चंदन के फायदे और नुकसान Chandan (Sandalwood) Benefits In Hindi

Chandan (Sandalwood) Benefits - Fayde In Hindi

चंदन के फायदे और नुकसान Chandan (Sandalwood) Benefits In Hindi

चंदन की पैदावार तमिलनाडू, मालाबार और कर्नाटक में अधिक होती है | इसका वृक्ष सदाबहार, 30 से 40 फुट ऊँचा और अध्दॅ पराश्रयी होता है | बहार से छाल का रंग मटमैला, काला और अन्दर से लालिमायुक्त लंबे चिरेदार होता है | तने के बाहरी भाग में कोई गंध नहीं होती, जबकि अन्दर का भाग सुगन्धित और तेल युक्त होता है | पत्ते अंडाकार के तथा एक- दो इंच लम्बे होते हैं | पुष्प गुच्छो में, छोटे-छोटे, पीलापन लिए, बैगनी रंग के तथा बिना किसी गंध के लगते है | फल छोटे, गोल, मांसल, पकने पर गहरे बैगनी रंग के होते है | आमतौर पर फूल और फल की बहार जून से सितम्बर और नवम्बर से फरवरी तक आती है | एक वृक्ष की आयु लगभग 50 वर्ष होती है | चन्दन 5-6 प्रकार का मिलता है, जिसमे सफेद, लाल, पित, कुचंदन (पतंग) रंगों के आधार पर आमतौर से जाने जाते है | उतम चन्दन स्वाद में कटु, घिसने पर पिला, ऊपर से सफेद, काटने में लाल, कोटरयुक्त और गांठदार होता है |

चन्दन के विभिन्न भाषाओँ में नाम

  • संस्कृत (Sandalwood In Sanskrit) – गंधसार, चंदन |
  • हिंदी (Sandalwood In Hindi) – चन्दन |
  • मराठी (Sandalwood In Marathi) – चंदन |
  • बंगाली (Sandalwood In Bengali) – चंदन |
  • गुजरती (Sandalwood In Gujarati)- सुखड |
  • अंग्रेजी (Sandalwood In English)- सैंडल वुड (Sandal wood) |
  • लैटिन (Sandalwood In Latin) – सैण्टलम एलबम (Santalum Album) |

चन्दन के औषधीय गुण Chandan Medicinal Properties

आयुर्वेद के मतानुसार, चंदन रस में मधुर, तिक्त, लघु, शीतल प्रकृति का, विपाक में कटु, पित्त-कफशामक होता है | चन्दन का लेप दाह को शांत करने में सर्वश्रेष्ठ है | शारीर के त्वचा के वर्ण में निखर लाना, खाज-खुजली में राहत पहुचाना, शारीरिक विषों के प्रभाव को नष्ट करना, सुगंध के कारण मद और मदन को बढ़ाने वाला, रक्तस्त्रावी रोग जैसे-रक्तप्रदर, खुनी बवासीर, टी.बी., रक्तमेह आदि में भी गुणकारी है |

वैज्ञानिक मतानुसार, चन्दन के रासायनिक संगठन का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है की इसमें 90 प्रतिशत सैण्टलोल नामक तत्व होता है | इसके अलावा टैनिक एसिड, राल भी पाए जाते है | एक किलो चन्दन की लकड़ी से 100 मिलीलीटर तेल निकलता है, जो पीलापन लिए, कटूतिक्त स्वादयुक्त, गाढ़ा स्थिर तेल निकलता है | चन्दन का तेल गर्म प्रकृति का, धारक, कफ निस्सारक, उत्तेजना, जिवानुनाशक, आंतरिक झिल्ली पर संकोच पैदा करने वाला और अति प्यास, मुह का सुखना, कटी वेदना में भी गुणकारी होता है |

चन्दन के प्रयोग की मात्रा Chandan Uses Quantity

  • चूर्ण 3 से 6 ग्राम
  • तेल 5 से 20 बूंद |

चन्दन से विभिन्न रोगों का इलाज Chandan (Sandalwood) Benefits – Fayde In Hindi

मूत्र रोग Chandan Se Mootra Rog Ka Upchar

8 से 10 बूंद चंदन का तेल बतासे में डालकर एक कप दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पेशाब की जलन, पेशाब में पीव (पस) आने की तकलीफ दूर हो जाती है |

दाह, जलन Sandalwood Se Jalan Ka Upchar:

शरीर के जिन अंगो में दाह या जलन महसूस हो, उन पर चन्दन को पानी में घिसकर बनाया गया लेप लगाएं | इससे कष्ट में शीघ्र रहत मिलेगी |

ग्वारपाठा के उपयोग और फायदे Benefits of Aloe Vera Juice

फोड़े-फुंसी, घाव : चन्दन पानी में घिसकर लगाने से ये शीघ्र ठीक हो जाते है |

वमन होने पर चन्दन चूर्ण 

एक चम्मच चन्दन का चूर्ण, इतनी ही मात्रा में आंवले का रस और शहद को मिलाकर पिलाने से वमन का कष्ट दूर होता है |

मुहांसे को ठीक करें चन्दन से 

मुहासों को ठीक करने यह बहुत लाभकारी होता है | इसके लिए दूध में लाल चन्दन घिसकर दिन में 2-3 बार कुछ दिन नियमित लगाए | इससे कुछ दिनों में मुहांसे ठीक होने लगते हैं |

कान के दर्द का इलाज

चन्दन का पाउडर लेकर उसे नारियल या सरसों के तेल में गर्म करें | गुनगुना गर्म तेल होने पर कान में 2-3 बूंद टपकाएं | दिन में 3 बार ऐसा करने से कुछ दिनों में ही कान का दर्द ठीक हो जाता है |

स्किन की समस्या का समाधान chandan powder for fair skin in hindi

चन्दन को घिसकर बनाएं गए लेप में थोडा सा कपूर और गुलाब जल मिलाकर त्वचा के समस्त विकारों पर लगाने से लाभ मिलता है |

चन्दन से सिर दर्द का इलाज

चन्दन के घिसे लेप में हरे धनिए का रस और गुलाब जल मिलाकर मस्तक पर 2-3 बार लेप करने से सिर दर्द दूर होगा |

पसीने की अधिकताहोने पर

हाथ-पैरों के तलवों पर पसीना अधिक आने पर चन्दन को आंवले के रस में घिसकर बनाए गए लेप को लगाएं, कुछ दिनों में कष्ट दूर होगा |

रक्त प्रदर की समस्या Rakt Pradar Ki Samasya Me Chandan Powder

दूध में एक चम्मच चन्दन का चूर्ण, घी और शक्कर समान मात्रा में मिलाकर पकाएं | फिर इसे दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन कराएं |

बवासीर के मस्से Bawaseer Ke Masson Ka Upchar

बवासीर के मस्सों के इलाज में यह काफी लाभकारी होता है | इसके लिए चन्दन को जल में घिसकर मस्सों पर 2-3 बार लगाएं | एक सप्ताह में ही इसका असर दिखने लगता है |

लू लगने पर चन्दन पाउडर Loo Lagne Par Sadalwood Powder

आंवले के दो चम्मच रस में एक चम्मच चन्दन का चूर्ण और आधा चम्मच पीसी हुई काली मिर्च मिलाकर सेवन कराएं |

तेज प्यास लगने पर Chandan Powder Se Kare Excess Thirst Ka Upchar

एक कप नारियल के पानी में एक चम्मच चन्दन का महीन चूर्ण मिलाकर दिन में 2-3 बार पिलाने से तेज प्यास शांत होगी |