खेलों का महत्व पर निबंध Essay On Sports And Games In Hindi

importance of games

खेलों का महत्व पर निबंध Essay On Sports And Games In Hindi Language

मनुष्य की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता सभी प्राणियों की अपेक्षा इसके मस्तिष्क का विकास सर्वाधिक विकसित होना है | इसी के बल पर इसने न केवल पूरी दुनिया पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया है, बल्कि निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है | यदि व्यक्ति का मस्तिष्क स्वस्थ न रहे तो इसका प्रतिकूल प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है | किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क तभी स्वस्थ रह सकता है जब उसका शरीर भी तंदरूस्त रहे | इसीलिए कहा गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है | अतः एक व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक है | और, खेल व्यायाम का एक ऐसा प्रकार है जिसमें व्यक्ति का शारीरिक ही नहीं बल्की मानसिक मनोरंजन भी होता है | इस तरह मस्तिष्क के शरीर से और शरीर के खेल से पारस्परिक संबंधों को देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि खेल-कूद व्यक्ति के बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक है |

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स्वास्थ्य की दृष्टि से खेल-कूद के कई लाभ हैं- इससे शरीर की मांसपेशियां एवं हड्डियाँ मजबूत रहती हैं | रक्त का संचार सुचारु रुप से होता है | पाचन क्रिया सुदृढ़ रहती है | शरीर को अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलती है और फेफड़े भी मजबूत रहते हैं | खेल-कूद के दौरान शारीरिक अंगों के सक्रिय रहने के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है | इस तरह खेल मनुष्य के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है |

खेल केवल मनुष्य के शारीरिक ही नहीं मानसिक विकास के लिए भी आवश्यक है | इससे मनुष्य में मानसिक तनावों को झेलने की क्षमता में वृद्धि होती है | खेल-कूद की इसी महत्ता को स्वीकार करते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “यदि तुम गीता के मर्म को समझना चाहते हो तो खेल के मैदान में जाकर फुटबॉल खेलो |” कहने का तात्पर्य यह है कि खेल-कूद द्वारा शरीर को स्वस्थ करके ही मानसिक प्रगति हासिल की जा सकती है |

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महान दार्शनिक प्लेटो ने कहा था, “बालक को दंड की अपेक्षा खेल द्वारा नियंत्रित करना कहीं अधिक अच्छा होता है | बाल्यावस्था से लेकर किशोरावस्था का दौर व्यक्ति के शारीरिक ही नहीं, मानसिक विकास की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है | इस दौरान यदि उसकी उर्जा का सदुपयोग न हो, तो उसके गलत राह पर चल पड़ने की संभावना बनी रहती है |” इसलिए अच्छे शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश के समय बच्चों को खेल-कूद में व्यस्त रखा जाता है जिससे अध्ययन या खेल-कूद के अतिरिक्त उनका ध्यान कहीं और न भटके | इसका एक और लाभ यह होता है कि इससे संस्थान में अनुशासन स्थापित करने में भी सहायता मिलती है | इस तरह खेल-कूद से व्यक्ति में संयम, दृढता, गंभीरता, एकाग्रता, सहयोग एवं अनुशासन की भावना का विकास होता है | खेल-कूद में होने वाली हार और जीत जीवन में भी सफलता एंव असफलता के समय संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देती है |

शिक्षा एंव रोजगार की दृष्टि से भी खेल-कूद अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है | ‘पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होंगे खराब’ जैसी कहावतें अब बीते दिनों की बात हो गई हैं | खेल अब व्यक्ति के कैरियर को नई ऊंचाई दे रहे हैं | राष्ट्रीय एंव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आए दिन होने वाली तरह-तरह की खेल स्पर्धाओं के कारण खेल, खिलाड़ी और उससे जुड़े लोगों को पैसा, वैभव और पद हर प्रकार के लाभ प्राप्त हो रहे हैं | खेल-कूद के व्यवसायीकरण के कारण यह रोजगार का एक अच्छा माध्यम बन गया है | खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य, राष्ट्रीय एंव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को रेलवे तथा निजी व सरकारी कम्पनियां ऊंचे वेतन वाले विभिन्न पदों पर नियुक्ति करती हैं |

जब खेल-कूद के महत्त्व की बात आती है तो लोग कहते हैं कि क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी, फुटबॉल जैसे खेल के मैदान में खेले जाने वाले खेल ही हमारे लिए मानसिक एंव शारीरिक विकास की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है तथा शतरंज, कैरम, ताश, लूडो जैसे घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों से सिर्फ हमारा मनोरंजन होता है, इसलिए ये खेल समय की बर्बादी है | ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है |

जीवन में जिस तरह शिक्षा महत्त्वपूर्ण है उसी तरह मनोरंजन के महत्त्व को भी नकारा नहीं जा सकता | काम की थकान के बाद हमारे मस्तिष्क को मनोरंजन की आवश्यकता होती है | नियमित दिनचर्या में यदि खेल-कूद का समावेश कर लिया जाए तो व्यक्ति के जीवन में उल्लास ही उल्लास छा जाता है | अवकाश के समय घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों से न केवल स्वस्थ मनोरंजन होता है बल्कि ये आपसी मेल-जोल को बढ़ाने में भी मददगार साबित होते हैं | खेल कोई भी हो यदि व्यक्ति पेशेवर खिलाड़ी नहीं है तो उसके लिए इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य हो जाता है कि खेल को खेल के समय ही खेला जाए काम के समय नहीं |

मेजर ध्यानचंद, कपिल देव, प्रकाश पादुकोण, सुनील गवास्कर और मिल्खा सिंह जैसे खिलाड़ियों ने क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी एवं अन्य खेलों में अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन से देश के मान में वृद्धि की है | वर्ष 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने पुनः एक दिवसीय मैचों का विश्व-विजेता बन देश को गौरवान्वित किया है | आज सचिन तेंदुलकर, सायना नेहवाल, वीरेंद्र सहवाग, सानिया मिर्जा, झूलन गोस्वामी जैसे खिलाड़ियों की लोकप्रियता खेल-कूद के महत्त्व का सबसे अच्छा उदाहरण है और नई पौध को खेल-कूद की ओर आकर्षित कर रही है | खेलों से लोगों में मिल-जुलकर रहने की भावना का विकास होता है | इस तरह हम निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं कि मनुष्य के सर्वांगीण एंव संतुलित विकास के लिए खेल-कूद को जीवन में पर्याप्त स्थान दिया जाना चाहिए |

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