मुकेश अम्बानी पर निबंध Essay On Mukesh Ambani In Hindi

Mukesh Ambani Essay In Hindi

मुकेश अम्बानी पर निबंध Essay On Mukesh Ambani In Hindi Language

Mukesh Ambani Essay In Hindi

यूँ तो दुनिया में अनेक लोगों को विरासत में अपार सम्पदा हासिल होती रही है, किन्तु कम ही ऐसे लोग हुए हैं, जिन्हें विरासत में मिली सम्पदा को अविश्वसनीय रूप से बढ़ाते हुए दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अपना स्थान बना लिया | मुकेश अम्बानी एक ऐसे ही भारतीय उद्यमी हैं जिन्हें अपने महान एंव प्रखर उद्योगपति पिता धीरू भाई अम्बानी से रिलायंस इंडस्ट्रीज के रूप में विरासत में एक बड़ी सम्पदा हासिल हुई और इस सम्पदा को बढ़ाते हुए वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों के समूह में सम्मिलित हो गए | विश्व प्रसिद्ध बिजनेस पत्रिका ‘फोर्ब्स’ द्वारा फरवरी 2011 में जारी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में लगभग 27 अरब डालर की निजी संपत्ति के साथ मुकेश अम्बानी नौवें स्थान पर थे |

मुकेश अम्बानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को हुआ था | उनकी स्कूली शिक्षा अबाय मोरिस्सा स्कूल, मुम्बई में हुई | उन्होंने मुम्बई यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की | बाद में मुकेश एम.बी.ए. करने के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय गए, किन्तु पहले वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ दी | उनके पिता धीरू भाई अम्बानी ने एक सामान्य व्यक्ति से रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक के रूप में देश के एक बड़े उद्योगपति के रूप में उभरने का अनोखा करिश्मा कर दिखाया था | अपने पिता के दिशा-निर्देश एवं सहयोग का लाभ मुकेश को मिला और वे भी उन्हीं की तरह एक सफल उधमी बनकर उभरे | उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति का बंटवारा उनके दोनों पुत्रों मुकेश अम्बानी एंव अनिल अम्बानी हो गया | इस समय मुकेश रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा इस कम्पनी के सबसे बड़े शेयर धारक हैं | इसमें उनकी हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है | यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा फार्च्यून 500 कम्पनी हैं |

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एम.बी.ए. की पढ़ाई छोड़ने के बाद मुकेश ने 1981 में मात्र 24 वर्ष की अवस्था में अपने पिता की कम्पनी रिलायंस का काम सम्भालना शुरू किया और इसके पुराने ढर्रे के टेक्सटाइल कारोबार को पॉलिस्टर फाइबर एंव फिर पेट्रोकेमिकल्स के रूप में आगे बढ़ाया | इस प्रक्रिया में उन्होंने कई नए प्रयोग किए एंव नए उपकरणों का विदेशों से आयात किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि कम्पनी के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई | इसके बाद उन्होंने गुजरात के जामनगर में बुनियादी स्तर की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी की स्थापना की | वर्तमान में इसकी क्षमता 660000 बैरल प्रतिदिन है | रुपय 2,84,719 करोड़ की कुल परिसंपत्ति वाले इस रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स, पावर जेनरेशन, पोर्ट तथा संबंधित आधारभूत ढांचे को स्थान दिया गया है |

मुकेश ने विश्व के सर्वाधिक विशालतम एंव जटिल सूचना व संचार तकनीक कम्पनी रिलायंस इंफोकॉम लिमिटेड की स्थापना की | दोनों भाइयों में बटवारे के बाद यह रिलायंस कम्युनिकेशन के नाम से अनिल धीरू भाई अम्बानी ग्रुप का हिस्सा हो गया | रिलायंस इंफोकॉम की सफलता को देखते हुए टोटल टेलीकॉम ने अक्टूबर 2004 में टेलीकम्युनिकेशन में सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण मुकेश को ‘वर्ल्ड कम्युनिकेशन अवार्ड’ से सम्मानित किया | ‘वायस एंड डाटा’ पत्रिका ने वर्ष 2004 में ही उन्हें ‘टेलीकम्युनिकेशन मैन ऑफ द ईयर 2004’ चुना |

मुकेश अभूतपूर्व उपलब्धियों के पर्याय बन चुके हैं | उनकी उपलब्धियों के लिए विश्व भर की अनेक संस्थाओं ने उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है | एन.डी.टी.वी. ने उन्हें 2007 में ‘बिजनेस मैन ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार प्रदान किया | युनाइटेड स्टेटस इंडिया बिजनेस काउंसिल ने वाशिंगटन में वर्ष 2007 में ग्लोबल विजन के लिए लीडरशिप अवार्ड दिया | बिजनेस काउंसिल फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग द्वारा उन्हें ‘ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड’ प्रदान किया गया |

मुकेश अम्बानी का नया घर, एंटीलिया, जहां उन्होंने अक्टूबर 2010 से अपने तीन बच्चों आकाश, ईशा एंव अनन्त और पत्नी नीता अम्बानी सहित रहना शुरू किया, भी एक अचंभे से कम नहीं है | 400000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में बने उनके इस 27 मंजिला घर में व्यायामशाला, स्वीमिंग पूल, योगशाला, डांसरूम, सिनेमा हॉल, कार पार्किंग एवं हैलीपैड जैसी अनेक सुविधाएँ हैं | इसकी ऊंचाई 570 फुट है | इसे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर्किटेक्ट की देखरेख में बनाया गया है |

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मुकेश अम्बानी ने ऊर्जा एंव प्रद्योगिकी के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में अहम भूमिका निभाई है | औद्योगिक सफलता के अतिरिक्त मुकेश ने अन्य क्षेत्र में भी कई सफलता अर्जित की हैं | वे इंडियन प्रीमियर लीग में मुम्बई इंडियंस टीम के मालिक हैं | भारत में बच्चों को अच्छी स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुकेश ने अपने पिता के नाम पर धीरू भाई अम्बानी इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना की | उनकी पत्नी नीता अम्बानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के समाजिक धर्मार्थ कार्यों को देखती हैं | भारत की औद्योगिक प्रगति में मुकेश अम्बानी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता, निसंदेह वे भारत के गौरव हैं |

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