
आई. एम. विजयन का जीवन परिचय – IM Vijayan Biography In Hindi Language
नाम : आई. एम. विजयन
जन्म : 25 अप्रैल, 1969
जन्मस्थान : थ्रिसूर (केरल)
1999 के सैफ खेलों में सबसे तेज़ी से अंतरराष्ट्रीय गोल बनाने वाले फुटबाल खिलाड़ी एम. विजयन का पूरा नाम इंवलप्पिल मनी विजयन है | उन्होंने 2003 में अफ्रो-एशियाई खेलों में सर्वाधिक स्कोर बनाया है | उन्हें 2002 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया है ।
आई. एम. विजयन का जीवन परिचय – IM Vijayan Ka Jeevan Parichay In Hindi
आई.एम. विजयन, जो भारतीय फुटबॉल के सबसे अच्छे स्ट्राइकरों में से एक हैं, के जीवन की कहानी गरीब से अमीर बनने की कहानी जैसी है । वह थ्रीसूर में सोडे की बोतलें बेचा करते थे और एक दिन वह भारतीय फुटबॉल की एक महत्त्वपूर्ण पहचान बन गए । यह सब आई.एम. विजयन की कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है कि वह उस स्थान तक पहुँच सके ।
आई.एम. विजयन ने फुटबॉल खिलाड़ी बन कर प्रसिद्धि पाई है और केरल पुलिस, मोहन बागान ए.सी., जे.सी.टी. मिल्स, एफ.सी. कोचीन तथा भारतीय टीमों के लिए फुटबॉल खेली है । वह स्ट्राइकर पोजीशन पर खेलते हैं ।
विजयन ने 1987 में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल पुलिस के लिए फुटबॉल में भाग लिया । यद्यपि विजयन की शारीरिक बनावट अजीब व रूखा-सूखा व्यक्तित्व था परन्तु उन्होंने खेल में अपनी अलग छाप छोड़ी । पुलिस में 4 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात् विजयन ने केरल छोड़कर कलकत्ता क्लब फुटबॉल में शामिल होना बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें अपना बेहतर भविष्य नजर आया । तब उन्होंने मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे दिग्गजों के साथ खेलकर कुछ बेहतर फलदायक वर्ष बिताए ।
विजयन ने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल की शुरुआत की । उन्होंने विभिन्न टूर्नामेंटों में भारतीय खिलाड़ियों की ओर से हमला भी जारी रखा । उन्होंने नेहरू कप, प्रि-ओलंपिक, प्रि-वर्ल्ड कप, सैफ कप, सैफ खेलों में भाग लिया । उन्होंने भारत के अन्य बेहतरीन खिलाड़ी वाइचुंग भूटिया के साथ जोड़ी बनाते हुए भारत की फारवर्ड लाइन को मजबूत किया ।
एम. विजयन केरल के प्रथम फुटबॉल खिलाड़ी बने जिन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया । उन्हें यह पुरस्कार 2002 में प्रदान किया गया । इसके अतिरिक्त उन्हें 1993 में, 1997 में तथा 1999 में ‘बेस्ट फुटबॉलर ऑफ द ईयर’ चुना गया ।
1999 के सैफ खेलों में विजयन ने एक नई उपलब्धि हासिल की । अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे तेज गोल करने का रिकॉर्ड उनके नाम बन गया । उन्होंने नेट पर आने के 12 सेकन्ड के भीतर भूटान के विरुद्ध गोल लगा दिया ।
इसके बाद विजयन का खेलों से विदाई लेने का वक्त आया तो उन्होंने विदाई भी स्टाइलपूर्वक ली । 2003 में अफ्रो-एशियाई खेलों में खेल कर उन्होंने खेल से विदाई ली, लेकिन इन खेलों में वह चार गोल लगाकर सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत हुए । खेलों से रिटायरमेंट के पश्चात् विजयन ने एक पुरस्कार विजेता फिल्म ‘संयम’ में काम किया जिसे जयराज ने निर्देशित किया है ।
उपलब्धियां
एम. विजयन भारतीय फुटबॉल टीम का हिस्सा रहे हैं । विजयन ने 1999 के सैफ खेलों में सबसे तेज गोल लगाने का रिकॉर्ड बनाया । उन्होने 12 सेकन्ड के भीतर भूटान के विरुद्ध गोल लगा दिया ।
2003 के अफ्रो-एशियाई खेलों में विजयन 4 गोल लगाकर सर्वाधिक गोल लगाने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे और उसके बाद उन्होंने खेलों से सन्यास ले लिया ।
वर्ष 2002 में एम. विजयन को ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया । यह पुरस्कार पाने वाले विजयन केरल के प्रथम फुटबॉल खिलाड़ी हैं |
उन्होंने जयराज द्वारा निदेशित पुरस्कृत फिल्म ‘सयंम’ में अभिनय किया है |
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