
मेथी का सेवन करने के फायदे – Methi Ka Sevan Karne Ke Fayde In Hindi
मेथी के पौधे की खेती प्राय: सभी प्रदेशों में की जाती है। इसके पत्तों से सब्जी और बीजों का उपयोग आहार के लिए विविध व्यंजनों में तथा औषधि के रूप में घर-घर किया जाता है।
इसका पौधा 1 से 2 फुट ऊंचा संयुक्त पत्तों के साथ , 3-3 पत्रक, गोलाकार, अग्रभाग युक्त आधे से डेढ़ इंच लंबे होते हैं। पुष्प सफेद या हलके पीले रंग के नए पत्तों के अक्ष पर लगते हैं।
इसकी फलियां 3 से 4 इंच लंबी और 10 से 20 पीले रंग के आयताकार बीजों से युक्त होती हैं। इसमें पुष्प एवं फल जनवरी से मार्च के महीनों में लगते हैं।
यहाँ पर हम मेथी कि यह जानकारी देंगें –
- मेथी के विभिन्न भाषाओं में नाम Methi Ke Names
- मेथी के औषधीय गुण मेथी के Aushdhiya Gun
- मेथी का विभिन्न रोगों में प्रयोग Methi Ka Sevan Ke Fayde – Gharelu Nuskhe
- जलन, दाह को दूर करे मेथी के सेवन से (Jalan, Daha Ko Door Kre Methi)
- अतिसार के लिए लाभकारी मेथी (Atisaar K Liye Labhkari Methi)
- वायु विकार में उपयोगी मेथी (Vaayu Vikaar Me Upyog Methi)
- चोट, सूजन में उपयोगी मेथी (Methi Useful In Injury & Lump)
- कब्ज़ के लिए फायदेमंद मेथी (Methi Profitable for Consipate)
- कमर दर्द में लाभकारी है मेथी (Methi Labhkari hai Kamar dard Me)
- बालों के रोगों के लिए मेथी (Methi Balo Ke Liye)
- सर्दी-जुकाम में मेथी का सेवन (Sardi- Jhukham Me Methi Ka Sevan)
- गले की सूजन, दर्द, टान्सिल्स की तकलीफ में मेथी है फायदेमंद (Methi Gale Ki Sujan Ke Liye Faydemand)
- स्तन रोगों में मेथी का सेवन (Breast Ke Rogo Me Methi Ka Sevan)
- घुटने, जोड़ों के दर्द में मेथी है गुणकारी (Methi Gunkari Hai Jodo Ke Dard Me)
- मधुमेह (डायबिटीज) के रोगों में मेथी का सेवन (Methi Madhumeh Ke Rogo Me)
- आग से जलने पर इस्तेमाल करे मेथी (Methi Use Kre Jalne Per)
- मोटापा दूर करने के लिए मेथी का सेवन (Fat Ko Kam Krne Ke Liye Methi Ka Sevan)
मेथी के विभिन्न भाषाओं में नाम Methi Ke Names
1. संस्कृत (Methi In Sanskrit) – मेथिका, मेथिनी, पीतबीजा
2. हिंदी (Methi In Sanskrit) – मेथी
3. अंग्रेजी (Methi in English) – फेनुग्रीक (Fenugreek)
4. लैटिन (Methi In Latin) – ट्राइगोनेला फीनुम(Trigonella Foenumgraecum)
मेथी के औषधीय गुण Methi Ke Aushdheeya Gun हिंदी में 
आयुर्वेदिक मतानुसार मेथी स्वाद में कटु, गुण में भारी, स्निग्ध, तासीर में गर्म, विपांक में कटु, वात, कफ, ज्वरनाशक, गर्भाशय संकोचक, स्तन एवं जनन पीड़ा, शोथहर, दीपन, पाचक, अग्निवर्धक, दाहनाशक होती है। यह कृमि, अजीर्ण, भूख न लगना, कामशक्ति की कमजोरी, सूजन, गठिया, मधुमेह, बाल रोग, कब्ज़, वात रोग, अनिद्रा, मोटापा, रक्तातिसार, जलने पर गुणकारी है।
वैज्ञानिक मतानुसार मेथी की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि पत्तियों में पानी 81.8 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 9.8 प्रतिशत, प्रोटीन 4.9 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1.6 प्रतिशत, रेशे 1.01 प्रतिशत, वसा 0.9 प्रतिशत, लोहा 16.19 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम में तथा अल्प मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस विटामिन ए, बी, सी भी पाए जाते हैं।
मेथी दानों में 25 प्रतिशत फास्फोरिक एसिड, कोलाइन और ट्राइगोनेलिन एल्केलाइड्स, गोंद, लेसीथिन, स्थिर तेल, एलब्युमिन प्रोटीन, पीले रंग का रंजक पदार्थ पाए जाते हैं। सूखे पंचांग में तो प्रोटीन की मात्रा 16 प्रतिशत तक पाई गई है। इसमें खून और पेशाब में ग्लूकोज की मात्रा कम करने का विशेष गुण होने के कारण डायबिटीज में ये बहुत गुणकारी होते हैं।
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मेथी का विभिन्न रोगों में प्रयोग Methi Ka Sevan Ke Fayde – Gharelu Nuskhe
1. जलन, दाह को दूर करे मेथी के सेवन से (Jalan, Daha Ko Door Kre Methi)
पत्तों का रस 4 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बा र पीने और उसे पीसकर बनाई लुगदी को बाह्य रूप से लगाने से आराम मिलेगा।
2. अतिसार के लिए लाभकारी मेथी (Atisaar K Liye Labhkari Methi)
मेथी के पत्तों को घी में तलकर खाने और 4 चम्मच रस एक चम्मच मिस्री के साथ पीने से रोग में शीघ्र लाभ मिलता है।
3. वायु विकार में उपयोगी मेथी (Vaayu Vikaar Me Upyog Methi)
- मेथी (Fenugreek)को घी में भूनकर पीस लें, फिर छोटे-छोटे लड्डू बनाकर 10 दिन सुबह खाने से वात की पीड़ा में लाभ होता है। मेथी के पत्तों की भुजिया या सूखा साग बनाकर खाने से पेट के वात-विकार और सर्दी में लाभ होता है।
- 4 चम्मच दाना मेथी को सेंककर और पीसकर 1 गिलास पानी में उबालकर रोजाना पीने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है।
- मेथी के पत्तों के पकौड़े बनाकर खाने से वायु विकार दूर हो जाता है।
- मेथी की सब्जी और मेथी के साथ बनी दूसरी सब्जियां खाने से बहुत लाभ होता है। 2 चम्मच कुटी हुई मेथी गर्म पानी के साथ लेने से वात-कफ के कारण होने वाला शरीर का दर्द ठीक हो जाता है। गुड़ में मेथी-पाक बनाकर खाने से गठिया रोग ठीक हो जाता है।
- मेथी (Fenugreek)दाने को बारीक पीसकर उसमें सेंधानमक और कालीमिर्च मिलाकर चूर्ण बनाया जाता है जोकि वात रोग, पेट दर्द तथा जोड़ों के दर्द में लाभदायक है। मेथी को घी में भूनकर, पीसकर, छोटे-छोटे लड्डू बनाकर 10 दिन सुबह-शाम खाने से वात रोग में लाभ होता है। मेथी के पत्तों की भुजिया या सूखा साग बनाकर खाने से पेट के वात-विकार और आंतों की सर्दी में लाभ होता है। पत्तों के पकौड़े बनाकर खाने से आराम होगा।
4. चोट, सूजन में उपयोगी मेथी (Methi Useful In Injury & Lump)
पत्तों को पीसकर लेप करने से दर्द में आराम मिलेगा। मेथी के पत्तों की पुल्टिश (पोटली) बांधने से चोट की सूजन मिटती है।
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5. कब्ज़ के लिए फायदेमंद मेथी (Methi Profitable for Consipate)
- सुबह-शाम के भोजन में मेथी की सब्जी खाने और सोते समय एक चम्मच साबुत दाने पानी से निगलने से कब्ज़ दूर होगी।
- आंतों की कमजोरी से पेट में कब्ज बनती है, इसलिए यकृत (जिगर) को मजबूत बनाने और रोग मुक्त करने के लिए 1-1 चम्मच मेथी पाउडर पानी के साथ कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से कब्ज में राहत मिलती है।
- कब्ज, पेट में अल्सर हो तो 1 कप पानी में मेथी के पत्तों को उबालकर, शहद में घोलकर सुबह-शाम को पीने से लाभ होता है।
- मेथी की नर्म पत्तियों की सब्जी बनाकर खाने से कब्ज में राहत मिलती है, खून साफ होता है, शरीर में शक्ति बढ़ती है और बवासीर रोग में लाभ मिलता है।
6. कमर दर्द में लाभकारी है मेथी (Methi Labhkari hai Kamar dard Me)
मेथी दानों के लड्डू बनाकर 3 हफ्ते तक सुबह-शाम सेवन करने और मेथी के तेल को दर्द वाले अंग पर मलते रहने से पूर्ण आराम मिलेगा।
7. बालों के रोगों के लिए मेथी (Methi Balo Ke Liye)
मेथीदानों को पानी में पीसकर बालों में सोते समय लेप लगाने से रूसी, खुश्की आदि रोग दूर होते हैं।
8. सर्दी-जुकाम में मेथी का सेवन (Sardi- Jhukham Me Methi Ka Sevan)
पत्तों की सब्जी सुबह-शाम खाने और बीजों को एक चम्मच मात्रा में गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से सर्दी-जुकाम के सारे कष्टों में आराम मिलेगा।
9. गले की सूजन, दर्द, टान्सिल्स की तकलीफ में मेथी है फायदेमंद (Methi Gale Ki Sujan Ke Liye Faydemand)
मेथीदानों से बना काढ़ा तैयार करके दिन में 3-4 बार गरारे करने से लाभ मिलेगा।
10. स्तन रोगों में मेथी का सेवन (Breast Ke Rogo Me Methi Ka Sevan)
स्तन अविकसित रह गए हों, तो मेथी की सब्जी और दानों के चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करते रहने से स्तनों में वृद्धि होगी। जिनके स्तनों में कम दूध आता हो, वे भी इसी प्रयोग का सेवन करेंगी, तो इच्छित लाभ होगा।
11. घुटने, जोड़ों के दर्द में मेथी है गुणकारी (Methi Gunkari Hai Jodo Ke Dard Me)
मेथी दानों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से घुटने, जोड़ों का दर्द, आमवात, लकवा, कमर दर्द, गठिया में आराम मिलेगा।
12. मधुमेह (डायबिटीज) के रोगों में मेथी का सेवन (Methi Madhumeh Ke Rogo Me)
मेथी दानों का चूर्ण 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3-4 बार सेवन करने से शरीर की चीनी और कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती जाएगी।
13. आग से जलने पर इस्तेमाल करे मेथी (Methi Use Kre Jalne Per)
मेथी के दानों को पानी में पीसकर बने लेप को 3 बार लगाने से जलन, दर्द में राहत मिलेगी और घाव जल्द ठीक होगा।
भूख न लगने, बवासीर, प्रसव के बाद, मासिक धर्म न आना, दमा, पेट दर्द, मांसपेशियों के दर्द, साइटिका, बार-बार मूत्र आना, लू लगने पर मेथीदाना रोजाना एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से लाभ होता है।
14. मोटापा दूर करने के लिए मेथी का सेवन (Fat Ko Kam Krne Ke Liye Methi Ka Sevan)
दाना मेथी या मेथी के हरे पत्ते किसी भी रूप में सेवन करते रहने से शरीर सुडौल रहता है। मोटापा नहीं बढ़ता है और पेट पतला रहता है। छाती चौड़ी होती है और कमजोरी नहीं आती है।
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