कबड्डी खेल के नियम हिंदी में Kabaddi Game Rules In Hindi Language

कबड्डी खेल के नियम हिंदी में Kabaddi Game Rules In Hindi Language

कबड्डी का खेल पूर्णतया भारतीय खेल है| भारतीय परिवेश में यह खेल देश के विभिन्न प्रांतो में खेला जा रहा है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी इसे पूर्ण मान्यता नहीं मिली है, फिर भी एशियाई स्तर पर पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, चीन, जापान, कोरिया आदि देशों में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है| इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यह है कि बिना किसी उपकरणों के इसका आयोजन संभव हो जाता है|

सर्वप्रथम इस खेल कि स्पर्धा का आयोजन सन् 1938 में कलकत्ता में हुआ था| इसके पश्चात सन् 1952 में भारतीय कबड्डी संघ कि स्थापना कि गई| इस संघ के माध्यम से देश के अंदर खेल का विकास किया गया| पुरुष व महिला दोनों वर्गो के लिए इसका आयोजन किया जाता है| वर्तमान समय में भारतीय ओलंपिक संघ ने इसे भारतीय ओलंपिक खेलो कि श्रेणी में स्थान प्रदान किया है| एशियाई खेलो में सन् 1982 में सर्वप्रथम इसको प्रवेश मिला था|

इसके बारे में ये जाने –

कबड्डी का मैदान Kabaddi Ground

कबड्डी की पोशाक Kabaddi Dress

कबड्डी खेल के नियम Rules Of Game In Kabaddi

कबड्डी के अर्जुन पुरस्कार विजेता और वर्ष Kabaddi’s Arjuna Award winner and year

कबड्डी का मैदान Kabaddi Ground

कबड्डी के खेल का मैदान समतल व नरम होता है| इस मैदान को तैयार करने के लिए मिट्टी व बुरादे का प्रयोग किया जाता है| पुरुषों, महिलयों व जूनियर वर्ग के लिए खेल का मैदान अलग-अलग आकार का होता है|पुरुषों के लिए इसका आकार 12.5 गुणा 10 मीटर होता है| 6.25 मीटर पर एक मध्य रेखा होती है| इस मध्य रेखा द्वारा मैदान को 2 बराबर भांगों में बांटा जाता है|

महिलायों के लिए मैदान का आकार 11 गुणा 8 मीटर होता है| 5.5 मीटर पर मध्य रेखा होती है| जूनियर वर्ग के और महिलायों के लिए समान आकार का मैदान ही प्रयोग में लाया जाता है| उपरोक्त आकार के अंदर दोनों ओर लॉबी को रेखाकिंत किया जाता है| मध्य रेखा से पीछे कि ओर दोनों भागों में मध्य रेखा के समानांतर एक रेखा होती है, जिसे बक रेखा कहते है| मैदान के दोनों ओर पीछे कि तरफ खिलाड़ियो के बैठने के लिए एक निश्चित स्थान अंकित किया जाता है, जिसे बैठने का घेरा कहते है| मैदान के अंदर सभी रेखाओ कि चौडाई 5 से.मी होती है| बोनस रेखा अंतिम रेखा से 2.50 मीटर कि दूरी पर मैदान के अंदर अंकित की जाती है|

कबड्डी की पोशाक Kabaddi Dress

प्रत्येक खिलाड़ी बनियान व निक्कर पहनता है| साथ में जुराब व कपड़े के जूते भी पहने जाते है| प्रत्येक खिलाड़ी की बनियान पर नंबर अंकित होता है| इसके अलावा किसी भी खिलाड़ी को ऐसी वस्तु पहनने की अनुमति नहीं होती, जो किसी अन्य खिलाड़ी को चोट पहुंचा सके|

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कबड्डी खेल के नियम Rules Of Game In Kabaddi

  1. प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते है,लेकिन एक समय में केवल सात खिलाड़ी मैदान में खेलते है|  शेष पाँच खिलाड़ी सुरक्षित होते है, जिन्हे विशेष परिस्थिथियों में प्रयोग किया जाता है|
  2. मैच के लिए 20-20 मिनट की दो अवधि का प्रयोग किया जाता है एव बीच में 5 मिनट का विश्राम दिया जाता है| 20 मिनट के बाद दोनों टीमे अपना खेल क्षेत्र बदल देती है| महिलाओ के लिए 15-15 मिनट की दो अवधि का प्रयोग किया जाता है| विश्राम वही 5 मिनट का होता है|
  3. खेल के दौरान मैदान से बाहर जाने वाला खिलाड़ी आउट माना जाता है|
  4. संघर्ष आरंभ होने पर लॉबी का क्षेत्र भी मैदान का हिस्सा माना जाता है|
  5. बचाव करने वाली टीम के खिलाड़ी का पैर पीछे वाली रेखा से बाहर निकाल जाने पर वह आउट मान लिया जाता है|
  6. रेड करने वाला खिलाड़ी लगातार कबड्डी-कबड्डी शब्द का उच्चारण करता रहता है|
  7. एम्पायर द्वारा रेडर को किसी नियम के उल्लघन पर सचेत करने के बाद भी यदि वह फिर भी नियम का उल्लंघन करता है,तो उसकी बारी समाप्त कर दी जाती है तथा विपक्ष को एक अंक दे दिया जाता है, किन्तु रेडर को आउट नहीं दिया जाता|
  8. जब तक एक रेडर विपक्षी टीम के क्षेत्र में रहता है,तब तक विपक्षी टीम का कोई भी खिलाड़ी रेडर की टीम में रेड करने नहीं जा सकता|
  9. रेडर द्वारा विपक्ष के क्षेत्र में सांस तोड़ने पर उसे आउट माना जाता है|
 10. यदि एक से अधिक रेडर विपक्ष के क्षेत्र में चले जाते है, तो एम्पायर उन्हे वापस भेज देता है व उनकी बारी समाप्त कर दी जाती है| इन रेडरों द्वारा छुए हुए खिलाड़ी आउट भी नहीं माने जाते और न ही विपक्षी खिलाड़ी इंका पीछा करते है|
 11. खेलते समय यदि किसी टीम के एक या दो खिलाड़ी शेष रह जाते है, तो कप्तान को अधिकार है कि  वह अपनी टीम के सभी सदस्यों को बुला सकता है| इसके बदले विपक्ष को उतने अंक एवं लोना के दो अंक प्रदान किए जाते है|
 12. रेडर यदि बोनस रेखा को पार कर लेता है,तो उसे एक अंक दिया जाता है|
 13. जो टीम टॉस जीतती है, वह या तो पाले का चुनाव करती है अथवा प्रथम आक्रमण| मध्यांतर के बाद पाले का आदान-प्रदान करके दूसरे पक्ष का खिलाड़ी प्रथम आक्रमण करेगा|
 14. यदि खिलद के शरीर का कोई अंग क्रीडा-क्षेत्र से बाहर कि जमीन को स्पर्श करता है, तो उस खिलाड़ी को आउट घोषित कर दिया जाता है|
 15. असभ्य अथवा उददंड व्यवहार के लिए रेफरी खिलाड़ी को चेतावनी दे सकता है, विपक्ष को अंक दे सकता है अथवा खिलाड़ी को अस्थायी अथवा स्थायी रूप से अपात्र घोषित कर सकता है| संपूर्ण टीम को भी अपात्र घोषित किया जा सकता है|
 16. स्पर्धा के समय एक रेफरी, दो एम्पायर, एक अंक लेखक तथा दो सहायक अंक लेखक का होना आवश्यक है|
  17. किसी विशेष परिस्थिति में कप्तान दो टाइम आउट ले सकता है, जिनकी अवधि 30-30 मिनट सेकंड की होती है, लेकिन इस अवधि में खिलाड़ी अपना स्थान नहीं छोड़ सकते|
  18. कोई भी रेडर अथवा विपक्षी खिलाड़ी किसी को जबरदस्ती धक्का देखकर सीमा रेखा से बाहर गिराने की चेष्टा नहीं कर सकता|
  19. किसी रेडर के बिना पारी के विपक्षी टीम में रेड करने जाने पर एम्पायर उसे वापस भेज सकता है| यदि ऐसा बार-बार होता है, तो एम्पायर उस पक्ष को एक बार चेतावनी देता है| उसके पश्चात विपक्ष को एक अंक|
  20. जब एक टीम दूसरी टीम के सभी खिलाड़ियो को आउट कर देती है, तो उसे एक लोना मिलता है| इसमे दो अंक अतिरिक्त दिए जाते है| तत्पश्चात खेल पुनः आरंभ होता है|
  21. विपक्षी टीम के खिलाड़ी उसी क्रम में जीवित किए जाते है,जिस क्रम में वे आउट होते है|
  22. एक बार बदले गए खिलाड़ी को पुनः खेल में प्रविष्ट नहीं किया जा सकता|
  23. यदि दोनों टीमों के निश्चित अवधि के अंदर अंक समान होते है, तो उस अवधि में अतिरिक्त 5-5 रेड दी जाती है|

कबड्डी के अर्जुन पुरस्कार विजेता और वर्ष Kabaddi’s Arjuna Award winner and year

                                                    कबड्डी के अर्जुन पुरस्कार विजेता और वर्ष 
                  नाम      वर्ष
          सदानंद महादेव शेट्टी      1972
          भोलानाथ गुईन      1973
          एस.पी. खटावकर      1978
          शांताराम जाधव      1980
          मोनिका नाथ      1981
          माया काशीनाथ      1983
          रमा सरकार      1986
         हरदीप सिंह      1990
         एस.राजरत्नम्      1994
         अशोक डी.शिंदे      1994
         पी.गणेशन      1995
         राम अवतार      1996
         नीता मोरेश्वर दादवे      1996
         रणधीर सिंह      1997
         अशन कुमार      1998
         विश्वजीत पालित      1998
         बलविंदर सिंह      1999
         तीरथराज      1999
         सी.होनप्पा      2000
         बी.सी.रमेश      2001
         राममेहर सिंह      2002
         संजीव कुमार      2003
         सुंदर सिंह      2004
         रमेश कुमार      2005
         नवीन गोतम      2006
         पंकज नवनात श्री सत      2008
         दिनेश कुमार      2010
         तेजस्वनी बाई      2011
          राकेश कुमार      2011
          अनूप कुमार      2012
          ममता पुजारी      2014
          मंजीत चिल्लर      2015
          अभिलाषा महात्रे      2015

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