
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बॉडी मास इंडेक्स केलकुलेटर क्या होता है (What is Body Mass Index Calculator) और इसका इस्तेमाल कब करना चाहिए और किसे करना चाहिए |
डॉक्टरों विशेषज्ञों द्वारा एक तरीका निर्धारित किया गया है, जिससे लंबाई के अनुसार कितना वेट (weight) होना चाहिए, इसका पता लगता है और इसी को बीएमआई (BMI) यानी कि बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index) कहा जाता है | यह पुरुषों, महिलाओं, बच्चों और छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
यदि आपका बीएमआई अधिक है तो इसका मतलब है –
- आप स्वस्थ पुरुषों की अपेक्षाकृत ज्यादा मोटे हैं;
- और आपको अपने शरीर में ध्यान देने की जरूरत है;
- और व्यायाम तथा डाइट में सुधार करने की आवश्यकता है;
साथ ही साथ, यदि आपका बीएमआई एक निश्चित दायरे से कम है, तो आपको अपने शरीर में कुछ अधिक वेट गेन (weight gain ) करने की जरूरत है और उसी के अनुसार अपने खाने में परिवर्तन करने की भी जरूरत है |
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बी.एम.आई. यानी बॉडी मास इंडेक्स, जो स्वास्थ्य रेंज है, वह है 18 से लेकर 25 किलोग्राम/मीटर ² |
बॉडी मास इंडेक्स को एक स्क्वायर मीटर में कितना वेट है, इससे नापा जाता है | पहले इसका नाम बॉडी मास इंडेक्स नहीं था, लेकिन 1972 में इसे बॉडी मास इंडेक्स के नाम से जाना जाने लगा |
जैसा कि आप सभी जानते हैं, ना तो अधिक पतले लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होता है और ना ही अधिक मोटे लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होता है | इसीलिए एक बीच की रेंज निर्धारित की गई है जिस रेंज में आपको स्वस्थ माना जाता है और सभी को इस रेंज में आने का प्रयास करना चाहिए
बीएमआई और स्वास्थ्य का क्या संबंध है?
शरीर में कितना फैट उपलब्ध है, यह अधिक आवश्यक है ना कि आपका वेट कितना है | जहां तक स्वास्थ्य की यानी कि अच्छे स्वास्थ्य की बात है, शरीर में उपलब्ध अधिक फैट नकारात्मक माना जाता है और यदि मसल का मांस (Muscle Mass) इससे ज्यादा है तो उसे पॉजिटिव माना जाता है |
बीएमआई शरीर में उपलब्ध fat और Fat के बिना वेट को अलग अलग नहीं मानता है | इसके बावजूद ज्यादातर लोगों का बॉडी मास इंडेक्स, बॉडी के फैट को बताता है | इस प्रकार लगभग 73% लोग ऐसे हैं, जिनका बॉडी मास इंडेक्स यदि सही होता है, तो उनके शरीर का स्वास्थ्य भी सही होता है | इसलिए बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई का महत्व काफी बढ़ जाता है |
शरीर में उपलब्ध फैट का परसेंटेज और बीएमआई में क्या तुलना है?
स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होने के बावजूद शरीर में उपलब्ध फैट का परसेंटेज, पूरी तरह स्वास्थ्य को नहीं बताता है | शरीर में उपलब्ध फैट को नापने का बहुत ही साधारण तरीका होता है, जो कि बहुत ही एक्यूरेट रिजल्ट नहीं देता है और जो एक्यूरेट रिजल्ट देते हैं, वह बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड होते हैं और इसको नापने के लिए अच्छे ट्रेंड (Well Trained ) लोगों की जरूरत होती है |
वहीं पर बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को नापने के लिए बहुत ही साधारण सा फार्मूला है और यह काफी विश्वसनीय भी है | इसी कारण से बॉडी मास इंडेक्स को दुनिया में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है और इसे स्वस्थ मनुष्य का पैरामीटर भी कहा जाता है |
बॉडी मास इंडेक्स डेवेलप होने के 4 फेस होते हैं –
- पहला फेस तब होता हैं जब बच्चा जब जन्म लेता है, तब उसे बर्थ कैनाल से निकलना होता है और ऐसी स्थिति में शरीर में मौजूद फैट कम होना अच्छा माना जाता है | उसके बाद धीरे-धीरे इसका विकास होता है |
- दूसरा फेस जब बच्चे थोड़ा बड़े हो जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में उनका वेट काफी तेजी से बढ़ने की जरूरत होती है | साथ ही साथ उनकी लंबाई भी बढ़ती है, जिसकी वजह से बॉडी मास इंडेक्स कभी कम हो जाता है तो कभी अधिक हो जाता है | सबसे कम यह लगभग 6 साल की उम्र में होता है |
- तीसरा फेस तब आता है, जब बच्चे एडल्ट हो रहे होते हैं यानी Teenage की स्थिति होती है | जिसमें शरीर लंबाई भी बढ़ती है और शरीर का मांस भी बढ़ता है | इस उम्र में शरीर का मांस अधिक बढ़ता है, जिससे बॉडी मास इंडेक्स बढ़ने लगता है और बच्चा एडल्ट का आकार लेने लगता है |
- चौथा फेस तब आता है, जब एडल्ट हो जाते हैं और पूरी लंबाई प्राप्त कर लेते हैं | उसके बाद बॉडी मास इंडेक्स लगभग फ्लैट हो जाता है और पूरी उम्र तक लगभग यही बना रहता है
महिलाओं और पुरुषों की बॉडी मास इंडेक्स में क्या अंतर होता है (Difference in BMI of Men and Women)
छोटे बच्चे हो या बड़े हो, पुरुषों में बॉडी मास इंडेक्स काफी तेजी से बढ़ता है | क्योंकि पुरुष लोग का के शरीर का साइज महिलाओं की तुलना में बड़ा होता है |