बहेड़ा के फायदे हिंदी में Baheda Ke Fayde (Benefits) In Hindi

बहेड़ा के फायदे हिंदी में Baheda Ke Fayde (Benefits) In Hindi

प्रसिद्ध योग त्रिफला का एक घटक बहेड़ा होता है। इसका वृक्ष लगभग सभी प्रदेशों में पाया जाता है। वृक्ष की ऊंचाई 60 से 100 फुट होती है, जिसका तना गोल, सीधा, सरल और मोट्रां होता है। मटमैली व हलके पीले रंग की छाल लगभग आधा इंच मोटी होती है। इसके पते 3 से 8 इंच लंबे और 2 से 3 इंच चौड़े महुए के सदृश होते हैं।

वसंत ऋतु में पत्ते झड़कर नए पत्तों का जन्म होता है। पुष्प लंबे पुष्पदंडों पर छोटे-छोटे मंजरियों में हलके हरे रंग या खाकी रंग के लगते हैं। फल अंडाकार, गोल और लंबाई में एक इंच का होता है, जो बहेड़ा के नाम से जाना जाता है। इसके अंदर एक मोंगी निकलती है, जो मीठी होती है। अधिकतर औषधि प्रयोग में फल का छिलका काम में लिया जाता है। आकार के हिसाब से बहेड़ा छोटा और बड़ा दो प्रकार का मिलता है।

हम यहाँ पर इनके बारे में जानेंगे –

  1. कामशक्ति बढ़ाने हेतु To increase empowerment
  2. हाथ-पैर की जलन में In the burning of hands and feet
  3. आंखों की ज्योति बढ़ाने के लिए बहेड़ा का सेवन To increase the flow of eyes
  4. कब्ज़ होने पर ले बहेड़ा Take it when you get constipated
  5. श्वास, दमा रोग में बहेड़ा का सेवन Breathing asthmatic Rog Me Baheda
  6. बालों के रोग में बहेड़ा का इस्तेमाल Baalo Ke Rog Me Baheda Ka Istemaal
  7. अतिसार में लाभकारी बहेड़ा Diarrhea Me Laabhkari Baheda
  8. मुंहासे में लगाए बहेड़ा Muhaase Me Lagay Baheda
  9. खांसी में बहेड़ा से उपाय Cough Me Baheda Se Upaay
  10. शक्ति वर्द्धन के लिए बहेड़ा Power Enhancing Ke Liye Baheda
  11. बच्चों का मलावरोध होने पर बहेड़ा का सेवन Baccho Ka Malavrodh Hone Per Baheda Ka Sevan

बहेड़ा के विभिन्न भाषाओं में नाम Baheda Ke Vibhinn Bhasao Me Name 

  • संस्कृत(Baheda In Sanskrit) – विभीतक।
  • हिंदी (Baheda In Hindi)- बहेड़ा।
  • मराठी (Baheda In Marathi) – बेयड़ा।
  • गुजराती(Baheda In Gujarati) – बहेडां।
  • बंगाली(Baheda In Bangali) – बहेड़े।
  • अंग्रेजी (Baheda In English) – बेलेरिक मिरोबोलम (Beleric Myrobolam)/Bedda Nuts
  • लैटिन (Baheda In Latin) टर्मिनेलिया वेलेरिका(Terminalia Belerica)

बहेड़ा के औषधीय गुण  Baheda Ke Aushdhiy Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार बहेड़ा रस में मधुर, कषाय, गुण में हलका, खुश्क, प्रकृति में गर्म, विपाक में मधुर, त्रिदोश नाशक, दीपन, धातुवर्धक, पोषक, रक्त स्तम्भक, वेदनाहर और आंखों के लिए गुणकारी होता है। यह कब्ज़, उदर कृमि, श्वास, खांसी, बवासीर, अग्निमांद्य, गले के रोग, कुष्ठ, स्वर भेद, आमवात, चर्म रोग, कामशक्ति की कमी, बालों के रोग, जुकाम, हाथ-पैर की जलन में लाभप्रद है।

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वैज्ञानिक मतानुसार बहेड़ा की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके फल में 17 प्रतिशत टैनिन, 25 प्रतिशत मोंगी में हलके पीले रंग का तेल, सैपोनिन, राल पाए जाते हैं।

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बहेड़ा के हानिकारक प्रभाव Harmful effects of bahera (Side Effects)

फल की मोंगी का अधिक मात्रा में किया गया सेवन विषैला प्रभाव उत्पन्न करता है। नशा भी उत्पन्न कर सकता है।

बहेड़ा के विभिन्न रोगों में प्रयोग और आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे Baheda Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Aurvedic Gharelu Nuskhe

1. कामशक्ति बढ़ाने हेतु To increase empowerment :

रोजाना एक बहेड़े का छिलका खाएं और अपनी कामशक्ति को पुनः जाग्रत करे

2. हाथ-पैर की जलन में In the burning of hands and feet :

बहेड़े की मोंगी (बीज) को पानी में पीसकर हाथ-पैर पर मलें। इससे जलन वाले हिस्से पर आराम मिलेगा |

3. आंखों की ज्योति बढ़ाने के लिए बहेड़ा का सेवन To increase the flow of eyes :

बहेड़े का छिलका और मिस्री समभाग मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम गर्म पानी से सेवन करते रहने से कुछ हफ्ते में नेत्र ज्योति बढ़ती है।

4. कब्ज़ होने पर ले बहेड़ा Take it when you get constipated :

बहेड़े का अधपका फल चूर्ण कर लें। सोते समय रोजाना एक-दो चम्मच आवश्यकतानुसार पानी से सेवन करें। सुबह पेट साफ हो जाएगा।

5. श्वास, दमा रोग में बहेड़ा का सेवन Breathing asthmatic Rog Me Baheda

बहेड़े और धतूरे के पते समभाग में चूर्ण कर चिलम में भर कर धूम्रपान करने से रोग में शीघ्र आराम मिलता है। साथ में बहेड़े के फल का छिलका तवे पर सेंककर चूर्ण बनाएं और उसमें तवे पर सेंका हुआ नौसादर का चूर्ण दस और एक के अनुपात में यानी दस भाग छिलका चूर्ण और एक भाग नौसादर चूर्ण मिलाकर आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साय खिलाने से स्थाई आराम मिलेगा।

6. बालों के रोग में बहेड़ा का इस्तेमाल Baalo Ke Rog Me Baheda Ka Istemaal :

बहेड़े के फल का चूर्ण बनाकर 2 चम्मच की मात्रा एक का पानी में रात्रि में भिगोकर रख दें और सुबह इसे बालों की जड़ों पर मल कर लगाएं। एक घंटे बाद नहाते समय धो लें। इस प्रयोग से बालों का असमय गिरन रुकेगा। बीजों की गिरी के 25 मिलीलीटर तेल में 75 मिलीलीटर नारियल का तेल मिलाकर रोजाना सुबह-शाम बालों में लगाने से असमय बालों का पकन, सफेद होना, झड़ना रूसी में फायदा होगा।

7. अतिसार में लाभकारी बहेड़ा Diarrhea Me Laabhkari Baheda :

फलों को जलाकर तैयार की भस्म में, एक चौथाई मात्रा में सेंधा नमव मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में 2-3 बार सेवन करने से शीघ्र लाभ होगा ।  पाण्डु रोग में : बहेड़ा के छिलके का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम नियमित खिलाने से रोग दूर होगा।

8. मुंहासे में लगाए बहेड़ा Muhaase Me Lagay Baheda :

बीजों की गिरी का तेल रोजाना सोते समय मुंहासों पर और पूरे चेह पर मलने से रौनक बढ़ेगी।

9. खांसी में बहेड़ा से उपाय Cough Me Baheda Se Upaay:

मंद आंच पर बहेड़े के फल को भून लें। फिर उसे तोड़कर छिलके वे टुकड़े को मुंह में चाकलेट की तरह चूसते रहने से कफ ढीला होकर खांसी में आराम मिलेगा और आवाज में सुधार आएगा।

10. शक्ति वर्द्धन के लिए बहेड़ा Power Enhancing Ke Liye Baheda :

आंवले की तरह ही तैयार किए बहेड़े के फल का मुरब्ब नियमित रूप से सुबह-शाम खाते रहने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।

11. बच्चों का मलावरोध होने पर बहेड़ा का सेवन Baccho Ka Malavrodh Hone Per Baheda Ka Sevan 

पत्थर पर जला के साथ बहेड़े का फल घिसकर अपिच की माना में एक चमच इय के साथ सेक्नक ने से मतावो दूर हागा।

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