दूब घास के फायदे हिंदी में Doob Grass Benefits In Hindi

doob grass benefits in hindi

दूब / दूर्वा घास के फायदे हिंदी में Doob Durva Grass Benefits In Hindi – Dub Ghas Ke Fayde

हिंदू धर्म शास्त्रों में दूब को परम पवित्र मानने के कारण प्रत्येक मांगलिक अवसर पर पूजन सामग्री के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। देवता, मनुष्य और  पशु सभी को प्रिय दूब खेल के मैदान, मंदिर परिसर, बाग-बगीचों में विशेष तौर  पर उगाई जाती है, जबकि यहां-वहां यह अपने आप उग आती है।

दूब जहां जमीन पर फैलकर बढ़ती है, वहीं घास ऊंची उठकर बढ़ती है। चूंकि इसे सभी जानते- पहचानते हैं। इसके तने में अनेक गांठे होती हैं, जहां से जड़ें निकलकर भूमि में चली जाती हैं और तना आगे की ओर बढ़ता जाता है। छोटी-छोटी शाखाएं भूमि से ऊपर उठी रहती हैं, जिनसे 2 से 4 इंच लंबी, पतली, चिकनी, नोकदार पत्तियां निकलती हैं।

हरे या बैंगनी रंग की पुष्पमंजरी पर दानों के रूप में छोटे-छोटे बारीक भूरे रंग के फल लगते हैं। पानी मिलता रहे, तो यह वर्ष भर हरी रहती है। अन्यथा गर्मी के दिनों में सूख जाती है। आमतौर पर हरी और सफेद दूब  देखने को मिलती है, पर कहीं-कहीं नीली या काली दूब भी होती है।

यहाँ पर आप ये जानेंगे

  1. चोट से रक्तस्राव होने पर Bleeding From Injury
  2. नाक से खून निकलने पर Nose Bleeding
  3. मुंह के छालों में Mouth Ulcer
  4. वमन होने पर दूब का सेवन  Vaman Hone Per Doob Ka Sevan
  5. चर्म विकारों में Charm Vikaro Me
  6. दाद, खाज-खुजली Daad, Khaaj-Khujli Me
  7. मानसिक रोगों में  Mansik Rogo Me
  8. ज्वर में Fever Me
  9. सिर दर्द होने पर Headache Hoen Pr
  10. हिचकी के लिए Hichki Ke Liye
  11. पेशाब में जलन होने पर Pesaab Me Jalan
  12. पेशाब उतरने में कष्ट दूर करने में Pesaab Utarne Me Kasth Dur Karne Me
  13. बिवाइयों पर लगाये Biwaiyo Per Lagaye
  14. खूनी बवासीर  के लिए Khooni Bavaseer Ke Liye
  15. खूनी रक्त प्रदर में  Khooni Rakt Prader Me
  16. प्यास की अधिकता होने पर Piyaas Ki Adhikta Hone Per

दूब घास के विभिन्न भाषाओं में नाम Doob Grass  Ke Vibhinn Bhasaao Me Name

  • संस्कृत में (Doob In Sanskrit) – दूर्वा।
  • हिंदी में (Doob In Hindi) – दूब।
  • मराठी में (Doob In Marathi) – हरली।
  • गुजराती में (Doob In Gujarati) – धरो ।
  • बंगाली में (Doob In Bangali) – दूर्वाघास।
  • अंग्रेज़ी में (Doob In English) – कौंच ग्रास (Conch grass)।
  • लैटिन में (Doob In Latin) – सिनोडोन डेक्टिलॉन (Cynodon Dactylon) |

दूब घास के चमत्कारी गुण Doob Ghaas Ke Chamatkari Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार दूब रस में मधुर, तिक्त, कषाय, गुण में लघु, स्निग्ध, तासीर में शीतल, विपाक में मधुर, कफ-पित्त शामक होती है। यह रक्तस्तम्भन, मूत्रजनक, एण्टीसैप्टिक होने के कारण रक्त विकार, रक्त पित्त, रक्तस्र्ताव, ख़ासी, वमन, अतिसार, दाद, मूत्र दाह, नेत्र दाह, ज्वर, शोथ, शीतपित्त, मूत्रकृच्छ्, रक्त प्रदर में गुणकारी है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार दूब की तासीर सर्द होती है। सफेद दूब में काम शक्ति घटाने का गुण होने के कारण साधु, संन्यासी इसकी सेवन करते हैं। इससे वीर्य की कमी होती है। इसके सेवन से प्यास मिटती है, पेशाब खुलकर आती है, खुजली दूर होती है, मुंह के छाले ठीक होते हैं।

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वैज्ञानिक मतानुसार दूब की रासायनिक बनावट का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसमें 10.47 प्रतिशत प्रोटीन, 28.17 प्रतिशत रेशा और 11.75 प्रतिशत भस्म होती है। इसकी भस्म में अल्प मात्रा में फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम भी पाए जाते हैं। प्रयोगों से पता चला है कि दूब एक शक्तिवर्द्धक औषधि है, क्योंकि इसमें ग्लाइकोसाइड, अल्केलाइड, विटामिन ए तथा विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इसके नियमित सेवन से शारीरिक स्फूर्ति बनी रहती है, अधिक परिश्रम करने पर भी थकावट महसूस नहीं होतीं।

दूब घास के हानिकारक प्रभाव Doob Ghaas Ke Hanikark Prabhav – Side Effects 

सामान्य से अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह आमाशय को हानि पहुंचा सकती है और काम शक्ति में कमी ला सकती है।

दूब घास के  विभिन्न रोगों में  प्रयोग Doob Ghaas Ke Vibhinn Rogo Me Prayog

1. चोट से रक्तस्राव होने पर Bleeding From Injury :

चोट से खून निकलने पर दूब की लुगदी बनाकर लगाने से और पट्टी बांधने से रक्तस्राव रुक जाता है और घाव जल्द ही भर जाता है।

2. नाक से खून निकलने पर Nose Bleeding :

किसी भी कारण से जब नाक से खून निकले, तो ताजी हरी दूब का रस 2-2 बूंद नाक के नथुनों में टपकाने से रक्तस्राव बंद होगा।

3. मुंह के छालों में Mouth Ulcer :

दूब से तैयार किए काढ़े से दिन में 3-4 बार गरारे करने से बहुत लाभ मिलेगा।

4. वमन होने पर दूब का सेवन  Vaman Hone Per Doob Ka Sevan :

दूब के एक चम्मच रस में एक काली मिर्च पीसकर सेवन करने से वमन में लाभ होगा।

5. चर्म विकारों में Charm Vikaro Me :

सरसों के तेल और दूब के रस को समभाग मिलाकर गर्म करें। जब पानी उड़ जाए, तो इस तेल को चर्म विकारों पर दिन में तीन बार लगाएं।

6. दाद, खाज-खुजली में Daad, Khaaj-Khujli Me :

हलदी के साथ बराबर की मात्रा में दूब पीसकर बने लेप को नियमित रूप से 3 बार लगाने से दाद, खाज-खुजली और फुसियों में आराम मिलेगा।

7. मानसिक रोगों में  Mansik Rogo Me :

दूब का ताजा रस सुबह-शाम 3 चम्मच की मात्रा में नियमित रूप से पिलाने से मिर्गी, हिस्टीरिया, उन्माद में लाभ होता है।

8. ज्वर में Fever Me :

शरीर में अत्यधिक गर्मी, जलन मालूम होने पर दूब का रस सारे शरीर पर मलने से कष्ट में राहत मिलती है। दूब

9. सिर दर्द होने पर Headache Hoen Pr :

जौ को एक चम्मच दूब के रस में घोटकर कपाल पर मलने से दर्द दूर होगा।

10. हिचकी के लिए Hichki Ke Liye :

दूब का रस और शहद एक-एक चम्मच मिलाकर सेवन कराएं।

11. पेशाब में जलन होने पर Pesaab Me Jalan :

4 चम्मच दूब का रस एक कप दूध के साथ दें। पेशाब में खून जाने की तकलीफ में भी इस प्रयोग से लाभ होता है।

12. पेशाब उतरने में कष्ट दूर करने में Pesaab Utarne Me Kasth Dur Karne Me :

10 ग्राम दूब की जड़ को एक कप दही में पीसकर सेवन करने से कष्ट दूर होता है।

13. बिवाइयों पर लगाये Biwaiyo Per Lagaye :

दूब का लेप बिवाइयों पर लगाने से तकलीफ कम होगी।

14. खूनी बवासीर  के लिए Khooni Bavaseer Ke Liye :

दूब के पत्तों, तनों और जड़ों को दही में पीसकर मस्सों व गुदा में लगाने और सुबह-शाम एक कप की मात्रा में सेवन करने से खूनी बवासीर में शीघ्र लाभ मिलता है।

15. खूनी रक्त प्रदर में  Khooni Rakt Prader Me :

2 चम्मच दूब के रस में आधा-आधा चम्मच चंदन और मिसरी का चूर्ण मिलाकर 2-3 बार सेवन कराने से रोग में लाभ होगा।

16. प्यास की अधिकता होने पर Piyaas Ki Adhikta Hone Per :

हरी दूब का 2 चम्मच रस 3-4 बार सेवन करने से किसी भी रोग में प्यास की अधिकता दूर होती है।

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