
Story of Badrinath Dham in hindi – बदरीनाथ धाम के बारे में जानकारी Jaane Badrinath Dham Ke Bare Me
उत्तर प्रदेश के गढ़वाल क्षेत्र में समुद्रतल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर ऋषिगंगा और अलकनंदा के संगम पर बसा हुआ बदरीनाथ धाम हिन्दुओं का बहुत बड़ा धार्मिक स्थान है। बदरीनाथ की महिमा का व्याख्यान स्कन्द पुराण व महाभारत में भी किया गया है। इसके दोनों और नर और नारायण की पर्वत श्रेणियां हैं और यहां से नीलकट की बर्फ से ढकी सुन्दर चोटी दिखाई पड़ती है। हिन्दु शास्त्रों में कहा गया है कि बदरीनाथ के दर्शनों के बिना कोई भी यात्रा अधूरी है। बदरीनाथ मन्दिर अलकनंदा नदी के किनारे पर बना है। मंदिर को देखने से इस पर बौद्ध वास्तुकला का प्रभाव स्पष्ट दिखाई पड़ता है।
इसके ठीक सामने गर्मपानी का एक कुण्ड है, जिसे तप्त कुण्ड भी कहा जाता है। श्रद्धालु मन्दिर में दर्शन करने से पहले तप्तकुण्ड में स्नान करते हैं। कहते हैं कि इस कुण्ड के पानी में हिमालय की अनेक बहुमूल्य औषधियों का मिश्रण है, जिसके कारण तप्त कुंड में स्नान करने से हजारों बीमारियों का उपचार स्वयं ही जाता है।
यह मन्दिर प्रत्येक वर्ष मई महीने में खुलता है और नवम्बर महीने के तीसरे सप्ताह में बन्द हो जाता है। बदरीनाथ से 5 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध माणा गांव हैं। यह इस क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पर बसा भारत का अन्तिम गांव है। कहा जाता है कि यहीं पर व्यास गुफा में चारों वेदों के मंत्रों की एक साथ रखकर चार भागों में बांटा गया था।
कई पुराण भी यहां लिखे गए थे। माणा के अतिरिक्त यहां आसपास घूमने के कई और अन्य स्थान भी हैं जैसे चरणपादुका (2 किलोमीटर), शेषनेत्र ताल, व्यास गुफा, गणेश गुफा व भीमपुल (4 किलोमीटर) मातामूर्ति (3 किलोमीटर)।