गुलाब फूल के फायदे Gulab Phool Ke Fayde Hindi Me

Gulab Phool Ke Fayde

यूँ तो फूलों के राजा गुलाब के पौधे से सभी सुपरिचित होंगें | फिर भी कुछ खास  बातें यहाँ पर बताना उपयोगी होगा | एशियाई देशों में सिंगापूर और थाईलैंड फूलों व पौधों को निर्यात करने में अग्रणी हैं | इस पौधे की मूल उत्पत्ति सीरिया, इरान से हुई हैं | गुलाब की अनेक किस्में होती हैं, जिन पर अनेक रंगों के पुष्प खिलते हैं | आमतौर पर इसका पौधा उचाई में 4-6 फुट का होता हैं | तने में असमान कांटे लगे होते हैं और पत्तियां प्राय: 5 मिली हुई होती है | बहुतायक में मिलने वाला पुष्प गुलाबी रंग का होता है | फल अंडाकार लगते है | मार्च-अप्रैल में फूलो की बहार आती है और फूलों से इत्र व गुलकंद व्यापक रूप से बनाया जाता है |

गुलाब फूल के विभिन्न भाषाओ में नाम Gulab Ke Phool Ke Name

  1. संस्कृत – तरुणी, कर्णिका, शतपत्री, चरुकेशरा |
  2. हिंदी – गुलाब
  3. गुजरती – गुलाब |
  4. बंगाली – गोलाप |
  5. अंग्रेजी-रोज (Rose ) |
  6. लैटिन – रोजा सेंतिफोलिया (Rosa Centifolia )|

गुलाब के गुण Gulab Ke Phool Ke Gun

गुलाब का फूल दिखने में जितना सुन्दर होता है, उससे कहीं ज्यादा उसमे औषधीय गुण मौजूद होते हैं | आयुर्वेदिक मतानुसार गुलाब रस में तिक्त, कषाय और मधुर’ शीतल प्रकृति का, लघु, सिंग्ध, विपाक में मधुर, वात-पित्त शामक, अधिक प्यास, दाह, जलन, पसीने की दुर्गन्ध नाशक, रस व रक्त धातु को शुध्द करने वाला, पाचन में हल्का, ह्रदय के लिए गुणकारी, शुक्र-धातु वर्ध्दक, पौष्टिक, भूख बढ़ाने वाला, यकृत और मस्तिष्क को शक्ति देने वाला होता है |

यूनानी मतानुसार चिकित्सा पध्दति के मतानुसार गुलाब पहले दर्जे का शीतल और दुसरे दर्जे का खुश्क होता है | गर्मी के कारण पैदा होने वाला विकार जैसे ज्वर, सिर दर्द, बेहोशी, दिल की धड़कन बढ़ने में यह गुणकारी है | ताजा फूल सेवन  करने से जहाँ दस्त लगते है, वहीँ सूखे फूलो के सेवन से कब्जियत पैदा होती हैं | आमाशय, दिल, फेफड़े, गुर्दे, गुदा, गर्भाशय, आंतो को इसके सेवन से काफी बल मिलता है | क्षय रोग और उससे जुड़े सारे उपद्रवों में इसका नियमित सेवन काफी लाभप्रद होता है |

वैज्ञानिक मतानुसार गुलाब के रासायनिक संगठन का विश्लेष्ण करने पर ज्ञात होता है की इसमें ओलियम रोजी (Oleum Rosi) तेल, गैलिक और टैनिक एसिड्स, प्रति 100 ग्राम पुष्पों में 6000 मिलीग्राम बिटामिन ‘सी’ पाया जाता है | बिटामिन ‘सी’ हमारे शारीर के लिए बहुत आवश्यक है, क्योकि यह संक्रामक रोगों से बचाता है, नजला, सर्दी जुकाम से दूर रखता है, टिशूज और हड्डियों में विशेष शक्ति का संचार करता है | रूस में तो कई-कई किलोमीटर तक गुलाबों के बाग लगाए गए है | कुछ का मानना है की गुलाब विटामिन सी से भरा होता है |

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गुलाब के हानिकारक प्रभाव Gulab Ke Phool Ke Side Effects (Nuksaan)

कामशक्ति को निर्बल करने के कारण ताजे गुलाब के पुष्पों का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए | जिनका मूत्राशय कमजोर हो, उसे गुलकंद के सेवन से परहेज करना चाहिए |

गुलाब के विभिन्न रोगों में फायदे Gulab Ke Phool Ke Fayde Hindi Me

1. होंठों का कालापन Hotho Ka Kalapan Gulab Ke Phool Se Kaise Hataye: गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोरा सा ग्लिसरीन अच्छी तरह मिला लें | इसे दिन में 3-4 बार होंठो पर नियमित रूप से लगाएं |

2. मुंह के छाले Muh Ke Chhalo Ka Upchar Gulab Se: फूलों का काढ़ा बनाकर उससे बार-बार गरारे करें |

3. कान दर्द : गुलाब के फूलों का निकाला ताज़ा रस कानों में टपकाएं |

4. दाद : निम्बू के रस में बराबर की मात्र में गुलाब अर्क मिलाकर नियमित लगाएं |

5. आँखों का कष्ट : सुबह-शाम गुलाब अर्क 2-2 बूंद आँखों में डालते रहने से अनेक कष्ट दूर होते है |

6. अतिसार : गुलाब के फूल 10 ग्राम और मिसरी 5 ग्राम को मिलाकर, इसकी एक मात्रा दिन में तीन बार खिलाएं | अधिक कष्ट दायक रोग में गुलाब के फूलों के बिच लगने वाले छोटे-छोटे दाने, जिसे जीरा कहते हैं, एक ग्राम की मात्रा में तीन बार दें |

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7. श्वेत प्रदर : 2 चम्मच शुष्क गुलाब के फूलों का चूर्ण और एक चम्मच मिसरी मिलाकर दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करने और ताजे पिसे हुए फूल सोते समय योनी में रखने से शीघ्र लाभ मिलता है |

8. पेट की बीमारियाँ :  भोजन के बाद गुलकंद का नियमित रूप से 2-2 चम्मच की मात्रा में दो बार सेवन करें |

9. दांतों का रोग : फूलों की पंखुरियां चबाकर खाते रहने से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं, मुख की दुर्गन्ध दूर होकर पायोरिया की बीमारी में लाभ होता हैं |

10. खुजली : चमेली का तेल, निम्बू का रस और अर्क गुलाब बराबर की मात्रा में मिलाकर पीड़ित अंगों पर मलकर लगाएं |

11. शीतपित्त : चन्दन के तेल में गुलाब का अर्क बराबर की मात्रा में मिलाकर लगायें |

12. सिर दर्द : 10 ग्राम गुलाब के फूलों की पंखुडिया 2 इलायची के साथ चबाकर खाएं |

12. अम्लपित्त : गुलाब जल में, गुलाब पुष्प, 1 इलायची और 1 चम्मच धनिया चूर्ण मिलाकर पिस लें और भोजन के बाद सेवन करें |

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