
आप सभी जानते हैं कि हर देश में दोपहिया वाहन चलाने के लिए और बैठने दोनों के लिए हेलमेट जरूरी है | लेकिन अकसर देखा यह जाता है कि लोग बिना हेलमेट लगाये ही मोटरसाईकिल या किसी दोपहिया वाहन चला रहें है | यहाँ तक कि अपने सबसे प्यारे बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं और उन्हें भी हेलमेट नहीं लगाते है | यदि आप अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहें हैं तब भी आप बच्चों और खुद को हेलमेट लगाएं | किसी लोकल मार्केट या कहीं भी थोड़ी दूर जा रहें हो तो भी हेलमेट लगायें क्योकि दुर्घटना कही भी और कभी भी हो सकती हैं |
हम हेलमेट केवल थोड़ी सी आलस की वजह से नहीं लगाते हैं जबकि हम सभी जानते है कि इससे हमें घातक नुक्सान हो सकता है और कभी – कभी जान भी जा सकती है | साथ ही कुछ लोग खराब क्वालिटी का हेलमेट पहनते हैं जोकि ठीक नहीं हैं | खराब क्वालिटी का हेलमेट केवल हवालदार के लिए दिखावा है, जबकि अपने लिए बेहद खतरनाक |
कोई भी हादसा होने पर हेलमेट चोट को 70 प्रतिशत से ज्यादा कम कर सकता है और जान बचने की संभावना को 50% तक बढ़ा सकता है | सिर की चोट ऐसी हैं कि इसमें हमारी जान जल्दी जा सकती है इसलिए इसे बचाना ज्यादा जरूरी हैं | किसी और अंग की चोट जल्दी ठीक हो जाती है या कम से कम काम तो चल ही जाता है लेकिन जिन्दा तो रहते हैं |
दोपहिया वाहन में पीछे बैठने वाले अकसर हेलमेट नहीं लगाते और ये समझते हैं कि ट्रैफिक हवलदार केवल चालक का ही हेलमेट ज्यादा देखता हैं और उसी का हेलमेट लगाना जरूरी हैं | लेकिन शोध से पता चला है कि हादसा होने पर चालक से अधिक पीछे बैठने वाले ख़तरा होता हैं | इसलिए सभी बैठने वालों को हेलमेट लगाना चाहिए और किसी हवलदार के डर या उसे दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए |
सही हेलमेट किस प्रकार का होना चाहिए
तो आइये यहाँ जानते हैं कि हेलमेट लगाने के क्या फायदे हैं और सही हेलमेट कैसा होना चाहिए | हेलमेट इस प्रकार का होना चाहिए वह पूरे सिर को अच्छी तरह से ढके रहे और न ही बहुत ढीला हो और न ही बहुत टाईट हो |
✔ हेलमेट पूरे चेहरे को ढके रहे जिससे आपका सिर और पूरा चेहरा चोट लगने से बचा रहे |
✔ हेलमेट के सामने वाला ग्लास अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए जिससे दिखने में कोई समस्या न हो |
✔ हेलमेट का रंग हल्का होना चाहिए क्योकि गहरा रंग दोपहिया वाहन चलाने के लिए अच्छा नहीं होता है |
✔ बाधने वाली स्ट्रैप अकसर कमजोर और ढीली होती हैं जोकि ठीक नहीं है | इसे मजबूत होना चाहिए ताकि दुर्घटना होने पर टूटे नहीं | बांधते समय इसे न ही बहुत टाईट रखे और न हीं बहुत ढीली |
हेलमेट किस प्रकार की चोटों को बचाता है
इससे माथे (Forehead) की बचत होती है जिस पर ज्यादा चोट लगने से व्यक्ति को लकवा हो सकता है या बोलने में दिक्कत हो सकती है | इस चोट की वजह से कभी-कभी लोगों के व्यवहार में भी बदलाव आता है |
✔ सिर के पीछे का उपरी भाग – यहाँ चोट लगने से हमारी मेमोरी में असर होता और हमारी याददास्त भी जा सकती है | कभी-कभी आखों और हाथों के बीच Synchronization में भी परेशानी होती हैं |
✔ ब्रेन स्टेम की चोट – यहाँ पर चोट लगने से हम अपना संतुलन सही से नहीं बना पायेगें और इसलिए चलने में परेशानी होगी |
✔ कनपटी की तरफ की चोट – यहाँ चोट लगने सी याददास्त पूरी तरह से जा सकती हैं और साथ आपकी सेक्स लाइफ भी खराब हो सकती है |
✔ सिर के निचले हिस्से की चोट – यहाँ की चोट से आँख पर ज्यादा असर होता है जिससे आपका विजन (देखने की क्षमता) पूरी तरह से जा सकती है |
हेलमेट सम्बन्धी कुछ मिथक |
सच्चाई |
हेलमेट की वजह से गर्दन और कमर में दर्द होना | कमर या गर्दन में यदि दर्द होता है तो वह हेलमेट की वजह से नहीं है बल्कि गाडी को ज्यादा समय तक चलाने की वजह से है | |
हेलमेट पहनने से कम दिखायी देता है और कभी – कभी इसी वजह से हादसा भी हो जात है | | हेलमेट का ग्लास साफ़ रखने से दिखने में कोई परेशानी नहीं होती है बल्कि यह आँखों की सेफ्टी भी करता है | |
हेलमेट पहनने से बाल झड़ते हैं | हेलमेट का साइज बहुत टाईट नहीं होना चाहिए और बाक झड़ने का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है |
हेलमेट सिर की सेफ्टी कैसे करता है
✔ यह किसी हादसे की स्थिति में सिर को किसी भी तरह से नुकसान पहुचाने वाल्री चीजों से बचाता है, जैसे कोई पत्थर, कील, नुकीली तार, कंकड़ |
✔ हेलमेट में लगा कुशन शाक अब्जार्वर की तरह काम करता है और होनी वाले चोट को बहुत कम कर देता है |
✔ सिर के बीच में हवा की मात्रा को Increase कर देता है जिससे चोट कम लगती है |