खरबूजे की खेती कैसे करें Kharbooje Ki Kheti Kaise Karen

Kharbooje Ki Kheti Kaise Karen in hindi

Kharbuje Ki Kheti Kaise Karen. खरबूजे की खेती प्रायः उच्च तापमान युक्त शुष्क जलवायु में बेहतर होती है|इसके लिए कम आपेक्षिक आद्रता (Relative Humidity) की जलवायु सबसे उत्तम होती है | विष मुक्त कृषि के  व्यावहारिक प्रयोगों से यह पाया गया कि फल पकने के समय यदि जमीन में अधिक नमी रहती है तो फलों की मिठास कम हो जाती है|

भूमि का चयन कैसे करें Kharbuje Ki kheti Ke Liye Bhoomi Ka Chayan

खरबूजे की खेती के लिए कचनार वाली जमीन सबसे उत्तम होती है लेकिन मैदानी क्षेत्रों में खरबूजे की खेती के लिए जल निकास वाली रेतीली दोमट जनवर भी उपयुक्त है घूमने उनके साथ पीएस 8 से ज्यादा नहीं होना चाहिए

Kharbooje Ki Kheti Kaise Kare Jankari in Hindi

खरबूजे की किस्में Kharboohe Ki Kisme

1. हरा मधु Hara Madhu Kharbooja

इस किस्म के फलों पर हल्की हरी धारियां होती हैं| गूदा हल्का हरा एवं रसीला होता है| इस प्रजाति के फलों में 12 से 15% चीनी पाई जाती है | इस प्रजाति की उपज प्रति एकड़ 60 क्विंटल से अधिक है| हरा मधु खरबूजे का औसत भार  800 ग्राम से एक किलोग्राम तक रहता है|

2. पंजाब रसीला Punjab Rasila Kharbooja

इस प्रजाति के फलों का गूदा सुगन्धयुक्त और हरा होता है| फल का वजन 600 ग्राम तक रहता है और इसमें चीनी का प्रतिशत 10 तक एवम उपज 65-70 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त होती है|

3. दुर्गापुर मधु Durgapur Madhu Kharbooja

खरबूजे की यह सबसे अच्छी प्रजातियों में से एक है| इसके फलों में मिठास बहुत ज्यादा होती है| इसका गूदा हरे रंग का होता है जिसमें 14% तक चीनी पाई जाती है| फलों का वजन 500 ग्राम के लगभग होता है और इससे 1 एकड़ में 65-70 कुंतल तक उपज ली जा सकती है|

4. पूसा रसराज Pusa Rasraj Kharbooja

यह खरबूजे की काफी प्रचलित प्रजाति है और यह उत्तर भारत के किसानों में काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह एक संकर प्रजाति है और इस वजह से इसका उत्पादन ज्यादा मिलता है| इसके फल लंबोदर, चिकने तथा बिना धारी के होते हैं| इसकी पैदावार100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|

5. अर्का राजहंस Arka Rajhans Kharbooja

इस किस्म के फलों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा अंडाकार और छिलका जालीदार होता है| इसमे चीनी का प्रतिशत 12 से अधिक होने की वजह से मिठास भरपूर रहती है| इससे 50 से 55 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज होती है|

6. अर्का जीत Arkajeet Kharbooja

यह खरबूजे की एक अगेती किस्म है और इस प्रजाति के फल छोटे नारंगी रंग लिए होते हैं| जो दिखने में आकर्षक लगते हैं| फलों का वजन 400 ग्राम तक होता है| इसका गूदा सफ़ेद तथा सुगंध मनमोहक होती है| इसमें विटामिन-सी की मात्रा टमाटर से भी ज्यादा पाई जाती है|

खेत की तैयारी एवं बुवाई कैसे करें Kharboohe Ke Liye Khet Ki Taiyari Kaise Kare Aur Buwai Kaise Kare

खरबूजे की खेती तैयारी लौकी की खेती की तरह की जाती है| पहले खेत में 1000 लीटर बायोगैस स्लरी अथवा संजीवक खाद (पतंजली की) 1000 लिटर प्रति एकड़ की दर से डालना चाहिए| उसके बाद तीन से चार बार देसी हल से जुताई करके पाटा लगा कर खेत को समतल बना लेते हैं| इसके बाद 10-10 सीट पर नालियां बनाकर उनमें 3-3 फिट के अंतराल पर लगभग 2 फीट गहरे थावले बनाकर प्रत्येक थावले में वर्मी कंपोस्ट खाद तथा 200 ग्राम राख मिलाते हैं| उसके बाद नालियों में सिंचाई कर देते हैं| सिंचाई के 6 दिन बाद बीज की बुवाई करते हैं| खरबूजा बीजों को 2 सेंटीमीटर गहरी बुवाई करनी चाहिए तथा प्रत्येक थावले में 5 से 7 बीज बोने चाहिए| उगने पर केवल तीन से चार स्वस्थ पौधे रोक लिए जाते हैं| एक एकड़ खेत के लिए एक किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है|

सिंचाई एवं निराई गुडाई कैसे करें Kharbooje Ki Sichai Aur Gudai Kaise Kare

जब खरबूजे के पौधे में दो से तीन पत्तियां निकल आएं तब उस समय पहली सिंचाई कर देनी चाहिए| उसके बाद प्रत्येक सप्ताह सिंचाई करते रहें| फलों के विकसित होने वाले समय में सिंचाई बहुत सावधानीपूर्वक करनी चाहिए क्योकि ज्यादा सिंचाई करने से फलों की मिठास और स्वाद पर विपरीत असर पड़ता है| खरबूजे की लताएं जब खेत में फैलने लगे उससे पहले ही निराई गुडाई कर खेत को खरपतवार से निजात दिलाना बहुत जरूरी है|

फसल की सुरक्षा कैसे करें Kharbooje Ki Fasal K Suraksha Kaise Kare

खरबूजे की फसल को सुरक्षित रखने के लिए कुदरती कीट रक्षकों का प्रयोग नियमित अंतराल पर करते रहना चाहिए| जिसके बारे में नीचे हम आपको बता रहे हैं –

रेड पंपकिन बीटल -> यह बहुत हानिकारक कीट होता है| यह खरबूजे के पौधों पर प्रारंभिक दौर में प्रकोप करता है और यह कीट पत्तियों एवं फलों को खाकर पौधे को नुकसान पहुंचाता है| कभी-कभी इस कीट की सूंडी भूमि के अंदर पौधों की जड़ों को काट देती है|

इसकी रोकथाम कैसे करें

इस कीट से फसल की सुरक्षा के लिए पतंजलि निम्बादि कीटनाशक बहुत प्रभावी है| 10 लीटर कीट रक्षक को 30 लीटर पानी के साथ फसल पर प्रति सप्ताह छिड़काव करने से 3 सप्ताह तक फसल पूरी तरह से सुरक्षित रहती है|

सफेद ग्रब

यह कीट भी खरबूजे की फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है|यह कीट जमीन के अंदर रहता है तथा मौका लगते ही यह पौधे की जड़ों को काट देता है जिससे पूरा पौधा सूख जाता है|

सफेद ग्रब कीट का उपचार कैसे करें

इस कीट से फसल को बचाने के लिए सबसे कारगर उपाय यह है कि खेत की तैयारी करते समय थावले में राख एवं सरसों अथवा नीम की खली का प्रयोग करें| हर थावले में 100 ग्राम नीम या सरसों की खली में 200 ग्राम राख मिलाकर मिट्टी से थावले को ढक दे| 

फलों की तोड़ाई कब और कैसे करें

खरबूजे की फसल पूरी तरह से तैयार हुई या नहीं यह आप इन लक्षणों को देखकर समझ सकते हैं और उसके बाद ही फलों की दवाई करना अच्छा होगा

  • खरबूजे का फल सदैव नीचे की ओर से पकना प्रारंभ होता है तथा पकने के साथ फलों का रंग भी बदलने लगता है तथा छिलका मुलायम हो जाता है|
  • फल पकने पर फल से जुड़ी हुई बेल/तने का रंग हरे से सफेद हो जाता है|
  • पके फल से एक अलग प्रकार की सुगंध आने लगती है जिससे यह आभास हो जाता है कि अब फल पक चुका है|
  • फलों को सदैव सुबह के समय ही तोड़ना चाहिए|

Kharbooje Ki Kheti Kaise Karen in hindi यदि आप ऊपर दी गई सलाह के अनुसार खरबूजे की खेती करेंगे तो आप अधिक से अधिक उपज पा सकेंगे और इसके साथ ही विषमुक्त खेती का आनंद भी ले पाएंगे तथा इसके साथ ही समाज की सेवा भी करेंगे|

Important Note : Agar aap खरबूजे की खेती कैसे करें Kharbooje Ki Kheti Kaise Karen Ki Jankari in Hindi Ki article kuchh jodna chahte hai jiki yahan chhoot Gaye hai to Aap neche comment Kare.

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