ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice In Hindi

ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice In Hindi - Uses and Side Effects

ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice In Hindi – Uses and Side Effects

घीग्वार सारे भारत में पैदा होता हैं | इसे घर के बगीचों में भी औषधीय गुणों के कारण लगाया जाता है | आमतौर पर इसका पौधा खेतों की बाड़ में, नदी किनारे यूं ही उग आता है | इसके पौधे की उचाई 2-3 फुट होती है | जड़ के ऊपर तने से पत्ते निकलना शुरू होते है | पत्ते प्रारंभ में सफेद रंग के होते है, जो बाद में बड़े होकर हरें हो जाते है | पत्ते की लम्बाई एक से डेढ़ फुट और चौड़ाई एक से 3 इंच तक होती है | मोटाई में ये गुदा भरे होने के कारण लगभग आधा इंच मोटे होते है | इन्हे छिलने से घी जैसा गुदा निकलता है, जिसे सुखाकर ‘मुसब्बर’ नामक पदार्थ बनाया जाता है | पत्ते आगे नोकदार और किनारों पर कांटेदार होते है | पुराने पौधे में बीचोबीच एक दंड पर लाल पुष्प लगते हैं | फल एक से डेढ़ इंच लम्बे फलियों के रूप में लगते हैं, जिनका उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता है | अलग-अलग स्थानों पर इसकी अनेक जातियां मिलती है |

एलो वेरा के विभिन्न भाषाओँ में नाम

  • संस्कृत (Aloe Vera In Sanskrit) – घृतकुमारी |
  • हिंदी (Aloe Vera In Hindi)- घिंग्वार, ग्वारपाठा |
  • मराठी (Aloe Vera In Marathi)- कोरफल, कोरकांड |
  • गुजराती (Aloe Vera In Gujarati) – कंवार पाठू |
  • बंगाली (Aloe Vera In Bengali)- घृतकोमरी |
  • अंग्रेजी (Aloe Vera In English)- एलो (Aloe)|
  • लैटिन (Aloe Vera In Latin) – एलो वेरा (Aloe Vera) |

ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice In Hindi - Uses and Side Effects

एलो वेरा के औषधीय गुण Aloe Vera Ke Aushadhey Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार घीग्वार स्वाद में मधुर, शीतल प्रकृति, गुरु, स्निग्ध, विपाक में कटु, वात-कफहर, विषनाशक, पुष्टिकारक, विर्येवर्धक, बलवर्धक, खून को शुध्द करने वाला, आँखों के लिए हितकारी होता है | यह बुखार, ग्रंथि, यकृत, प्लीहा, त्वचा, रक्त विकारो को दूर करने वाला, कब्ज, खांसी, दमा, मासिक धर्म के विकार, पेट में वायुगोला, शोथहर, आग से जलने पर, अंडवृधि में भी गुणकारी हैं |

यूनानी चिकित्सा सिध्दांतानुसार घीन्ग्वर दुसरे दर्जे का गर्म और खुशक होता हैं | यह कब्ज दूर करने वाला, रक्तशोधक, आमाशय को बल देने वाला, मूत्र और रज प्रवर्तक, यकृत, प्लीहा और तिल्ली के बढ़ाव को कम करने वाला, आँखों के लिए गुणकारी, हाजमा बढ़ाने वाला, कृमिनाशक, बवासीर की उत्तम औषधि और संधियों के विकारो में भी गुणकारी होता है |

वैज्ञानिक मतानुसार घीग्वार का रासायनिक विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है की इसमें एलोइन नामक ग्लूकोसाइड समूह होता है | मुख्य घटक बारबेलोइन कहलाता है | इसके अलावा आइसोबारबेलिन, एलो इमोडिन, क्राइसोफेनिक अम्ल, एंजाइम्स, राल, गैलिक एसिड, सुगन्धित तेल भी होता है | घीग्वार यकृत की सुजन, हृदय रोग से उत्पन्न गुर्दे की सुजन में गुणकारी है | रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाकर रक्ताल्पता (एनीमिया) दूर करना और पित्ताशय की क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना इसका विशेष गुण है | गुदा व्रणों को भरने की यह सवोत्तम

एलो वेरा के नुकसान Aloe Vera Ke Side Effects (Nuksaan)

गर्भवती और प्रसूता स्त्रियों को उनके स्तनपान के दौरान घीग्वार का सेवन नहीं कराएँ | जिन रोगों में शारीर से रक्तस्त्राव हो रहा हो, उनमें भी इसका सेवन हानिप्रद होता है | अधिक मात्रा में सेवन करने से मरोड़ के साथ दस्त होने लगते है |

एलो वेरा इस्तेमाल की मात्रा Aloe Vera Uses Quantity

पत्तो का रस 10 से 20 मिलीलीटर | चूर्ण 200 से 500 मिलीग्राम |

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एलो वेरा से विभिन्न रोगों का उपचार Benefits of Aloe Vera Juice In Hindi

1. सूजन को ठीक करने में Swelling Treatment : घीग्वार का पत्ता, सफेद जीरा और हल्दी पीसकर तैयार लेप को सुजन पर लगाएं | दिन में 2-3 बार प्रयोग दोहराएँ |

2. आग से जलने पर Burning Ka Upchar: घीग्वर के पत्ते को चीरकर निकले गुदे को जली हुई त्वचा पर दिन में 2-3 बार लगाने से जलन दूर होकर शांति मिलेगी, घाव शीघ्र भरेगा |

3. गांठ (गठान) Ganth Ko Theek Karne Me: शरीर की किसी ग्रंथि में गांठ पर जाए, तो घिग्वर का गुदा लहसुन और हल्दी मिलाकर गर्म-गर्म लेप लगाएं |

4. पेट की तकलीफें Pet Ki Beemari Ka Upchar:  घीग्वर के गुदे को पेट पर बांधने से कड़ा पेट नरम होकर, आंतों में जमा मल गुदा से निकल जायेगा और पेट की अन्दर की गांठे गल जाएंगी |

5. फोड़े-फुंसी पर Fode Funsi Ka Upchar : घीग्वर का गुदा गर्म करके बांधने से या तो वह बैठ जाएगी | या पककर फुट जाएगी | फूटने के बाद गुदे में हल्दी मिलाकर लगाने से घाव शीघ्र भर जायेगा |

6. उदर रोगों में : 10 ग्राम घीग्वार के गुदे का ताज़ा रस में एक-एक चम्मच शहद और निम्बू का रस मिलाकर सेवन करने से उदर रोगों में आराम मिलता है |

7. बवासीर Bawasir Ka Desi Upchar : गुदे में थोरा पिसा हुआ गेरू मिलाकर मस्सो पर बांधने से जलन, पीड़ा दूर होकर रक्त गिरना बंद हो जायेगा |

8. हिचकी Hiccups Ko Theek Karne Me :  दो चम्मच घीग्वार का रस आधे चम्मच सोंठ के चूर्ण के साथ सेवन करने से हिचकी में आराम मिलता है |

9. त्वचा के मस्से Masse Ko Theek Karne Ke Liye: इन्हे दूर करने के लिए बार-बार घीग्वार का गुदा लगाए |

10. मासिक धर्म चालू करने के लिए Masik Dharm Ki Samsya:  घीग्वार के 20 ग्राम गुदे में 10 ग्राम पुराना गुड मिलाकर ऐसी एक मात्र दिन में दो बार 3-4 दिनों तक खिलाने से लाभ होगा |

11. पौष्टिक, बलवध्दक योग : घीग्वार के 2-4 पत्तो को चीरकर उसका सारा गुदा निकाल लें | उसमें नीम गिलोय का एक चम्मच चूर्ण मिलाकर नियमित रूप से रोजाना एक बार सेवन करते रहने से शारीरिक स्वास्थ्य उतम बना रहता है |

12. कमर दर्द Kamar Dard Ka Upchar: 20-25 ग्राम गुदे में शहद और सोंठ का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करें |

13. आँखों का दर्द Eye’s Pain Relief: गुदे में हल्दी क चूर्ण मिलाकर गरम करें और सहनीय अवस्था में पैरों के तलवों में लगाकर बांधने से आँखों का दुखना दूर होता है |

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