बेल खाने के फायदे Bel Khane Ke Fayde In Hindi

bael bilwa ke fayde

आइये जाने बेल खाने के फायदे  Bel khane Ke Fayde In Hindi – benefits 

धार्मिक दृष्टिकोण से बेल के वृक्ष का अत्यंत महत्व है, क्योंकि शिवजी की पूजा के लिए इसके तीन पते वाले गुच्छे चढ़ाए जाते हैं। ऐसी मान्यता भी है कि भगवान शिव इस वृक्ष के तले ही वास करते हैं। इसके वृक्ष प्राय: समस्त भारत में मिलते हैं। इसकी छाया बड़ी शीतल और आरोग्यकारक मानी जाती है।

वृक्ष की ऊंचाई आमतौर पर 20 से 30 फुट होती है। इसकी डालियों पर लगभग एक इंच लंबे कांटे लगे होते हैं। टहनियों पर पते संयुक्त रूप से 3-3 की संख्या में, अंडाकार व नोकदार लगते हैं। पते रंग में गहरे हरे और सुगंधित होते हैं। गर्मियों में पते झड़ जाते हैं और मई के बाद नए पते और पुष्प लगने लगते हैं।

पुष्प हरापन लिए सफेद रंग के सुगंधित 4-5 पंखुड़ियों से युक्त होते हैं। फल अगले मार्च से मई के बीच हरे रंग के कठोर आवरण युक्त, आमतौर पर 3 से 6 इंच व्यास के लगते हैं, जो पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं।फल का गूदा पीला, सुगंध लिए, बीजों से युक्त होता है। बेल के फल स्थान-भेद के कारण दो प्रकार के मिलते हैं। कलमी किए हुए वृक्ष का फल बड़ा, छिलका कम कठोर, गूदा स्वादिष्ठ, कम बीजों वाला और सुगंध युक्त होता है,

जबकि जंगलों में अपने आप उग आने वाले वृक्षों में लगे फल छोटे, कठोर आवरण युक्त, अधिक बीजयुक्तु, स्वादहीन और मादक होते हैं। बेल को बिल्व कहने का कारण यह है कि रोगों को नष्ट करने की इसमें अद्भुत क्षमता होती है। इसके पते, छाल, कच्चा फल, पका फल, बीज, फूल, जड़ सभी औषधि के रूप में काम आते हैं।

इनके बारे में ये भी पढ़े और जाने 

    1. आमातिसार, पेचिस में बेल सेवन Amatisar, Pachis Me Bel Ka Sevan
    2. अतिसार में बेल से उपचार Atisaar Me Bel Se Upchaar
    3. पेशाब की रुकावट  होने पर बेल का सेवन Toilet Ki Rukavat Hone Per Bel
    4. कान के रोग में बेल देगा आराम Bel, Will Give Rest In Ear Disease
    5. फोड़े, घाव पर लगाये बेल Phode, Ghaw Per Lagay Bel
    6. दमा और श्वास की तकलीफ में बेल का सेवन Asthma And Breath  Ki Problums Me Bel Ka Sevan
    7. खूनी बवासीर लगने पर बेल  से लाभ Bloody Piles Lagne Per Bel Se Labh
    8. कब्ज़ होने पर बेल  का सेवन Constipation Hone Per Bel Ka Sevan
    9. बहुमूत्र  होने पर बेल उपयोगी Polymorphous Hone Per Bel  Useful
    10. शारीरिक कमजोरी में बेल का सेवन Physical Weakness Me Bel   Ka Sevan
    11. मधुमेह में बेल का प्रयोग Use Of BelIn Diabetes
    12. विषैले कीड़ों के काटने पर  बेल से उपचार Vishele Kidhe Ke Kathne Per BelSe Upchaar

बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम Bel Bilw Ke Vibhinn Bhasao Me Name

  • संस्कृत  Bel In Sanskrit – बिल्व, श्रीफल।
  • हिंदी Bel In Hindi -बेल, बील।
  • मराठी Bel In Marathi -बेल।
  • गुजराती Bel In Gujarati – बिली।
  • बंगाली Bel In Bangali – बेल ।
  • अंग्रेज़ी Bel In English – बेल प्रकूट ट्री (Bel Fruit Tree)
  • लैटिन Bel In Latin – ईगल मार्मलोस(Aegle Marmelos)

बेल के  औषधीय गुण Bel Ke Aushdhiy Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार बेल के पत्ते वात, कफ, शूल, शोथ, आम ज्वर को नष्ट करने वाले और संकोचक होते हैं। फूल वमन, तृष्णा और अतिसार में लाभदायक होते हैं। कच्चा फल रस में कटु, तिक्त, कषाय, गुण में हलका, स्निग्ध, तासीर में गर्म, विपाक में कटु, पाचक, वात, कफ, शूल नाशक, संकोचक, हृदय के लिए हितकारी,

आंतों को शक्ति पाहुचाने वाला होता है । जबकि पक्का फल मीठा, मधुर, गुण में भारी, स्निग्ध, तासीर में शीतल, रुचिकर, मृदु, विरेचक, वात कारक, अग्नि को मंद करने वाला, दुर्गन्धयुक्त अधोवायु पैदा करने वाला होता है। बीज चूर्ण विरेचक और तेल गरम व वातनाशक होता है। जड़ हलकी, मधुर, त्रिदोष नाशक, वमन, शूलनाशक और वात, नाड़ी संस्थान पर शामक प्रभाव डालती है। आयुर्वेद के प्रसिद्ध योग ‘दशमूल क्वाथ’ में इसकी जड़ का समावेश किया जाता है ।

वैज्ञानिक मतानुसार बेल के रासायनिक संगठन का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसकी जड़ और छाल में शर्करा, टैनिन, कई विशिष्ट एल्केलाइड्स के यौगिक, खनिज लवण पाए जाते हैं। पत्तों में इगेनिल, इगेलिनिन नामक एल्केलाइड्स, एक हरा-पीला तेल भी पाया जाता है। भस्म में अनेक लवण मिलते हैं।

इसे भी पढ़े – ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice

बीजों में हलके पीले रंग का तेल 12 प्रतिशत तक, शकरा 4.6 प्रतिशत, उड़नशील तेल व तिक्त सत्व पाया जाता है। फल के गूदे में 19.5 प्रतिशत म्यूसिलेज पेक्टिन, 19 प्रतिशत शर्करा, 18.22 प्रतिशत प्रोटीन, 1.7 प्रतिशत खनिज लवण, 2 प्रतिशत चिकनाई और 7 प्रतिशत रेशे मिलते हैं। अल्प मात्रा में गोंद टेनिन्स, मार्मेलोसिन रसायन, विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, एलोइम्पेरेटोरिन भी पाए जाते हैं। ऊर्जा के रूप में प्रति 100 ग्राम बेल के गूदे से 137 कैलोरी प्राप्त होती है।

बेल मज्जा में स्थित म्यूसिलेज पेक्टिन के कारण दस्त में आंतों के अंदर के घाव को स्वस्थ करने की अद्भुत क्षमता होती है, जिसके कारण आंतें कमजोर होने से बच जाती हैं, मल संचित नहीं होता और बड़ी आंत में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणुओं को भी यह नष्ट कर देता है। हुकवर्म को मारकर बाहर निकालने की विशेष क्षमता बेल में पाई जाती है। बेल का फल पतले दस्तों को जहां बांधता है, वहीं कब्ज़ को दूर भी करता है।

Also Read – जटामांसी के फायदे और नुकसान

बेल के विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु उपाय Bel Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Gharelu Nuskhe

1. आमातिसार, पेचिस में बेल का सेवन Amatisar Pechis Me Bel Ka Sevan :

कच्चे फलं के गूदे की सेंककर या सुखाकर आधी मात्रा में मिस्री मिलाकर चूर्ण कर लें। दिन में 3 बार 2-2 चम्मच की मात्रा में सेवन करें।

2. अतिसार में बेल से उपचार Atisaar Me Bel Se Upchaar :

कच्चे फल का सूखा गूदा चूर्ण कर एक चम्मच की मात्रा में एक कप दही के साथ दिन में 3 बार लेने से पतले दस्तों में आराम मिलेगा। यही प्रयोग आमातिसार, रक्त वाले दस्त, प्रवाहिका में भी गुणकारी है।

3. पेशाब की रुकावट  होने पर बेल का सेवन Pehsab Ki Rukavat Hone Per Bel  :

फल के गूदे का चूर्ण और कबाब चीनी समभाग पीस कर एक चम्मच की मात्रा एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें।

4. कान के रोग में बेल देगा आराम Kan Ke Rogo Me Bel Ke Benefits

बिल्व का तेल कानों में 2-3 बूंद टपकाने और गर्म कपड़े से सिंकाई करने से कान दर्द में आराम मिलेगा। कुछ दिन नियमित रूप से डालने से बहरेपन में लाभ होगा, कान में मैल जमा हो गया हो, तो वह बाहर आ जाएगा।

5. फोड़े, घाव पर लगाये बेल Phode, Ghaw Par Lagay Bel  :

बेल के हरे पत्तों की लुगदी फोड़े, घाव पर बांधने से वे शीघ्र ठीक हो जाते हैं।

6. दमा और श्वास की तकलीफ में बेल का सेवन Asthma And Sans Ki Problems Me Bel Ka Sevan :

बेल की पत्तियों से बना काढ़ा आधा कप की मात्रा में 2 चम्मच शहद मिलाकर 2-3 बार सेवन करने से लाभ मिलेगा।

7. खूनी बवासीर लगने पर बेल  से लाभ Khooni Bawaseer Me Bel Se Labh :

बेल का कच्चा गूदा 50 ग्राम, सौंफ 25 ग्राम और सोंठ 15 ग्राम मिलाकर पीस लें। 2 चम्मच की मात्रा शहद के साथ दिन में 3 बार लें।

8. कब्ज़ होने पर बेल  का सेवन Constipation Hone Par Bel Ka Sevan :

बेल के पके फल का गूदा एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ लें। पुरानी कब्ज़ में 4 चम्मच चूर्ण 2 चम्मच मिस्री के साथ सेवन करें।

9. बहुमूत्र  होने पर बेल उपयोगी Bahumootra Hone Par Bel Useful :

पके बेल के गूदे को 2 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम लें।

10. शारीरिक कमजोरी में बेल का सेवन Kamjori Hone Par Bel Ka SEvan Kare

बेल के फल का चूर्ण 2 चम्मच मिस्री मिले दूध के साथ दिन में तीन बार नियमित रूप से सेवन करें। इससे आपके शरीर में फुर्ती आजायेगी और आप तरोताजा महसूस करोगे |

11. मधुमेह में बेल का प्रयोग Madhumeh Me Bel Ka Sevan Laabhdayak

बेल के कोमल पतों का 10 मिलीलीटर (2 चम्मच) रस नियमित रूप से खाली पेट सुबह के समय पीने से पेशाब की चीनी धीरे-धीरे दूर हो जाएगी। बीच-बीच में जांच कराते रहें। जब तक पूर्ण रूप से चीनी आना बंद न हो जाए, प्रयोग जारी रखें।

12. विषैले कीड़ों के काटने पर  बेल से उपचार Poisionous Keede Ke Katne Par Bel Se Upchaar :

दंश पर बेल के पत्तों का रस बार-बार लगाएं और ऊपर से पत्तों की लुगदी बांध दें। सूजन, दर्द में अराम मिलेगा। और काटने का निशान भी नही दिखेगा |

Searches related to Bel ke fayde  बेल का मुरब्बा के फायदे

  • बेल पाउडर के फायदे Benefits of Bel Powder
  • बेल फल Bel Fruit
  • बेल चूर्ण के फायदे  Benefits of Bel Churn
  • बेल के पत्ते के फायदे  Benefits of Bel leaf
  • बेल का जूस Bel juice
  • बेल पत्र के फायदे Benefits of Bel’s Joesabel
  • बेल के नुकसान Loss of Bel