकों के बाल पैदा करने के लिए बबूल Palko Ke Baal Paisa Karne Ke Liye Babool :

कोमल, कच्ची पत्तियों को मसलने से जो चिकना-सा द्रव निकले, उसे बालविहीन पलकों पर सुबह-शाम मलते रहने से कुछ ही दिनों में बाल निकल आएंगे।

8. मुंह के छालों में  बबूल का प्रयोग Muh Ke Chhalo Me Babool Ka Prayog :babool muhe ke chaalo ke liye

बबूल की छाल के काढ़े से 2-3 बार गरारे करने से लाभ होगा। गोंद के टुकड़े को चूसते रहने से भी आराम मिलेगा।

9. शीघ्रपतन, प्रमेह होने पर बबूल का सेवन  Sighrapatan, Prameh Hone Par Babool Ka Sevan :

कोमल कोंपलों को छाया में सुखाकर पीस लें इसमें समभाग मिस्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में पानी से 3-4 हफ्ते सुबह-शाम सेवन करें।

10. टूटी हड्डी जोड़ने के लिए बबूल Tooti Bone Ko Jodne Ke Liye

फलियों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से टूटी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है। एक चम्मच गोंद आधे चम्मच मिस्री के साथ सुबह-शाम खाने से भी यह लाभ मिलता है।

11. पसीने की अधिकता होने पर Pasine Ki Adhikta Hone Per :

बबूल के पते और बाल हरड़ को समभाग मिलाकर महीन पीस लें। तैयार चूर्ण को सारे बदन पर मलकर मालिश करें। कुछ समय रुककर स्नान कर लें। नियमित रूप से यह प्रयोग कुछ दिनों तक जारी रखने से कष्ट दूर होगा।

12. वीर्य विकार, धातु दुर्बलता में Veerya Vikar Aur Dhatu Ke Kamjor Hone Par

फलियों को सुखाकर पीस लें और समभाग मिस्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम जल के साथ नियमित रूप से सेवन करते रहने से कुछ हफ्ते में वीर्य गाढ़ा होगा और उसके सारे विकार दूर हो जाएंगे।

13. कमर दर्द होने पर बबूल का सेवन Babool Ke Dwara Kamar Ka Dard Theek Kare

बबूल की छाल, फली और गोंद समभाग मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करते रहने से कमर दर्द में आराम मिलेगा।

14. रक्त प्रदर  में बबूल का सेवन Rakt Padar Me Babool Ka Sevan :

गोंद और गेहूं समभाग मिलाकर पीस लें। 2 चम्मच की मात्रा सुबह-शाम सेवन करने से मासिक धर्म में खून अधिक जाने की शिकायत दूर होगी।

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