
सचिन तेंदुलकर पर निबंध Short Essay On Sachin Tendulkar In Hindi Language
खेलों की दुनिया में कुछ ऐसी उपलब्धियां होती हैं जिन तक पहुंचना आसान नहीं होता | अन्तर्राष्ट्रीय एक-दिवसीय क्रिकेट में कोई बल्लेबाज अब तक 200 रन बना पाया था, लेकिन भारत के सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीम के खिलाफ यह कारनामा कर दिखाया | इन्हीं पंक्तियों के साथ अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘टाइम’ में मास्टर ब्लास्टर सचिन की 2010 में 24 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर वनडे में खेली गई नाबाद 200 की विश्व रिकॉर्ड पारी को इस वर्ष के दस सबसे यादगार क्षणों में शामिल किया था | ‘टाइम’ द्वारा कही गई बात बिल्कुल सच है | सचिन क्रिकेट जगत में एक ऐसी जीती जागती मिसाल बन गए हैं, जिसका कोई मुकाबला नहीं | अधिकतर मैच में भारतीय टीम की जीत की उम्मीद सचिन पर ही निर्भर करती है | उनके आउट होने पर दर्शकों तथा पूरी टीम पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है, जिससे पूरा मैच प्रभावित होता है | यही कारण है कि उन्हें ‘क्रिकेट का भगवान’ कहा जाता है | केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है |
सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था | उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के ही श्रद्धाश्रम विद्या मंदिर स्कूल में पूरी की | इसी स्कूल की क्रिकेट टीम में खेलते हुए उनके क्रिकेट जीवन की शुरुआत हुई थी | उन्हें प्रसिद्ध क्रिकेट प्रशिक्षक रमाकांत अचरेकर का सान्निध्य प्राप्त हुआ, जिन्होंने छोटी उम्र में ही न केवल सचिन की प्रतिभा को पहचाना बल्कि उसे तराशने में भी अपना पूरा योगदान दिया | शुरुआत में सचिन एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे और उसके लिए वे एम.आर.एफ. पेस अकादमी भी गए | परंतु, वहां के तत्कालीन कोच डेनिस लिली ने उन्हें बैटिंग पर ध्यान केंद्रित करने की नसीहत देकर वापस भेज दिया | सचिन ने डेनिस के सुझाव पर अमल किया और उसके बाद जो कुछ हुआ, वह खेल की दुनिया का इतिहास बन गया |
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सचिन ने दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में अपने अन्तर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत 15 नवंबर 1989 को तथा एक-दिवसीय कैरियर की शुरुआत 18 दिसंबर, 1989 को पाकिस्तान के विरुद्ध की थी | उसके बाद इस महान खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाता चला गया | सचिन कितने महान क्रिकेटर हैं इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में चार बार ‘मैन ऑफ द सीरीज’ एंव ग्यारह बार ‘मैन ऑफ द मैच’ का ख़िताब प्राप्त किया है | एकदिवसीय क्रिकेट में उन्होंने 14 बार ‘मैन ऑफ द सीरीज’ एंव 60 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ का ख़िताब प्राप्त किया है | वे टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक एवं 59 अर्द्धशतकों के साथ 14000 से अधिक रन बनाने वाले दुनिया के प्रथम बल्लेबाज हैं | टेस्ट क्रिकेट में उनका अधिकतम स्कोर 248 रहा है | अन्तर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 47 शतकों एंव 93 अर्द्धशतकों के साथ 18000 से अधिक रन बनाए हैं और ऐसा करने वाले वे दुनिया के एकमात्र एंव पहले बल्लेबाज हैं | 2003 क्रिकेट विश्व कप में 600 से अधिक रन बनाकर किसी भी विश्व कप में ऐसा करने वाले विश्व के प्रथम बल्लेबाज बने | उस विश्व कप में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार प्राप्त हुआ | उन्होंने 24 फरवरी सन 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 147 गेंदों में 25 चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 200 रन बनाकर वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहला दोहरा शतक बनाने की उपलब्धि हासिल की | सचिन वर्तमान में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मुंबई इंडियंस टीम के कप्तान हैं | फटाफट क्रिकेट के इस संस्करण में भी सचिन का प्रदर्शन लाजवाब है |
सचिन की इन उपलब्धियों का नतीजा है कि आज रिकॉर्ड एंव सचिन एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं | क्रिकेट जगत में बल्लेबाजी के क्षेत्र के कुछ ही ऐसे रिकार्ड हैं, जिन पर सचिन का नाम नहीं लिखा गया है या सचिन जिनके बहुत नजदीक नहीं हैं | स्थिति यह है कि समय-समय पर सचिन को दिए गए उपनाम जैसे ‘रन मशीन’, ‘लिटिल चैंपियन’, ‘मास्टर ब्लास्टर’, आदि अब सचिन के कद के आगे बौने लगने लगे हैं | एकदिवसीय क्रिकेट में 18000 रनों के आंकडे़ को छूकर और अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 32000 रनों के आंकड़े को पार कर उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिया है | अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 32000 से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के प्रथम बल्लेबाज हैं | वे 177 टेस्ट एंव 446 एकदिवसीय मैचों के साथ कुल 623 अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं | वे भारत की ओर से सर्वाधिक समय तक (बीस साल से अधिक) अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं |
सचिन की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 1997-98 में ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ एंव 1999 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया | 1997 में उन्हें ‘विज्डन क्रिकेट ऑफ द ईयर’ चुना गया | 2001 में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ‘महाराष्ट्र भूषण अवार्ड’ प्रदान किया | 2006 में ‘टाइम’ पत्रिका ने उन्हें एशिया के सर्वकालिक नायकों में से एक माना | उसी वर्ष उन्हें ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर’ का भी पुरस्कार प्राप्त हुआ | 2008 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया | इसके बाद देश-विदेश के कई संस्थानों ने उन्हें विभिन्न पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित एंव विभूषित किया | 2010 में आई.सी.सी. ने उन्हें ‘क्रिकेट ऑफ द ईयर’ चुना | इसी वर्ष भारतीय वायुसेना ने उन्हें ग्रुप कैप्टन का सम्मान दिया |
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विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिकेटर बन चुके सचिन अत्यन्त सरल एंव साधारण इंसान के रूप में जीते हैं | उनकी पत्नी अंजलि पेशे से एक डॉक्टर हैं | उनके पुत्र का नाम अर्जुन है | सचिन अपना खाली समय अपनी पत्नी एंव बच्चे के साथ बिताना पसंद करते हैं | युवाओं का आदर्श बन चुके सचिन का कैरियर बेदाग एंव विवादों से परे है | यह भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि है | विज्ञापन में अपार धन एंव चकाचौंध ने जब हर खिलाड़ी का ईमान हिलाकर रख दिया है, ऐसे समय में शराब के विज्ञापन के लिए उन्होंने सीधे शब्दों में मना कर एक मिसाल कायम की | इससे पता चलता है कि वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी समझते हैं और यही बात उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग करती है | सचिन तेंदुलकर जैसे होनहार खिलाड़ी धरती पर कभी-कभी ही जन्म लेते हैं | आनेवाली पीढ़ियों के लिए उनका जीवन प्रेरणा का अमूल्य एंव विशाल स्त्रोत है | वे निश्चय ही भारत के गौरव हैं |