
जयन्त तालुकदार का जीवन परिचय (Jayanta Talukdar Biography In Hindi Language)
नाम : जयन्त तालुकदार
जन्म : 2 मार्च 1986
जन्मस्थान : गुवाहाटी (असम)
जयन्त तालुकदार भारत के प्रथम तीरंदाज है जिन्होंने विश्व के नम्बर एक तीरंदाज (वर्ष-2006) होने का कीर्तिमान कायम किया है | उन्हें तीरंदाजी में उकृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2007 ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया । उन्होने यह सफलता 2005 में क्रोएशिया में ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ में स्वर्ण पदक जीतने के बाद । 2006 में सैफ खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता |
जयन्त तालुकदार का जीवन परिचय (Jayanta Talukdar Biography In Hindi)
जयन्त तालुकदार का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों में लिया जाता है । उन्होंने अति युवा खिलाड़ी के रूप में अपने खेल की शुरुआत करके भारत के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों में अपना स्थान बनाया है ।
जयन्त का जन्म 2 मार्च 1986 में गुवाहाटी में हुआ था । उनके पिता खदान के मालिक हैं । जयन्त परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं । जयन्त खिलाड़ी के रूप में तब पहचान में आए जब गुवाहाटी में तीरंदाजी के कोचों के द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का कैम्प लगाया गया था । फिर उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी, जमशेदपुर में तीरंदाजी की ट्रेनिंग प्राप्त की । वहीं पर उन्होंने अपने कोचों को अपने शारीरिक सौष्ठव तथा सही निशानेबाजी की कुशलता से प्रभावित कर दिया ।
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2004 में जयन्त एक अत्यन्त प्रतिभावान खिलाड़ी के रूप में उभरे जब उन्होंने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रिटेन में भारतीय टीम में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम ने विश्व स्तर पर रजत पदक प्राप्त किया । इस प्रकार तीरंदाजी में भारतीय खिलाड़ियों ने पहली बार विश्व स्तर पर कोई पदक प्राप्त किया जिसका मुख्य श्रेय जयन्त तालुकदार को दिया गया ।
2005 में जयन्त पुन: भारत के शीर्ष तीरंदाजों में रहे जब उन्होंने कोच्चि में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप मुकाबले में बड़े नामी खिलाड़ियों को हरा दिया । इसी वर्ष यानी 2005 में जयन्त ने एक इतिहास रच डाला जब उन्होंने क्रोएशिया के पोरेक में ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीत लिया । वह विश्व स्तर पर व्यक्तिगत खिलाड़ी के रूप में रैंकिंग में विश्व के नम्बर दो खिलाड़ी बन गए ।
आज भी जयन्त तालुकदार की रैंकिंग विश्व में दूसरे नम्बर पर हैं । वह इटली के इलरियो डी बुओ के बाद दूसरे नम्बर पर हैं ।
वर्ष 2006 में जयन्त तालुकदार ने कोलंबो में हुए दक्षिण एशियाई (सैफ) खेलों में अपने प्रतिद्वन्दी तरुनदीप राय को हरा कर पुरुषों का तीरंदाजी का स्वर्ण पदक जीत लिया ।
जयन्त विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले भारत के प्रथम तीरंदाज हैं । उन्हें वर्ष 2006 के लिए ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया है ।
उपलब्धियां :
जयन्त तालुकदार की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों में की जाती है |
वह विश्व स्तर पर तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय तीरंदाज है । उन्होंने ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ में 2005 में स्वर्ण पदक जीत कर यह कीर्तिमान स्थापित किया |
वह 2005 में एर्नाकुलम ‘रिकर्व’ में व्यक्तिगत विजेता बने तथा 2006 में कोलकाता में विजेता रहे ।
2006 के दोहा एशियाई खेलों में उन्हें टीम का कांस्य पदक मिला ।
एशियाई चैंपियनशिप में उन्हें 2003 में यांगोन में टीम का रजत तथा 2005 में भी एशियाई चैंपियनशिप, नई दिल्ली में टीम का रजत पदक प्राप्त हुआ |
जयन्त तालुकदार उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने 2004 में विश्व चैंपियनशिप ब्रिटेन में रजत पदक जीता था |
व्यक्तिगत ‘रिकर्व-इवेंट’ में जयन्त विश्व में दूसरे नम्बर के खिलाड़ी हैं |
2006 में जयन्त ने कोलम्बो में हुए सैफ खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया ।
उन्हें 29 अगस्त 2007 को वर्ष 2006 के लिए ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया है |
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