हमारा प्यारा भारत पर निबंध Essay On My Country India In Hindi Language
भारत के परिप्रेक्ष्य में ‘परदेश’ फिल्म का यह गाना बिल्कुल सही लगता है- “ये धरती इक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया, ये मेरा इंडिया…..|” इसलिए तो मोहम्मद इकबाल ने ये कहा है- “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा |” वास्तव में, भारत दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां प्राकृतिक विविधता दिखाई पड़ती है | यही कारण है कि इसे दुनिया का एक अनोखा देश कहा गया है | भारत की सभ्यता-संस्कृति एवं प्राकृतिक सुंदरता से अभिभूत होकर हर वर्ष लाखों विदेशी पर्यटक यहां भ्रमण के लिए आते हैं | तभी तो अपने देश की विशेषता का वर्णन करते हुए जयशंकर प्रसाद ने लिखा है-
“अरुण यह मधुमय देश हमारा,
जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा”
भारत पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में 8°4′ से 37°6′ पूर्वी देशान्तर के बीच एशिया महादेश के दक्षिणी भाग में स्थित है | यह पूर्व से पश्चिम तक 2933 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण तक 3214 किलोमीटर में फैला है | इसका क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किलोमीटर है | क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है | इसकी जनसंख्या 1 अरब से अधिक है | जनसंख्या के दृष्टिकोण से यह चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है | इसकी उत्तरी सीमा हिमालय पर्वत से घिरी है, जिसके दूसरी ओर चीन, नेपाल तथा भूटान स्थित हैं | इसके पूर्व में म्यांमार एंव बांग्लादेश हैं तथा इसकी पश्चिमी सीमा की ओर पाकिस्तान एंव अफगानिस्तान हैं | भारत के दक्षिण में हिंद महासागर है |
भारत का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है | भारतीय पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, महाराजा दुष्यंत के वीर पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा | तीसरी शताब्दी ई.पू. में भारत पर आक्रमण करने वाले यूनानियों ने इसे इंडिया कहना शुरू किया तथा प्रथम मुस्लिम इतिहासकारों ने इसे हिन्द अथवा हिन्दुस्तान के रूप में संबोधित किया | इन नामों के अतिरिक्त जंबूद्वीप, आर्याव्रत, भारतखंड इतिहास इसके प्राचीन नाम हैं |
अपने हजारों साल के इतिहास में इसे कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा | अधिकतर विदेशी आक्रमणकारी भारतीय सभ्यता-संस्कृति में इस तरह घुल-मिल गए मानो वे यहीं के मूल निवासी हों | शक, हूण इत्यादि ऐसे ही विदेशी आक्रमणकारी थे | विदेशी आक्रमणकारियों के आगमन एंव यहां की सभ्यता-संस्कृति में घुल-मिल जाने का सिलसिला मध्यकालीन मुगलों के शासन तक चलता रहा | 18वीं सदी में जब अंग्रेजों ने भारत के कुछ हिस्सों पर अधिकार जमाया, तो यहां के लोगों को गुलामी का अहसास पहली बार हुआ | अब तक सभी विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को अपना देश स्वीकार कर यहां शासन किया था, किन्तु अंग्रेजो ने भारत पर अधिकार करने के बाद अपने देश इंग्लैंड की भलाई के लिए इसका पूरा-पूरा शोषण करना शुरू किया | 19वीं शताब्दी में जब अंग्रेजों ने मुगलों का शासन समाप्त कर पूरे भारत पर अपना अधिकार कर लिया, तो उनके शोषण एंव अत्याचार में और वृद्धि होने लगी, फलस्वरुप भारतीय जनमानस का जीवन दूभर हो गया | भारत माता गुलामी की जंजीरों में कराहने लगी | तब “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” में विश्वास करने वाले स्वतन्त्रता के दीवानों ने अंग्रेजो के खिलाफ आजादी के संघर्ष का बिगुल फूंक दिया | अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतन्त्रता हासिल हुई |
आजादी प्राप्त करने के बाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही हमारा देश गणतंत्र हुआ | भारतीय प्रजातंत्र में लिंग, जाति, धर्म इत्यादि किसी भी आधार पर नागरिकों में विभेद नहीं किया जाता | धर्मनिरपेक्षता भारतीय गणतंत्र की एक प्रमुख विशेषता है |
भारत में कई धर्मो एंव जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही साथ ही उनकी भाषाएं भी अलग-अलग हैं | इन सबके बावजूद यहां अनेकता में एकता का संगम दिखाई पड़ता है | राष्ट्रीयता के लिए भौगोलिक सीमाएं, राजनीतिक चेतना और सांस्कृतिक एकबद्धता अनिवार्य होती है | यद्यपि प्राचीन काल में हमारी भौगोलिक सीमाएँ इतनी व्यापक नहीं थीं और यहां अनेक राज्य स्थापित थे तथापि हमारी संस्कृति और धार्मिक चेतना एक थी | कन्याकुमारी से हिमालय तक और असोम से सिंध तक भारत की संस्कृति और धर्म एक थे | यही एकात्मकता हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव थी | भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी-अपनी अलग परंपराएं थीं, रीति-रिवाज, आस्थाएं थीं, किन्तु समूचा भारत एक सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था | इसी को अनेकता में एकता एंव विविधता में एकता कहा जाता है, जो पूरी दुनिया में हमारी अलग पहचान स्थापित कर हमारे गौरव को बढ़ाता है |
भारत प्राकृतिक विविधताओं से परिपूर्ण देश है | इसके उत्तर में बर्फीले पर्वतों की चोटियाँ हैं, तो पश्चिम एंव दक्षिण में यह समुन्द्रों से घिरा है | भारत में वर्ष भर में छ: ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत एंव वसंत | भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है | शिमला, कश्मीर, कुल्लू, मनाली, मसूरी, ऊटी, नैनीताल पंचमढ़ी, दार्जिलिंग, माउंटआबू, देहरादून इत्यादि प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण भारत के खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं | सिन्धु, ब्रह्मपुत्र, गंगा, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा, महानदी, कावेरी इत्यादि भारत की नदियां हैं | भारत के खूबसूरत जंगलों में अनोखी जैविक विविधता देखने को मिलती है | खूबसूरत हरे-भरे पेड़, अनेक प्रकार के फूल, हजारों प्रकार के पशु-पक्षी, इत्यादि मिलकर भारत की खूबसूरती को चार-चांद लगाते हैं |
हजारों विशेषताओं से परिपूर्ण भारत को इस समय कुछ आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है | धार्मिक कट्टरता, जाति-प्रथा, अंधविश्वास, नारी-शोषण, दहेज-प्रथा, समाजिक-शोषण, बेरोजगारी, अशिक्षा, जनसंख्या-वृद्धि, भ्रष्टाचार, गरीबी इत्यादि हमारी प्रमुख सामाजिक समस्याएं हैं तथा जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक-विषमता, भ्रष्टाचार, गरीबी, सामाजिक शोषण, बेरोजगारी, अशिक्षा, औद्योगीकरण की मन्द प्रक्रिया इत्यादि भारत में आर्थिक विकास की कुछ मुख्य चुनौतियां हैं | देश एंव समाज की वास्तविक प्रगति के लिए इन आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं का शीघ्र समाधान आवश्यक है |
लगभग एक हजार वर्षों की परतन्त्रता के बाद अनेक संघर्षों व बलिदानों फलस्वरूप हमें स्वाधीनता प्राप्त हुई थी | स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद हमारी एकता सुदृढ़ तो हुई परंतु हम देख रहे हैं कि संप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अज्ञानता और भाषागत अनेकता ने पूरे देश को आक्रांत कर रखा है | राष्ट्रीय स्तर पर संगठित राष्ट्र एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरते हैं | सामूहिक शक्ति का उपयोग करके कोई भी देश किसी भी तरह का रचनात्मक निर्माण कार्य कर सकता है | स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद अभी तक हमारा देश हमारी एकता के कारण ही प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा है | जो राष्ट्र संगठित होता है, उसे न कोई तोड़ सकता है और न ही कोई उसका कुछ बिगाड़ सकता है | वह अपनी एकता एंव सामूहिक प्रयास के कारण सदा प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है | इसलिए हमारे प्यारे भारतवर्ष की एकता और अखंडता की रक्षा करना हमारा परम कर्त्तव्य है |