हवा सिंह का जीवन परिचय Hawa Singh Biography In Hindi

Hawa Singh Biography In Hindi

हवा सिंह का जीवन परिचय (Hawa Singh Biography In Hindi Language)

Hawa Singh Biography In Hindi

नाम : हवा सिंह
जन्म : 16 दिसम्बर, 1937
जन्मस्थान : उमरवास, भिवानी (हरियाणा)
मृत्यु : 14 अगस्त 2000

देश के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में से एक हवा सिंह ने वर्षों तक इस खेल को नई दिशा दी तथा देश का नाम रोशन किया । पहले बॉक्सर के रूप में देश की सेवा की और अन्त तक खेल से जुड़े रहे | उन्हें 1966 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया तथा 1968 में थलसेना अध्यक्ष द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की ट्राफी प्रदान की गई | वर्ष 1999 में उनके लिए ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ घोषित किया गया ।

हवा सिंह का जीवन परिचय (Hawa Singh Biography In Hindi)

हवा सिंह का नाम भारत में ही नहीं एशिया में ‘हेवीवेट विजेता’ के रूप में प्रसिद्ध रहा । उन्होंने एशियाई खेलों में न केवल हैवीवेट का खिताब जीता, वरन् अगले एशियाई खेलों तक उसे बरकरार रखा ।

हवा सिंह ने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अनेंकों प्रतियोगिताएं जीतीं, बल्कि अनेक बॉक्सरों ने हवा सिंह से ट्रेनिंग लेकर विजय प्राप्त की । उन्होंने अनेक बाक्सिंग कोचों को भी सफलता के गुर सिखाए । हवा सिंह को बाक्सिंग के खेल में महारत हासिल थी । उन्होंने दो बार एशियाई स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर पूरे एशिया में प्रशंसा व प्रसिद्धि पाई । ऐसा लगता था कि रिंग में उनका मुकाबला करने का दमखम किसी में नहीं है । वह अपने क्षेत्र में बेहतरीन एवं सर्वश्रेष्ठ रहे । उन्हें पहली सफलता एशियाई स्तर पर 1966 में बैंकाक एशियाई खेलों में मिली, जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता । दूसरी बार 1970 के बैंकाक एशियाई खेलों में हवा सिंह ने पुन: अपनी सफलता को दोहराया और स्वर्ण पदक हासिल किया । उनके इन दो स्वर्ण पदकों ने भारतीय बॉक्सिगं में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा दिया । आज तक बीक्सिगं में इतनी सफलता कोई अन्य खिलाड़ी हासिल नहीं कर सका है ।

हवा सिंह ने एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने के अतिरिक्त भारतीय बाक्सिंग के इतिहास में अन्य कई शानदार पन्ने जोड़े । उन्होंने 1961 से 1972 तक यानी 11 वर्षों तक अपने वजन के वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप जीती जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है तथा ‘सर्विसेज’ में इतने ही वर्षों तक सफलता अर्जित की । कोई अन्य बॉक्सर इतने अधिक वर्षों तक राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप तथा ‘सर्विसेज’ में चैंपियनशिप हासिल नहीं कर सका है ।

हवा सिंह भारतीय सेना में 1956 में तीसरे गार्ड के रूप में शामिल हुए । उन्होंने हर स्तर पर चैंपियनशिप जीती, फिर 1960 में वेस्टर्न कमांड का खिताब जीत लिया । उन्होंने उस वक्त के चैंपियन मोहब्बत सिंह को हराया । फिर अगले वर्ष के पश्चात् 1972 तक हवा सिंह हैवीवेट मुकाबलों के अविजित राजा के समान खेल की दुनिया में शासन करते रहे ।

उनकी सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 1966 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया और 1968 में सेनाध्यक्ष द्वारा उन्हें ‘बेस्ट स्पोर्ट्समेन ट्रॉफी’ प्रदान की गई । 1999 में उन्हें ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ देने की घोषणा की गई, परन्तु जब उन्हें 29 अगस्त 2000 को यह पुरस्कार दिया जाना था, उसके ठीक 15 दिन पूर्व 14 अगस्त 2000 को उनका भिवानी में अचानक निधन हो गया । उनका यह पुरस्कार उनकी पत्नी अंगूरी देवी ने प्राप्त किया ।

उपलब्धियां :

वे (1961 से 1972 तक) 11 वर्षों तक बाक्सिंग के राष्ट्रीय चैंपियन रहे |

वह सर्विसेज (सेना) में भी 11 वर्ष तक चैंपियन रहे |

1966 में बैंकाक एशियाई खेलों में भी हवा सिंह ने बाक्सिंग का स्वर्ण पदक जीता |

1970 के बैंकाक एशियाई खेलों में भी हवा सिंह ने दूसरी बार बाक्सिंग का स्वर्ण पदक जीता |

1966 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया गया |

उन्हें 1968 में सेनाध्यक्ष द्वारा ‘बेस्ट स्पोर्ट्समेन ट्राफी’ प्रदान की गई |

हवा सिंह को 1999 का ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ प्रदान किया गया, जो उनकी अचानक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने प्राप्त किया |

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