मालकांगनी के फायदे हिंदी में Malkangni Ke Fayde (Benefits) In Hindi

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मालकांगनी के फायदे हिंदी में Malkangni Ke Fayde (Benefits) In Hindi

मालकांगनी की बेल सारे भारत में, विशेषकर पंजाब, कश्मीर आदि के पर्वतीय क्षेत्रों में बहुतायत से पैदा होती है। इसकी बेल दूसरे वृक्षों पर चढ़कर फलती-फूलती है। झुकी हुई नई शाखाओं पर सफेद बिंदु रूपी धब्बे होते हैं। पते नोकीले, लट्वाकार, 2 से 4 इंच लंबे और डेढ़ से तीन इंच चौड़े होते हैं।

पुष्प नई पत्तियों के साथ अप्रैल-जून में आते हैं और शरद् ऋतु में फल लगते और पकते हैं। पुष्प पीले हरे रंग के गुच्छों में लगते हैं। फल मटर के बराबर, हरे होने पर दृढ़ आवरण युक्त, 6 बीज लिए हुए लगते हैं, जो सूखने पर अपने आप फट जाते हैं।

यहाँ पर आप इनके बारे में जानेंगे –

  1. सफेद दाग  होने पर मालकांगनी का प्रयोग White Stain Hone Per Malkangni Ka Prayog 
  2. अफीम की आदत छुड़ाने के लिए  मालकांगनी का का सेवन Afeem Ki Aadat Chudane Ke Liye Malkangni Ka Sevan
  3. दाद पर लगाये मालकांगनी Ringworm Per Lagaye Malkangni
  4. खूनी बवासीर में मालकांगनी का इस्तेमाल Bloody piles Me Malkangni Ka Istemal
  5. खुजली में लगाये मालकांगनी Itching Me Lagaye Malkangni
  6. बेरी-बेरी रोग में मालकांगनी का सेवन Berry-Beri Rog Me Malkangni Ka Sevan
  7. दमा, श्वास  के रोग में मालकांगनी का सेवन Asthma, Breathing  Ke Rog Me Malkangni Ka Sevan
  8. नपुंसकता  में मालकांगनी का सेवन Impotence Me Malkangni Ka Sevan
  9. बुद्धि और स्मृति बढ़ाने के लिए  मालकांगनी का सेवन करे Intelligence And Memory  Badhane Ke Liye Malkangni Ka Sevan Kare
  10. अनिद्रा  में मालकांगनी का सेवन Insomnia Me Malkangni Ka Sevan
  11. नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए  मालकांगनी का प्रयोग Eye Flame Enhancing Ke Liye Malkangni Ka Prayog
  12. दुर्बलता में  में लीजिये मालकांगनी Weeknees Me Lijiye Malkangni
  13. सिर दर्द में मालकांगनी का सेवन Headache Me Malkangni Ka Sevan

मालकांगनी के विभिन्न भाषाओं में नाम Malkangni Ke Vibhinn Bhasao Me Name

  • संस्कृत Malkangni In Sanskrit – ज्योतिष्मती।
  • हिंदी Malkangni In Hindi – मालकांगनी
  • मराठी Malkangni In Marathi – मालकांगोणी
  • गुजराती Malkangni In Gujarati – मलकांगणी
  • बंगाली Malkangni In Bangali – लटफटकी
  • अंग्रजी Malkangni In English – स्टाफ ट्री(Staff Tree).
  • लैटिन Malkangni In LATIN – सेलेस्ट्र्स पन्निक्यूलेटस (Celestridge Paniculates)

मालकांगनी के गुण Malkangni Ke Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार मालकांगनी रस में कटु, तिक्त, गुण में तीक्ष्ण, स्निग्ध, प्रकृति में गर्म, विपाक में कटु, कफ़ और वात नाशक, वमनकारक, अग्निवर्द्धक, बुद्धि और स्मरणशक्तिवर्द्धक होती है। यह पक्षाघात, संधिवात, बेरी-बेरी, कास-श्वास, मूत्र रोग, खुजली, अर्श, नपुंसकता, दाद, व्रण, सफेद दाग, शोथ, स्मृति की कमी में गुणकारी है। यह अफीम खाने की आदत छुड़ाने की एक उत्तम औषधि है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति मतानुसार मालकांगनी तीसरे दर्जे की गर्म और   रुक्ष होती है। इसका तेल पसली का दर्द, पक्षाघात, गठिया, स्नायु के रोग में लाभप्रद होता है। तेल प्रकृति में अत्यंत गर्म, रसायन, बुद्धिदायक, अग्निदीपक, वमनकारक, स्मरण-शक्तिवर्द्धक होता है।

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वैज्ञानिक मतानुसार मालकांगनी की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके बीजों में 30 प्रतिशत तेल गाढ़ा, लाल-पीला रंग मिश्रित, तिक्त, गंध युक्त होता है, जिसमें सिलेस्ट्रीन व पैनीकुलेटीन नामक एल्केलाइड्स पाए जाते हैं। इसके अलावा एक तिक्त रालयुक्त तत्व, कषाय द्रव्य और 5 प्रतिशत क्षार भी मिलते हैं। अल्प मात्रा में टैनिन भी पाया जाता है। ये मस्तिष्क की समस्त नाड़ियों को पोषण प्रदान कर नाड़ी संस्थान को बले देता है। विटामिन बी कीकमी से होने वाले रोग बेरी-बेरी की यह एक उत्तम औषधि है।

मालकांगनी के हानिकारक प्रभाव Malkangni Ke Harmful Effects

निर्धारित मात्रा से अधिक किया गया बीजों का सेवन वमन, विरेचन का कारण बन सकता है। गर्म प्रकृति के लोगों को भी इसका सेवन हानि पहुंचा सकता है।

मालकांगनी के विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु उपचार  Malkangni Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Gharelu Upchaar

1. सफेद दाग होने पर मालकांगनी का प्रयोग White Stain Hone Per Malkangni Ka Prayog :

सफ़ेद दाग के इलाज में मालकांगनी का विशेष महत्व है | इसके लिए मालकांगनी और बावची के बीज का तेल लेकर इन्हें समभाग में मिलाकर एक शीशी में रख लें। इसको दागों पर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाते रहें। आपको इसका असर दिखने में थोड़ा समय लगेगा, इसलिए थोड़ा धैर्य रखें |

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2. अफीम की आदत छुड़ाने के लिए  मालकांगनी का का सेवन Afeem Ki Aadat Chudane Ke Liye Malkangni Ka Sevan :

नशे की लत को दूर करने के लिए मालकांगनी का प्रयोग किया जाता है | इसे अफीम की लत छुड़ाई जाती है | अफीम की बुरी आदत छुड़ाने के लिए मालकांगनी के पत्तों का रस एक चम्मच की मात्रा में दो चम्मच पानी के साथ दिन में 3 बार पिलाते रहने से अफीम के प्रति घृणा उत्पन्न होकर आदत छूट जाएगी।

3. दाद पर लगाये मालकांगनी Ringworm Per Lagaye Malkangni :

दाद – खाज ठीक करने के लिए भी मालकांगनी का प्रयोग किया जाता है | मालकांगनी को कालीमिर्च के बारीक चूर्ण के साथ पीसकर दाद पर मलने से कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जाएगी।

4. खूनी बवासीर में मालकांगनी का इस्तेमाल Bloody piles Me Malkangni Ka Istemal :

बवासीर के इलाज में मालकांगनी को प्रयोग में लाया जाता है | इसके लिए मालकांगनी के बीजों को पानी में पीसकर लुगदी बना लेते हैं और इस लुगदी को मस्सों पर लगाते रहने से रक्तस्राव बंद होगा।

5. खुजली में लगाये मालकांगनी Itching Me Lagaye Malkangni :

मालकांगनी के बीजों को गोमूत्र में पीसकर खुजली वाले अंग पर नियमित लगाएं। इसे लगातार लगाते रहने से जल्द ही खुजली से निजाद मिलती है |

6. बेरी-बेरी रोग में मालकांगनी का सेवन Berry-Beri Rog Me Malkangni Ka Sevan :

बेरी-बेरी रोग होने से बिटामिन – B1 की शरीर में कमी हो जाती है जिससे शरीर की मांसपेशियों कमजोर हो जाती है और पाचन तंत्र खराब हो जाता है | इसे ठीक करने में मालकांगनी कारगर उपाय है | इसे ठीक करने के लिए एक बताशे में मालकांगनी का तेल 2 बूंद टपका कर रोजाना खाने से कुछ सप्ताह में यह रोग दूर हो जाएगा।

7. दमा, श्वास  के रोग में मालकांगनी का सेवन Asthma, Breathing  Ke Rog Me Malkangni Ka Sevan :

दमा और श्वास के रोग को ठीक करने के लिए मालकांगनी के बीजों का प्रयोग किया जाता है | मालकांगनी के बीज और छोटी इलायची, दोनों समभाग मिलाकर पीस लें, फिर आधा चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चटाएं। इस प्रकार एक माह तक करने से रोग ठीक होने लगता है |

8. नपुंसकता  में मालकांगनी का सेवन Impotence Me Malkangni Ka Sevan :

किसी पुरुष यदि नपुंसकता का रोग है तो उससे बड़ी शर्मिन्दगी कुछ और नहीं हो सकती है | इस रोग के ilaj में मालकांगनी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है | इसके लिए लकांगनी के तेल को पान के पते पर लगाकर शिश्न पर लपेटकर रात्रि में बांधे और 2 ग्राम बीजों को दूध की खीर के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इस प्रकार 2-3 सप्ताह करने से असर दिखने लगता है और लगभग 2-3 माह यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है |

9. बुद्धि और स्मृति बढ़ाने के लिए  मालकांगनी का सेवन करे Intelligence And Memory  Badhane Ke Liye Malkangni Ka Sevan Kare :

मालकांगनी के बीच, बच, देवदारु, अतीस चारों समभाग मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम रोजाना शुद्ध घी के साथ सेवन करें। तेल की 5-10 बूद मक्खन के साथ सेवन करने से भी यही लाभ मिलेगा।

10. अनिद्रा  में मालकांगनी का सेवन Insomnia Me Malkangni Ka Sevan :

अनिद्रा रोग के उपचार में मालकांगनी के बीज का प्रयोग किया जाता है | इसके लिए मालकांगनी के बीज, सर्पगन्धा, जटामांसी और मिस्री समभाग मिलाकर पीस लें और एक चम्मच की मात्रा में शहद से सेवन करें। रोग धीरे – धीरे दूर होगा।

11. नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए  मालकांगनी का प्रयोग Eye Flame Enhancing Ke Liye Malkangni Ka Prayog :

मालकांगनी के बीज के तेल से आँखों की रोशनी भी बढ़ायी जा सकती है | मालकांगनी के तेल की मालिश पैर के तलवों पर रोजाना करते रहने से नेत्र ज्योति बढ़ेगी। इसका सर कई महीने में पता चलता है इसलिए धीरज रखें |

12. दुर्बलता में  में लीजिये मालकांगनी Weakness Me Lijiye Malkangni :

मालकांगनी के बीज गाय के घी में भूनकर इसमें समभाग मिस्री मिलाएं। एक चम्मच की मात्रा सुबह-शाम एक कप दूध के साथ 6 हफ्ते रोजाना सेवन करें। पूरा लाभ नजर आने में 10 दिन लगेंगे |

13. सिर दर्द में मालकांगनी का सेवन Headache Me Malkangni Ka Sevan :

मालकांगनी का तेल और बादाम का तेल दोनों समभाग मिलाकर 2-2 बूद की मात्रा में प्रातः खाली पेट एक बताशे में डालकर खा लें और ऊपर से एक कप दूध पिएं। कुछ दिन रोजाना सेवन करने से पुराने सिर दर्द और आधा शीशी के दर्द में आराम मिल जाएगा।

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