
जीव मिल्खा सिंह का जीवन परिचय – Short Life History of Jeev Milkha Singh And Biography In Hindi Language
नाम : जीव मिल्खा सिंह
जन्म : 15 दिसम्बर, 1971
जन्मस्थान : चंडीगढ़
जीव मिल्खा सिंह विश्व में भारत के सर्वश्रेष्ठ गोल्फ खिलाड़ी के रूप में जाने जाते है | वह भारत के अतिश्रेष्ठ धावक मिल्खा सिंह के पुत्र हैं | वह यूरोपीय टूर के सदस्य बनने वाले प्रथम भारतीय गोल्फ खिलाड़ी (गोल्फर) हैं | वह ”वाल्वो चाइना ओपन’ के भी विजेता हैं । उन्होंने स्पेन का ‘वाल्वो मास्टर्स’ भी जीता है | उन्हें ‘एशियन प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार’ 2006 के लिए प्रदान किया गया |
जीव मिल्खा सिंह का जीवन परिचय – Jeev Milkha Singh Ka Jeevan Parichay In Hindi
जीव मिल्खा सिंह ने सर्वप्रथम 13 वर्ष की आयु में दिल्ली में गैर-व्यावसायिक (अमेचर) टूर्नामेंट-अमेरिकन एक्सप्रेस चैंपियनशिप जीती । फिर अमेरिका में कुछ अमेचर टूर्नामेंट खेल कर अपनी गोल्फ प्रतिभा को निखारा । जीव भारत के पहले गोल्फ खिलाड़ी हैं जिन्हें यूरोपियन टूर 115 का सदस्य बनाया गया है ।
जीव एशिया पी.जी.ए. टूर में 1990 के दशक से लगातार भाग लेते रहे हैं और अनेक प्रतियोगिताओं में जीतते रहे हैं । 1997 में यूरोपियन टूर क्वालीफाइंग स्कूल में वह सातवें स्थान पर रहे और अगले वर्ष वह उसके सदस्य बन गए ।
छह वर्ष तक जीव कोई बड़ा खिताब नहीं जीत सके । ऐसा लगता था कि वह कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं कर पाएंगे । परन्तु 2006 का वर्ष जीव के लिए आश्चर्यजनक रूप से कामयाबी का वर्ष रहा जो उनके लिए अनेक बड़ी उपलब्धियों के साथ खुशियां लेकर आया । जनवरी 2006 में उन्होंने शुरुआत पाकिस्तान ओपन में दूसरे नम्बर पर रहकर की थी जो टाई रहा था ।
अप्रैल 2006 में जीव ने ”वाल्वो चाइना ओपन” जीता । वे इस खिताब को जीतने वाले अर्जुन अटवाल के बाद दूसरे भारतीय हैं । यह खिताब जीतकर 6,66,660 यूरो का चेक पाया । यह उनके कैरियर की सबसे बड़ी जीत रही ।
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कई वर्षों से सफलता न मिलने से वह निराश हो चले थे । अत: वाल्वो चाइना ओपन में सफलता उनके लिए एक नई शुरुआत के समान थी । उनका कहना था- ”मेरे लिए यह एक रिलीफ था । कई बार मैं यह सोचकर निराश हो जाता था कि मेरे साथ इतना गलत क्यों हो रहा है ? मैं हमेशा अनुशासित रहा हूँ, लेकिन सफलता मुझे नहीं मिल रही थी । पर मैंने आशा और मेहनत जारी रखी और वह दिन आ गया जब मैंने ‘वाल्वो चाइना ओपन’ जीत लिया ।
इसके पश्चात् उन्होंने 10 मुख्य फिनिश हासिल किए जो एशियाई व यूरोपीय टूर पर हासिल किए । फिर उन्होंने स्पेन में ‘वाल्वो मास्टर्स’ जीता जिससे उन्हें एक अत्यन्त प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त हो गया । फिर यू.बी.एस. ‘हांगकांग ओपन’ में उन्हें तीसरी पोजीशन हासिल हुई जिससे उन्हें प्रतिष्ठित पहली रैंकिंग मिली । यह उपलब्धि पाने वाले भारत के ज्योति रंधावा, अर्जुन अटवाल के बाद वह तीसरे भारतीय हैं । वह एशिया के टॉप रैंकिंग खिलाड़ियों में शामिल हो गए ।
नवम्बर 2006 में जीव मिल्खा सिंह ने पहला ‘कैसियो वर्ल्ड ओपन गोल्फ’ खिताब जापान में जीत लिया । इस खिताब के साथ-साथ उन्होंने 2 करोड़ 80 लाख येन (लगभग 1 करोड़ 8 लाख) की पुरस्कार राशि भी प्राप्त की । न्यूजीलैंड के डेविड स्मेल आखिर में जीव से दो शॉट पीछे छूट गए और उन्हें दूसरे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा । इस जीत के पश्चात् जीव विश्व रैंकिंग में 63वें नंबर पर आ गए थे ।
2006 का वर्ष जीव के लिए उपलब्धियों भरा रहा । ‘एशियन टूर आर्डर आफ मेरिट’ में जीव पहले नम्बर पर रहे और उन्होंने 5,73,442 डॉलर की राशि अर्जित की | जीव 50वी रैंकिंग तक अपना स्थान बनाने का प्रयास जारी रखते रहें हैं । यदि वह 50वीं रैंकिंग में अपना स्थान बना पाते हैं तो वह स्वाभाविक रूप से मेजर्स में खेलने के हकदार हो जाएंगे ।
यह सफलता प्राप्त करने पर जीव का कहना था, ‘यह वर्ष मेरे लिए ‘परफेक्ट वर्ष’ रहा । यह सपने के पूरे होने जैसा है । पहले ‘एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट । ख़िताब मिला, फिर जापान टूर में खिताब मिला । मैं ईश्वर से इससे ज्यादा क्या मांग सकता था! मैं जापान सर्किट में वर्षों से खेल रहा हूँ । यह एक ऐसा खिताब था, जिसे पाने की मुझे वर्षों से तमन्ना थी । हालांकि मैं पहले कई बार इस खिताब को जीतने के नजदीक पहुंचा, परन्तु आखिरकार जीत नहीं पाता था ।
अब मैंने अपना उद्देश्य फिर से सैट कर लिया है । अब मैं पुरानी उपलब्धियां प्राप्त करने के बाद नई उपलब्धियां पाने के लिए अधिक कड़ी मेहनत करूंगा ।”
इतनी उपलब्धियों के पश्चात् जीव मिल्खा सिंह को ‘प्लेयर्स प्लेयर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार के लिए वोट द्वारा चुना गया । इसके अतिरिक्त उन्हें यू.बी.एस. का ‘स्पेशल एचीवमेंट अवॉर्ड’ भी प्रदान किया गया ।
चार, बड़े खिताब जीतने के पश्चात् 2006 के अन्त में जीव मिल्खा सिंह को एक अन्य बड़े पुरस्कार के लिए चुना गया । वह था-‘एशियन प्लेयर ऑफ द ईयर’ । इस पुरस्कार के लिए दो अन्य नामांकन थे | 1. थाइलैण्ड के प्राम मीसावट 2. दक्षिण कोरिया के यांग योंग यून ।
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दिसम्बर 2006 में जीव ने निप्पन सीरीज जे.टी. गोल्फ कप के रूप में अपना चौथा खिताब जीत लिया जिससे उन्होंने यू.एस. मास्टर्स के लिए क्वालीफाई कर लिया । इसे क्वालीफाई करने वाले वह प्रथम भारतीय हैं जिससे उनका विश्व गोल्फ रैंकिंग में 50 खिलाड़ियों में पहुंचना तय है । उनकी पिछली रैंकिंग 55 थी ।
उपलब्धियां :
- 1997 में वह टूर के सदस्य बन गए |
- जनवरी 2006 में जीव ‘पाकिस्तान ओपन’ में टाई के साथ दूसरे स्थान पर रहे |
- अप्रैल 2006 में उन्होंने ‘वाल्वो चाइना ओपन’ खिताब जीता |
- 2006 में जीव ने जापान में ‘कैसियो वर्ल्ड ओपन’ ख़िताब जीता जिसकी इनामी राशि 1.2 मिलियन डॉलर थी |
- 2006 में उन्होंने स्पेन में ‘वाल्वो मास्टर्स, जीता ।
- 2006 में यू.बी.एस. हांगकांग ओपन में तीसरे स्थान पर रहे लेकिन उन्हें नम्बर एक रैंकिंग मिल गई |
- 2006 में उन्होंने ‘एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट’ जीता |
- एशिया टूर के यू.बी.एस. गाला में तीन अवॉर्ड जीतने पर उन्हें ‘प्लेयर्स प्लेयर ऑफ द ईयर’ चुना गया |
- उन्हें 2006 का यू.बी.एस. का ‘स्पेशल एचीवमेंट अवॉर्ड’ दिया गया जो नया शुरू किया गया था ।
- 2006 में जीव को ‘यू.बी.एस. आर्डर ऑफ मेरिट’ खिताब दिया गया |
- जीव को वर्ष 2006 के लिए ‘एशियन प्लेयर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार के लिए चुना गया |
- दिसम्बर 2006 में जीव मिल्खा सिंह ने जापान में ‘निप्पन सीरीज जेटी गोल्फ कप’ का खिताब जीत लिया । जिससे यू.एस. मास्टर्स के लिए क्वालीफाई करने वाले वह प्रथम भारतीय बन गए |
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