
आज यहाँ पर हम जानेंगे बिलियर्ड्स खेल के नियम हिन्दी में Billiards Game Rules and Information In Hindi
Billiards Game History – यह एक विदेशी खेल है, जो भारत में बहुत देर से आया| ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर इस खेल की शुरुआत 17वी शताब्दी में हुई| इसकी शुरुआत फ़्रांस के चौदहवें लुई ने की| उसने इसके लिए एक तबले का निर्माण कराया और अपनी दिनचर्या से कुछ समय निकाल कर केवल मनोरंजन के लिए इसी तले पर खेलना शुरू किया| उसके मित्र खेल के दर्शक हुआ करते थे|
उन्होने भी ऐसी टेबल बनवाई और खेलना शुरू किया| फ़्रांस से यह खेल धीरे-धीरे इंग्लैंड आया| इंग्लैंड से अंग्रेज़ो द्वारा यह भारत आया| भारत के कई उच्च अधिकारियों ने इस खेल के प्रति लोगों की रुचि जाग्रत की| आज संसार में अत्यंत लोकप्रिय हों चुका है| होटलों और क्लबों में यह ज़्यादातर खेला जा रहा है|
बिलियर्ड टेबल की बनावट Billiard Table ki Banavat
बिलियर्ड टेबल बहुत कीमती लकड़ी की बनी होती है| इसके ऊपर हार्डबोर्ड लगा होता है| हार्डबोर्ड के ऊपर हरे या नीले रंग का मखमल का कपड़ा चढ़ाकर उसे चिपका दिया जाता है| यह एक आयताकार टेबल होती है, जिसके चारों कोनो पर एक-एक छिद्र होता है| लंबाई वाले सिरों के बीच दोनों ओर एक-एक छिद्र और होता है| इस प्रकार कुल मिलकर 6 छिद्र होते है| इन छिद्रो को पॉकेट कहा जाता है| इनके नीचे जालियां लगी होती है, ताकि गेंद उनमे जाकर रुक जाए|
1. बिलियर्ड की बॉल Billiard Ki Ball Kaise Hoti Hai
बॉल फाइबर अथवा प्लास्टिक की बनी होती है| यह दो रंग की होती है- सफ़ेद तथा लाल| खेल के दौरान सफ़ेद बॉल के दो तथा लाल के तीन अंक होते है| यह खेल दो खिलाड़ियो के मध्य खेला जाता है| प्रत्येक खिलाड़ी को दो-दो सफ़ेद गेंद दी जाती है| लाल रंग की बॉल एक ही होती है, जिससे दोनों खिलाड़ी खेल सकते है|
2. बिलियर्ड की क्यू Billiards Ki Cue Kya Hai
क्यू एक ऐसा उपकरण है, जिससे यह खेल खेला जाता है| यह एक लकड़ी की बनाई गई लंबी छड़ी होती है|ये भी दो प्रकार की होती है-एक लंबी व दूसरी छोटी| इनसे बॉल हिट की जाती है, जो बॉल ज्यादा दूरी पर होती है, उसे लंबी क्यू से हिट किया जाता है| पास वाली बॉल के लिए छोटी क्यू होती है| जिस ओर से गेंद को हिट किया जाता है, वह सिरा नुकीला होता है| नोक खराब होने पर वह खेलने लायक नहीं रहती है|
3. बिलियर्ड में मार्कर क्या है Marker In Billiards
इस खेल को नियमानुसार खिलाने के लिए जो रेफरी नियुक्त किया जाता है, उसे मार्कर कहा जाता है| मार्कर का खेल पर पूर्ण नियंत्रण रहता है| गलती का निर्णय लेना मार्कर के अधिकार क्षेत्र में ही आता है| अंको की गणना व हार-जीत का परिणाम भी उसी को देना होता है|
बिलियर्ड पॉट्स क्या होता है What Are Billiards Pots
टेबल पर रख गेंद को क्यू द्वारा हिट करने को पॉट्स कहा जाता है| पॉट्स तीन प्रकार के होते है-
1. | फाइव शॉट्स इन वन – इस पॉट मे लाल के तीन अंक व सफ़ेद के दो अंक मिलते है| लाल रंग की बॉल का पॉकेट में जाने से खिलाड़ी को लाभ मिलता है| |
2. | सेकंड इनफ्स – जब अपनी बॉल से क्यू हिट करने के पश्चात् बॉल दूसरे खिलाड़ी की बॉल से टकराकर पॉकेट में चली जाती है, तो इसे ‘इनफ़’ कहा जाता है| इसमे भी यदि बॉल लाल रंग की बॉल से टकराकर पॉकेट में चली जाती है, तो 3 अंक मिलते है, अन्यथा 2 अंक| |
3. | केनन – जब क्यू से हिट की गई बॉल बाकी की दोनों बॉलों से टकरा जाती है, तो केनन कहलाती है| इस स्थिति मे खिलाड़ी को 2 अंक प्राप्त होते है| |
बिलियर्ड खेल में फाउल कैसे होता है Foul In Billiards
1. | शॉट लगते समय प्रत्येक खिलाड़ी को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसके शरीर का कोई भी अंग बॉल का स्पर्श न कर पाए| ऐसा होने पर उस खिलाड़ी द्वारा अर्जित कुल अंको में से दो अंक घटा दिए जाते है| |
2. | बॉल पर क्यू का निशाना सही न लगने पर भी नियम-विरुद्ध माना गया है| इसे मिस क्यू कहा जाता है| |
3. | बॉल का टेबल से हटकर नीचे गिर जाना भी फाउल होता है| |
4. | सीधा शॉट नहीं लगाना चाहिए,अर्थात बॉल को क्यू द्वारा हिट किए जाने पर बाल सीधी पॉकेट में नहीं गिरना चाहिए| |
इन फाउल के होने से खिलाड़ी के कुल अंको के योग से 2 अंक प्रति फाउल घटा दिए जाते है|
बिलियर्ड में निर्णय लेने का क्या तरीका है
इस खेल का निर्णय दो प्रकार से होता है-
1. समय को आधार मानकर – इसमें निर्धारित समय में अधिक अंक लाने वाले को विजई घोषित करते है |
2. अंको को आधार मानकर – इसमें सबसे पहले निश्चित अंक प्राप्त करने वाला खिलाड़ी विजयी घोषित किया जाता है|