
मानवजीत सिंह संधू का जीवन परिचय (Manavjit Singh Sandhu Biography In Hindi Language)
नाम : मानवजीत सिंह संधू
जन्म : 3 नवम्बर, 1976
जन्मस्थान : अमृतसर (पंजाब)
मानवजीत सिंह संधू ने 2006 में जागरेब में हुई विश्व चैंपियनशिप में ट्रैप-शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था | वह दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने विश्व व स्तर पर हुई चैंपियनशिप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है | इस जीत के साथ ही मानवजीत ट्रैप शूटिंग की विश्व रैंकिंग में एक नम्बर पर आ गए | उन्हें इस उपलब्धि के लिए वर्ष 2006 के लिए ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया |
मानवजीत सिंह संधू का जीवन परिचय (Manavjit Singh Sandhu Biography In Hindi)
मानवजीत सिंह ने मेलबर्न (आस्ट्रेलिया) में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीता । इसके अतिरिक्त 2006 के दोहा एशियाई खेलों में ट्रैप स्पर्धा में व्यक्तिगत पदक प्राप्त किया और टीम स्पर्धा में भी रजत पदक प्राप्त किया ।
मानवजीत सिंह संधू का जन्म 3 नवम्बर, 1976 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था । अब उनका स्थायी निवास दिल्ली में है । उनका कद 6 फुट 2 इंच है तथा वे दाहिने हाथ के निशानेबाज हैं ।
कहा जा सकता है कि भारतीय निशानेबाजों ने हाल के वर्षों में भारत को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी ख्याति दिलाई है । जुलाई 2006 में इन्टरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (आई.एस.एस.एफ.) की क्रोएशिया के जागरेब में हुई 49वीं विश्व चैंपियनशिप में मानवजीत ने स्वर्ण पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया है । 29 वर्ष की आयु में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले संधू के कारण ही भारतीय टीम इन आई.एस.एस.एफ. मुकाबलों में 362 अंक बनाकर रजत पदक जीत सकी । रूस की टीम 360 अंक बनाकर दूसरे स्थान पर रही और अमेरिका 359 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा ।
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जागरेब में उन्होंने एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता था । उनसे पूर्व अभिनव बिन्द्रा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं अत: मानवजीत विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले द्वितीय भारतीय निशानेबाज खिलाड़ी हैं ।
मानवजीत के कोच का नाम मार्सेलो ड्राडी है । वह विश्व चैंपियनशिप जीतकर अपने कोच की उम्मीदों पर खरे उतर सके । इससे पूर्व मई 2006 में अमेरिका में आई.एस.एस.एफ. वर्ल्ड कप मुकाबले में भी मानवजीत ने रजत पदक जीता था । यद्यपि वह स्वर्ण पदक पाते-पाते चूक गए थे ।
मानवजीत धीरे-धीरे प्रगति करके अपने खेल में सुधार लाते रहे हैं । उनका कहना है कि उनके स्पांसरकर्ताओं जैसे जे.सी.टी., ए.एस.एआ.ई., बी.आई.एल.टी. तथा सरकारी सहायता के कारण ही वह सफलता पा सके हैं । वह कहते हैं कि अभी उन्हें अभ्यास करके और आगे बढ़ना है ताकि नई पीढ़ी भी उनसे प्रेरणा लेकर आगे आ सके और बड़ी कारपोरेट कंपनियां खिलाड़ियों को स्पांसरशिप प्रदान कर सकें ।
उनकी विजय पर जे.सी.टी. ने उनका अभिनन्दन किया तथा पंजाब सरकार ने पुरस्कार स्वरूप 21 लाख रुपये दिए । उन्हें 2006 की उपलब्धियों के लिए ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार दिया गया ।
उपलब्धियां :
मानवजीत सिंह सधूं ने विश्व स्तर पर विजय प्राप्त करके भारत का नाम रौशन किया है |
1998 में कुआलालंपुर में पुरुष ट्रैप स्पर्धा पेयर्स में मानवजीत ने मनशेर सिंह के साथ 192 अंको का कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाया है ।
उन्होंने मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ खेलों (2006) में कांस्य पदक जीता था |
उन्होंने दिसम्बर 2006 में दोहा में हुए खेलों में व्यक्तिगत रजत पदक के अतिरिक्त टीम का रजत पदक भी प्राप्त किया था ।
मानवजीत ने 2006 में जागरेब (क्रोएशिया) में हुई आई.एस.एस.एफ. विश्व चैंपियनशिप में ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता |
उन्हें वर्ष 2006 के लिए ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार प्रदान किया गया |
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