
आइये जानते हैं कलौंजी खाने के फायदे और नुकसान हिंदी में Kalonji Khane Ke Fayde Aur Nuksaan Hindi Me
देश के पूर्वी प्रान्तों, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, आसाम, बंगाल और दक्षिण भारत में इसकी खेती की जाती हें | कलौंजी का पौधा सौंफ के सामान ऊंचाई में उससे कम होता हैं | पत्ते एक साथ जोड़े से लगते हैं | पुष्पदंडों पर एकल फूल नीलाभ पीतवर्ण के लगते हैं | फूल शरद ऋतु में और फल शीतकाल में लगते हैं |
फूलों के गिरने के बाद आधा इंच लम्बी कली लगती है, जिसमें तिल के सामान अत्यंत काले या गहरे भूरे रंग के तीक्ष्ण गंध वाले सुगंधित बीज 2 से 3 मिलीमीटर लम्बे और 2 मिलीमीटर चौड़े होते हैं | बीजों का बाहरी आवरण खुरदुरा और अन्दर का सिनग्ध, सफेद, बिजम्ज्जा युक्त दिखाई पड़ता है |
आप यहाँ ये जानेंगे –
- कलौंजी के विभिन्न भाषाओँ में नाम Name Of Kalonji In Defferent Languages
- कलौंजी के गुण Benefits Of Kalonji
- कलौंजी के हानिकारक प्रभाव Kalonji ke Harmful Effects
- कलौंजी का विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु उपचार Kalonji Ka Rogo ke Upchar Me And Home Remedies
- सर्दी-जुकाम में कलौंजी का सेवन Sardi – Jukham Me Kalonji Ka Sevan
- मुंहासे के लिए इस्तेमाल करे कलौंजी Pimples Ke Liye Use Kre Kalonji
- बवासीर के लिए कलौंजी Bavaseer Ke Liye Kalonji
- त्वचा विकार में उपयोग करे कलौंजी Skin Vikar Me Use kre Kalonji
- नपुंसकता के लिए लाभकारी है कलौंजी Impotence Ke Liye Labhkari Hai Kalonji
- दुग्ध वृधि हेतु फायदेमंद कलौंजी Dudh Badhane Me
- वात व्याधि में कलौंजी का इस्तेमाल Vaat Vyadhi Me Kalonji Ka Use
- स्नायु पीड़ा में कलौंजी Snayu Pida Me Kalonji
- इन्द्रलुप्त (गंजापन ) के लिए कलौंजी Ganjapan Ke Liye Kalonji
- सुजन पर लगाए कलौंजी Sujan Par Lagaye Kalonji
- पेट की कृमि के लिए कलौंजी का सेवन Pet Ke Liye Kalonji Ka Sevan
- लकवा के लिए कलौंजी Paralysis Ke Liye Kalonji
- प्रसव कष्ट के लिए कलौंजी Prsav Kasth Ke Liye Kalonji
- कर्ण रोग में कलौंजी Karn Rog Me Kalonji
कलौंजी के विभिन्न भाषाओँ में नाम Name Of Kalonji In Defferent Languages
- संस्कृत Kalonji In Sanskrit – कलवंचिका, कलाजाजी |
- हिंदी Kalonji In Hindi – कलौंगी, मंगरैल |
- मराठी Kalonji In Marathi – कलौंजी |
- गुजरती Kalonji In Gujarati – कलौंजी |
- बंगाली Kalonji In Bangali – मूगरेला |
- अंग्रेजी Kalonji In English – स्माल फनेल (Small Fennel ) |
- लैटिन Kalonji In Latin – नइगेला सेटाइवा (Nigela Sativa )|
कलौंजी के गुण Benefits Of Kalonji
आयुर्वेदिक मतानुसार कलौंजी रस में कटु, तिक्त, लघु, तीक्ष्ण, गर्म प्रकृति, विपाक में कटु, वात-कफ नाशक और पित्त्वर्धक होता हैं | चर्म रोगों, संधिशोथ,वात – व्याधि, सिर दर्द, कामला, सर्दी-जुकाम, बवासीर, कृमि रोग, अजीर्ण, भूख न लगना, अतिसार, खांसी, दमा, ज्वर, मूत्राघात, इन्द्र्लुप्त, सुजन, त्वचा रोग, पथरी, प्रसव कष्ठ, दुग्ध वृधि हेतु, हिक्का आदि में गुणकारी है |
यूनानी मतानुसार क्लौंजी दुसरे दर्जे की गरम और खुश्क होती है | यह हाजमावर्धक, फेफड़ों की बीमारी, पीलिया, दुध बढ़ाने वाली, जुकाम दूर करने वाली, कमशक्तिवर्धक, मिरगी, लकवा, दिमागी कमजोरी दूर करने वाली, खुजली, चर्म रोगों, ज्वर आदि में भी लाभप्रद है |
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वैज्ञानिक मतानुसार क्लौजी का रासायनिक विश्लेसन करने पर ज्ञात होता है की इसके बीजों में एक रक्ताभ भूरे रंग का स्थिर तेल 31 प्रतिशत और दूसरा पीताभ भूरा उड़नशील तेल 0.5 से 1.6 प्रतिशत होता है | उड़नशील तेल में कार्बोन 45-60 प्रतिशत, डीलाइमोनिन और साइमिन तत्त्व होते हैं | इसके अलावा श्वासनलिका प्रसारक तत्त्व नाइगेलान, शर्करा, विषाक्त ग्लुकोसाइड, पिच्छिल सेन्द्रिय अम्ल आदि भी होते हैं | क्लौंजी का सुगंधित तेल जिवाणुनासक होता है | इस तेल से मिर्गी, लकवा, दिमागी कमजोरी, नामर्दी मिटती है | कान में डालने से सुजन और बहरापन दूर होता है |
कलौंजी के हानिकारक प्रभाव Harmful Effects Of Kalonji (Nuksaan)
अधिक मात्रा में क्लौंजी का सेवन करने से सिर दर्द, भ्रम, उत्तेजना आदि लक्ष्ण पैदा हो सकते हैं | त्वचा, किडनी, आंत, आमाशय और गर्भाशय पर तीव्र उत्तेजक प्रभाव पड़ता है | गर्भावस्था में देने पर गर्भपात तक हो सकता है |
कलौंजी का विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु उपचार Kalonji Ka Vibheen Rogo Me Use And Home Remedies
1. सर्दी-जुकाम में कलौंजी का सेवन Sardi – Jukham Me Kalonji Ka Sevan :
कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघें | साथ ही थोड़े-थोड़े अंतर से कलौंजी का तेल और जैतुन का तेल बराबर की मात्रा में अल्पमात्रा में मिलाकर नाक में टपकाएं |
2. मुंहासे के लिए इस्तेमाल करे कलौंजी Pimples Ke Liye Use Kare Kalonji :
त्वचा रोगों में कलौंजी का प्रयोग किया जाता हैं और इसके कई फायदे हैं | इसी प्रकार यदि चेहरे पर मुहासे हैं तो इन्हें ठीक करने के लिए कलौंजी को पानी पीसकर लेप बनाएं और उसे रोजाना सोते समय पुरे चेहरे पर मलें | सुबह पानी से साफ कर लें | यह प्रयोग कुछ दिनों तक लगातार करें तो फायदा नज़र आना शुरू हो जाएगा |
3. बवासीर के मस्सों के इलाज लिए कलौंजी Bavaseer Ke ilaj ke Liye Kalonji :
जैसा कि आप जानते हैं कि कलौंजी का प्रयोग त्वचा सम्बन्धी रोगों में किया जाता है | इसी प्रकार बवासीर के मस्सों को ठीक करने लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है | इसके लिए आपको कलौंजी की भस्म लेनी होगी और इसे उन मस्सों पर लगातार लगाना होगा जिससे मस्से कुछ दिनों में ठीक होने लगते हैं |
4. त्वचा विकार में उपयोग करे कलौंजी Skin Vikar Me Use kare Kalonji :
स्किन के रोगों में कलौंजी का कोई जवाब नहीं है | इसे कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है | यदि स्किन में किसी तरह का कोई विकार है तो उस पर आप कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करें | त्वचा के विकार धीरे – धीरे ठीक हो जायेंगे |
5. नपुंसकता के लिए लाभकारी है कलौंजी Impotence Ke Liye Labhkari Hai Kalonji :
नपुन्शकता पुरुषों के लिए अभिशाप है और हर पुरुष यह चाहता है कि उसे इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा मिले | इससे पुरुषों के रोगों के इलाज में मदद मिलती है | इसे ठीक करने के लिए कलौंजी के तेल की शिश्न व कमर पर नियमित रूप से सुबह-शाम कुछ हप्तों तक मालिश करते रहने से यह रोग दूर होगा |
6. दुग्ध वृधि हेतु फायदेमंद कलौंजी Dudh Vradhi Me :
नयी बनी महिलाओं में कभी – कभी कम दूध उतरने की समस्या होती है जिससे बच्चा भूखा रहता है | इसके समाधान में भी कलौंजी लाभकारी है | कलौंजी का अध्धा चम्मच चूर्ण सुबह- शाम सेवन करते रहने से स्त्री के दूध में वृधि होती है |
7. वात व्याधि में कलौंजी का इस्तेमाल Vaat Vyadhi Me Kalonji Ka Use :
वात होना शरीर में कई रोगों को जन्म देता है और इसका उपचार यही होता है कि किसी प्रकार से वात को ठीक रखा जाय | वात के कारण यदि किसी अंग में कोई समस्या हो गयी है तो उस पर कलौंजी के तेल की मालिश पीड़ित अंग पर करें | ऐसा करने पर लाभ होगा |
8. स्नायु पीड़ा में कलौंजी Snayu Pida Me Kalonji :
स्नायु की पीड़ा काफी भयानक हो सकती है | इससे कभी – कभी असहनीय दर्द होता है और कोई कारगर उपचार नहीं मिलता है | इसमें कलोंजी काफी उपयोगी साबित होती है | स्नायु पीड़ा ठीक करने के लिए दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से पीड़ा में आराम मिलता है |
9. गंजापन के उपचार के लिए कलौंजी प्रयोग करे Ganjapan Ke Upchar Ke Liye Kalonji :
आजकल गंजापन एक बहुत बड़ी समस्या है | समय – समय पर बाल झड़ने लगते हैं और यदि ध्यान नहीं दिया गया तो गंजापन हो जाता है | किसी – किसी को जवानी में ही यह समस्या हो जाते है तो बहुत शर्मिन्दगी महसूस होती है | गंगेपन के उपचार में कलोंजी काफी उपयोगी होती हैं | आप यदि गंजेपन के शिकार है तो गंजे के स्थानों पर जली हुई कलौंजी किसी हेयर आइल मे मिलाकर नियमित रूप से मालिश करें | इससे कुछ समय के बाद बाल आना शुरू हो जायेंगे |
10. सुजन पर लगाए कलौंजी Sujan ka Upchar kare Kalonji se:
सूजन या दर्द के इलाज में भी कलोंजी का आप प्रयोग कर सकते है | यह सूजन को धीरे – धीरे कम करके ख़त्म कर देती है | यदि शरीर के किसी अंग में सूजन है तो कलौंजी को पानी में पीसकर सुजन पर लगाने से दर्द दूर और सूजन भी कम होगा |
11. पेट की कृमि के लिए कलौंजी का सेवन Pet Ke Kede Ke Liye Kalonji Ka Sevan :
पेट के कीड़े तो सभी को हो जाते है और विशेष रूप से बच्चों को | अक्सर बच्चे इस पेट के कीड़ों से परेशान होते हैं उनका स्वास्थ्य इससे प्रभावित होता है | तो पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए आप घर पर ही कलोंजी का उपयोग करके उपचार कर सकते है | इसके लिए 10 ग्राम कलौंजी को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ सोते समय कुछ दिन नियमित रूप से सेवन कराएं | 3-4 दिन कीड़े ख़त्म हो जायेंगे |
12. लकवा के लिए कलौंजी Paralysis Ke Liye Kalonji :
लकवा एक ऐसा रोग जो स्नायु तंत्र के प्रभावित होने से होता हैं | स्नायु रोगों में कलोंजी उपयोगी होती है | यदि किसी को लकवा है तो वह कलौंजी के तेल को एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ माह तक नियमित पिलाएं और पीड़ित अंगों पर तेल की मालिश करते रहें | इससे 10 दिनों में आराम दिखना शुरू हो जाएगा |
13. प्रसव कष्ट के लिए कलौंजी Prasav Kasth Ke Liye Kalonji :
प्रसव तो कष्टकारी होता ही है लेकिन इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है | इसमें कलोंजी उपयोगी औषधि है | इसके लिए कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन कराने से प्रसूता की प्रसव पीड़ा दूर होकर प्रसव आसानी से हो जाता है |
14. कान के रोग में कलौंजी Kaan Rog ka Upchar Kalonji Se
कान के तरह – तरह के रोगों के इलाज में कलोंजी का प्रयोग बताया गया है | इसके लिए कलोंजी का तेल प्रयोग में लाया जाता है | कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सुजन दूर होकर बहरापन मिटता है | इसलिए जिन्हें इस प्रकार की कान की समस्या है वे इसे इस्तेमाल कर सकते है |
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