
क्रिकेट का खेल और उसके नियम Cricket Game Rules and Information in Hindi – क्रिकेट का जन्म इंग्लैंड में हुआ था| केंट शहर का निवेंडन नामक स्थान क्रिकेट का जन्मदाता माना जाता है| इंग्लैंड का शासन उस समय अधिकांश विश्व पर था| धीरे-धीरे इस खेल का प्रचलन वहां भी बढ़ता चला गया| भारत में जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, उस समय कुछ अंग्रेज़ कर्मचारी तथा कुलीन घरों के लोग यह खेल खेला करते थे| उनके देखा-देखी भारतीयो ने भी इस खेल में रुचि लेना शुरू कर दिया| उस समय कलकत्ता भारत की राजधानी थी| 1792 में कलकत्ता में क्रिकेट क्लब की स्थापना की गई| इसके पश्चात् सन् 1848 में पारसियों ने एक क्रिकेट क्लब की स्थापना की|
भारत में क्रिकेट का पहला मैच मुंबई में सन् 1877 में खेला गया| यह मैच ‘एंग्लो-इंडियन जिमखाना क्लब’ तथा पारसियों के बीच खेला गया था| इस मैच में पारसियों को पराजय का मुहं देखना पड़ा था| सन् 1886 में पहली भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई| भारत तथा इंग्लैंड के बीच 28 मैच खेले गए| इस सीरीज़ का विजेता इंग्लैंड रहा था|
क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता से महाराजा रणजीत सिंह, पटियाला के महाराज व नवाब पटौदी जैसे लोग क्रिकेट के दीवाने हो गए थे| आज भारत में बच्चा-बच्चा इस खेल का दीवाना है| आज भारतीय क्रिकेट टीम विश्व की चोटी की टीम मानी जाती है’| इसे पुरुष महिला दोनों वर्ग खेल सकते है|
क्रिकेट का खेल
यह खेल पारंपरिक तरीके से दो प्रकार से खेला जाता था- टेस्ट मैच तथा एक दिवसीय क्रिकेट मैच,लेकिन अब इसमे तीसरा प्रकार 20-20 ओवेरों का खेल भी सम्मिलित हो चुका है| इसमे दो टीमें होती है| प्रत्येक में एक कप्तान, उप्कप्तान, एक विकेट कीपर,कुछ गेंदबाज तथा कुछ बैट्समैन होते है|
टेस्ट मैच पाँच दिन तक खेला जाता है| प्रत्येक टीम को दो-दो पारी खेलने का अवसर मिलता है| दोनों पारियों के स्कोर के आधार पर मैच का परिणाम निकाला जाता है| टेस्ट मैच बिना हार-जीत के भी समाप्त हो जाते है| मैच शुरू होने से पूर्व दोनों टीमों के कप्तान टॉस करके यह निर्धारित करते है कि कौन-सी टीम पहले बल्लेबाजी या क्षेत्र-रक्षण करेगी|
एक दिवसीय क्रिकेट सीमित ओवेरों का मैच होता है| प्रायः एक टीम को 50 ओवर खेलने को मिलते है| ओवेरों की संख्या परिस्थितिवश घटाई भी जा सकती है| अब एक नई परंपरा शुरू हो चुकी है| इसमे दोनों टीमों को केवल 20-20 ओवर खेलने को मिलते है|
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खेल का मैदान | क्रिकेट का खेल प्रायः गोलाकार स्टेडियम में खेला जाता है| मैदान मे बींचोबीच सख्त मिट्टी की पिच बनाई जाती है, जिसके दोनों सिरों पर 3-3 स्टंप लगी होती है|
पिच की एक सिरे से दूसरे सिरे की लंबाई 22 गज तथा चौडांई 10 फीट होती है| क्रिकेट का यह खेल मैदान में एक निर्धारित सीमा-रेखा के अंदर खेला जाता है| इस सीमा-रेखा को बाउंड्री कहा जाता है| |
स्टंप्स | क्रिकेट का मैच दोनों स्टंप्स के मध्य खेला जाता है| पिच के दोनों सिरों पर 3-3 स्टंप लगाए जाते है| इन स्टंप्स की लंबाई 71.1 सेंटीमीटर तथा चौडांई 22.9 सेंटीमीटर होती है| दोनों ओर की स्टंप्स के ऊपर दो-दो वेल्स रखी होती है| स्टंप्स तथा वेल्स लकड़ी के बने होते है| |
बैट | बल्लेबाजी करने के लिए लकड़ी से बने बैट का इस्तेमाल किया जाता है| बैट की लंबाई 96.5 सेंटीमीटर तथा चौडांई 10.8 सेंटीमीटर होती है| एक बैट का औसत वजन 2 पौंड तक होता है| बैट के संबंध में कोई नियम नहीं होता| Best Bat for Cricket |
बॉल | क्रिकेट की बॉल लाल अथवा सफ़ेद चमड़े से सिली होती है, जिसके अंदर ठोस कार्क भरा रहता है| गेंद का भार 155.9 ग्राम से 163 ग्राम तक होता है| इस गेंद की परिधि 22.4 सेंटीमीटर होती है| |
खेल के नियम
1. | मैच दो टीमों के मध्य खेला जाता है| प्रत्येक टीम में खिलाड़ियो की संख्या ग्यारह होती है| इन ग्यारह में से एक कप्तान होता है| |
2. | टेस्ट मैच में दोनों टीमों को दो-दो पारी खेलनी होती है, जबकि एक दिवसीय में 50-50 ओवर खेलने होते है| |
3. | पारी प्रारंभ करने से पूर्व दोनों दिशाओ के लिए एक-एक एम्पायर को नियुक्त किया जाता है| |
4. | एम्पायर प्रतिदिन खेल प्रारंभ होने से 30 मिनट पूर्व खेल क्षेत्र का निरीक्षण करते है| |
5. | एक नई गेंद से कम-से-कम 75 एवं अधिक-से-अधिक 85 ओवर किए जा सकते है| इसके पश्चात् गेंद बदली जाती है| |
6. | मैच के दौरान बल्लेबाजी करने वाली टीम का कप्तान पारी समाप्ति की घोषणा कर सकता है| |
7. | भोजन के लिए मध्यांतर की अवधि 45 मिनट से अधिक नहीं हो सकती| |
8. | एक ओवर में 6 गेंदों का समावेश होता है| |
9. | गेंद यदि सीमा-रेखा को पार कर जाती है, तो चौका (चार रन) मान लिया जाता है| |
10. | यदि बल्ला लगने से बॉल हवा में होती हुई सीमा-रेखा के बाहर गिरती है, तो छक्का (छ्ह रन) मान लिया जाता है| |
11. | दोनों विकेट के मध्य दौडकर बल्लेबाज एक-एक रन बनाते है| |
12. | यदि दोनों टीमों का योग एक समान होता है, तो मैच टाई घोषित कर दिया जाता है| |
13. | प्रत्येक ओवर एक बाद गेंदबाज बदल दिया जाता है| |
14. | क्रीज से बाहर फेंकी गई गेंद को नो बॉल कहा जाता है तथा बल्लेबाजी कर रही टीम को अलग से एक रन दिया जाता है| इस नो बॉल के बदले में गेंदबाज को अपने ओवर में एक अतिरिक्त गेंद फेंकनी पड़ती है| |
15. | गेंदबाज द्वारा फेंकी गई गेंद जब बल्लेबाज की खेल सीमा से बाहर जाती है, तब यह वाइड बॉल कहलाती है| यदि बल्लेबाज इस गेंद को खेल लेता है तब वह वाइड बॉल नहीं रह जाती| वाइड बॉल की दिशा में एक अतिरिक्त रन बल्लेबाजी कर रही टीम को मिलता है तथा गेंदबाज को एक अतिरिक्त गेंद फेंकनी पड़ती है| |
16. | जब बल्लेबाज टीम अपनी पहली पारी में 500 से अधिक स्कोर बना ले तथा इसके जवाब में दूसरी टीम अपनी पहली पारी में 300 से कम स्कोर बनाए, तो पहली टीम दूसरी टीम को दोबारा बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित कर सकती है| इसे फॉलोऑन कहा जाता है| |
17. | किसी एक खिलाड़ी को खेल में अच्छे प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच से पुरस्कृत किया जाता है| यह पुरस्कार हारने वाली टीम के खिलाड़ी को भी दिया जा सकता है| कभी-कभी यह सयुंक्त रूप से भी दो खिलोड़ियों को प्रदान किया जाता है| पूरी सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मैन ऑफ द सीरीज़ दिया जाता है| |
आउट होने की स्थितियां
बल्लेबाज निम्नलिखित प्रकार आउट होता है-
बोल्ड : बल्लेबाजी के समय बल्लेबाज जब गेंदबाजी करते हुए गेंद खेलने में विफल रह जाता है और वह गेंद तीनों से किसी भी स्टम्प से जा टकराती है, तो बल्लेबाज क्लीन बोल्ड हो जाता है|
कैच आउट : शॉट लगाने के बाद यदि गेंद क्षेत्र-रक्षण कर रहे किसी खिलाड़ी द्वारा हवा में लपक ली जाती है, तो बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है| ऐसा यदि बाउंड्री रेखा के बाहर होता है, बल्लेबाज आउट नहीं माना जाता है, बल्कि वह ‘छक्का माना जाता है’|
रन आउट : बल्लेबाज गेंद को शॉट मारकर जब स्कोर बनाने के लिए दौडता है,तो दूसरी ओर का बल्लेबाज भी दौडता है| ऐसे में क्षेत्र-रक्षण कर रही टीम का कोई खिलाड़ी जब गेंद से विकेट उखाड़ देता है, तो अपनी क्रीज पर न पहुचने वाला बल्लेबाज रन आउट माना जाता है|
स्टम्प आउट : बल्लेबाजी करते समय कई बार खिलाड़ी अपनी क्रीज़ से बाहर निकाल जाता है| यदि इस स्थिति में विकेट कीपर या अन्य क्षेत्र-रक्षक गेंद से विकेट को छू दे तो बल्लेबाज स्टम्प आउट हो जाता है|
एल.बी.डब्ल्यू. (लेग बिफोर विकेट) : यदि बल्लेबाज विकेट में जा रही गेंद को जान-बूझकर अपने पैड या पैर से रोक देता है, तो वह एल.बी.डब्ल्यू आउट माना जाता है|
हिट विकेट आउट : बल्लेबाजी के दौरान यदि बल्लेबाज अपना बल्ला विकेट पर दे मारे या उसके शरीर का कोई अंग विकेट से छू जाए, तो वह हिट विकेट आउट माना जाता है|
गेंद का दो बार खेलना : बल्लेबाजी के दौरान यदि बल्लेबाज एक बार गेंद को बल्ले से हिट करने के पश्चात् दूसरी बार जान-बूझकर या अनजाने में गेंद को बल्ले से हिट कर देता है, तो वह आउट माना जाता है|
क्षेत्र रक्षण में बाधा : बल्लेबाजी के दौरान यदि बल्लेबाज क्षेत्र-रक्षण कर रही टीम के किसी भी खिलाड़ी का रास्ता रोकता है अथवा क्षेत्र-रक्षण में अन्य कोई बाधा उत्पन्न करता है, तो वह आउट माना जाता है|
टाइम आउट : किसी एक बल्लेबाज के आउट होने के पश्चात् यदि दूसरा बल्लेबाज दो मिनट के अंदर मैदान में नहीं आता, तो वह आउट मान लिया जाता है|
गेंदबाजी के दौरान जब गेंद बल्लेबाज के जूते अथवा पैड को छूकर निकाल जाए और बल्लेबाज स्कोर बना ले, तो वे लेग बाई के रन कहलाते है| यदि गेंद हेलमेट को छूकर निकाल जाए और क्षेत्र-रक्षण द्वारा लपक ली जाए, तो बल्लेबाज आउट माना जाता है| यदि गेंद बाउंड्री रेखा के पर निकाल जाए तो लेग बाई के चार रन मिलते है|
बाई तथा लेग बाई के रन
जब भी गेंद बल्ले अथवा बल्लेबाज के शरीर के किसी भी अंग को छुए बिना निकाल जाए और बल्लेबाज स्कोर बना ले, तो वह बाई के रन कहलाते है| उसके अलावा जब बल्लेबाज शॉट लगाकर स्कोर बनाता है तथा क्षेत्र-रक्षण कर रही टीम का कोई खिलाड़ी गेंद विकेट कीपर की ओर फेंकता और विकेट कीपर या अन्य खिलाड़ी उसे पकड़ने में विफल रह जाता है तथा गेंद दूर निकाल जाती है, ऐसी अवस्था में लिए गए रन भी बाई के रन कहलाते है|
क्रिकेट के अर्जुन पुरस्कार विजेता |
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नाम | वर्ष | |
सलीम दुर्रानी | 1961 | |
मंसूर आली खान पटौदी | 1964 | |
विजय मंजरेकर | 1965 | |
चंद्रकांत जी. बोर्डेर | 1966 | |
अजित वाडेकर | 1967 | |
ई.ए.एस. प्रसन्ना | 1968 | |
बिशन सिंह बेदी | 1969 | |
डी.एन.सरदेसाई | 1970 | |
एस.वेंकट राघवन | 1971 | |
एकनाथ सोलकर | 1972 | |
बी.एस.चंद्रशेखर | 1972 | |
सुनील गावस्कर | 1975 | |
शांता रंगास्वामी | 1976 | |
जी.आर.विश्वनाथ | 1977 | |
कपिल देव | 1979 | |
सैयद एम.एच.किरमानी | 1980 | |
दलीप बलवंत वेंगसरकर | 1981 | |
मोहिन्द्र अमरनाथ भारव्दाज़ | 1882 | |
डायना इदूलजी | 1983 | |
रवि शास्त्री | 1984 | |
शुभांगी कुलकर्णी | 1985 | |
अजहरुद्दीन | 1986 | |
संध्या अग्रवाल | 1986 | |
मदन लाल | 1989 | |
अमरनाथ नायक भारव्दाज़ | 1991 | |
किरण शंकर मोरे | 1993 | |
मनोज प्रभाकर | 1993 | |
सचिन रमेश तेंदुलकर (राजीव गांधी खेल रत्न) | 1994 | |
अनिल कुंबले | 1995 | |
जवागल श्रीनाथ | 1996 | |
अजय सिंह जडेजा | 1997 | |
सौरभ चंडीदास गांगुली | 1997 | |
राहुल द्रविड़ | 1998 | |
नयन रामलाल मोंगिया | 1998 | |
वेंकटेश्वर प्रसाद | 2000 | |
वी.वी.एस. लक्ष्मण | 2001 | |
वीरेंद्र सहवाग | 2002 | |
हरभजन सिंह | 2003 | |
मिताली राज | 2003 | |
अंजु जैन | 2005 | |
अंजुम चोपड़ा | 2006 | |
गौतम गंभीर | 2009 | |
झूलन गोस्वामी | 2010 | |
ज़हीर खान | 2011 | |
युवराज सिंह | 2012 | |
विराट कोहली | 2013 | |
रविचंद्रन अश्विन | 2014 | |
रोहित शर्मा | 2015 | |
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