
निर्गुण्डी के फायदे हिंदी में Nirgundi Ke Fayde In Hindi – Beej Patte Jad Ke Benefits
कहा गया है – निर्गुण्डी शरीर रक्षित रोगेभ्य: तस्मादू” निर्गुण्डी अर्थात जो रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करती है । वह निर्गुण्डी कहलाती है । इसकी दो जतिया आमतौर पर देखने को मिलती हैं। निर्गुण्डी नीले फूल वाली को और सिन्दुबार सफेद फूल वाली को कहा जाता है। इसका पौधा सारे भारत में अपने आप उग आता है। उष्ण प्रदेशों में यह बहुतायत में मिलता है। खेतों की मेड़ों पर, बाग-बगीचों में, घरों पर भी इसे लगाया जाता है।
इसके झाड़ीदार पौधों से एक प्रकार की तीव्र, अरुचिकर गंध आती रहती है। पौधे की ऊंचाई 6 से 12 फुट होती है। तने आयसे पतली-पतली अनेक शाखाएं निकलती हैं। सारे पौधे पर सूक्ष्म रोम लगे होते हैं। पत्तियों के वृत्त 3 से 5 पत्तों से युक्त होते हैं। प्रत्येक पता 2 से 6 इंच लंबा, एक इंच से कम चौड़ा और सफेद, भूरे रोएंदार होता है। पत्तों को मसलने पर एक विशिष्ट प्रकार की अप्रिय गंध आती है। पुष्प लंबी मंजरी वाले, गुच्छों में, छोटे-छोटे, सफेद या नीली आभा लिए लगते हैं। फल छोटे-छोटे, गोल, एक इंच से छोटे, पकने पर काले रंग के होते हैं। उल्लेखनीय है कि सफेद फूल और नीले फूल वाली जाति के गुणों में प्राय: समानता पाई जाती है, अतः उपलब्ध निर्गुण्डी का उपयोग औषधि के रूप में ले सकते हैं।
इसके बारे में ये जाने –
- चोट, सूजन में निर्गुण्डी से उपचार Injury, Swelling In Nirgundi Treatment
- मुंह के छाले के लिए निर्गुण्डी Nirgundi For Mouth Ulcers
- पेट दर्द में निर्गुण्डी Nirgundi In Stomach Ache
- विष का प्रभाव नष्ट करने के लिए निर्गुण्डी Nirgundi To Destroy The Effect Of Toxin
- सिर दर्द को दूर करे निर्गुण्डी से Remove Headache From Nirgundi
- टिटनेस के लिए लाभकारी निर्गुण्डी Nirgundi Beneficial For Tetanus
- कान के दर्द में लाभ निर्गुण्डी से Advantages Of Ear Pain In Nirgundi
- मांसपेशियों, नाड़ियों और संधियों के दर्द में निर्गुण्डी Nirgundi In The Pain Of Muscles, Nerves And Treaties
- शिश्न शैथिल्यता के लिए निर्गुण्डी का उपयोग Use Of Nirgundi For Penile Shadility
- साईटिका में निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumed In Sitiika
- सौंदर्य वृद्धि हेतु निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumption For Beauty Enhancement
- पेडू की सूजन, गर्भाशय शोथ के लिए निर्गुण्डीSwelling Of The Pelvic, Nirgundi For Uterine Inflammation
- होंठों के कष्ट के लिए निर्गुण्डी Nirgundi For The Suffering Of Lips
- बिवाई फटने पर निर्गुण्डी से लाभ Advantages Of Nirgundi On Brawl>
- मस्तिष्क की दुर्बलता में निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumption In Brain Weakness
निर्गुण्डी के आयुर्वेदिक गुण Nirgundi Ke Ayurvedic Gun
आयुर्वेदक मतानुसार निर्गुण्डी रस मे कटु, तिक्त, गुण में लघु, रुक्ष तासीर आ में गर्म, विपाक में कटु, वात, कफ शामक होती है। यह ज्वर, कृमि, शोथ, वेदना, आमवात, कुष्ठ, सिर दर्द, साइटिका, मूत्राघात, खुजली, बलवृद्धि हेतु, नेत्र रोग, स्त्री दुग्ध वृद्धि हेतु, खांसी, अजीर्ण, मस्तिष्क की दुर्बलता, शिश्न दौर्बल्यता एवं सौंदर्यवर्द्धन हेतु गुणकारी है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति में निर्गुण्डी दूसरे दर्जे की गर्म और खुश्क है। यह दर्द निवारक, सूजन उतारने की उत्तम औषधि है। होम्योपैथिक मतानुसार इसे इंडियन आर्निका, का दर्जा प्रदान किया गया है , क्योकि यह जोड़ो के दर्द को दूर करने में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई है।
वैज्ञानिक मतानुसार निर्गुण्डी का रासायनिक विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसकी ताजी पत्तियों में हलके पीले रंग का तेल अल्प मात्रा में पाया जाता है। इस तेल में एल्डीहाइड 22.5 प्रतिशत, फीनोल 15 प्रतिशत और सिनीऑल 10 प्रतिशत होता है। इसके अलावा दो निशण्डीन और हाइड्रोकोटीलान नामक एल्केलाइड्स भी पाए जाते हैं। फलों में कार्बोनिक अम्ल, अम्ल राल, क्षार तत्व और रंग उपस्थित होते हैं। प्रति 100 ग्राम ताजी पत्तियों में 150 मिलीग्राम विटामिन सी और अल्प मात्रा में कैरोटिन पाया जाता है। इसके अलावा ग्लूकोसाइड और फ्लेवॉन, टैनिक एसिड, हाइड्रोक्सी बैंजोइक अम्ल भी सक्रिय रूप में मिलते हैं।
निर्गुण्डी के हानिकारक प्रभाव Nirgundi Ke Side Effects
निर्गुण्डी का सेवन कई रोगों को ठीक करता है लेकिन इसके कुछ नुकसान (side effects) भी हैं | निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन करने से सिर दर्द, जलन व किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
निर्गुण्डी के विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु नुस्खे Nirgundi Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Gharelu Nuskhe
1. चोट, सूजन में निर्गुण्डी से उपचार Injury, Swelling In Nirgundi Treatment :
सूजन और चोट में निर्गुण्डी का प्रयोग किया जाता है | इसके लिए निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर बना लेप चोट और सूजन पर लगाकर पट्टी बांधने से दर्द में आराम मिलता है और घाव शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
2. मुंह के छाले के लिए निर्गुण्डी Nirgundi For Mouth Ulcers :
निर्गुण्डी का प्रयोग मुह के रोगों के लिए भी किया जाता है | इसके पत्तों के काढ़े से सुबह-शाम गरारे करने से छाले दूर होंगे। निर्गुण्डी का तेल मुंह के अंदर लगाने से भी वही लाभ मिलेगा।
3. पेट दर्द में निर्गुण्डी Nirgundi In Stomach Ache :
पेट के दर्द में निर्गुण्डी रामबाण औषधि है | इसके लिए निर्गुण्डी के पत्तों का रस एक चम्मच की मात्रा में 4 काली मिर्च के चूर्ण के साथ दिन में 3-4 बार सेवन करने से दर्द दूर होगा।
4. विष का प्रभाव नष्ट करने के लिए निर्गुण्डी Nirgundi To Destroy The Effect Of Toxin
किसी भी कीड़े, जंतु द्वारा काटे हुए स्थान पर निर्गुण्डी के पते, छाल और जड़ का समभाग पीसकर लेप करने और पत्तों का काढ़ा आंतरिक रूप से 2 चम्मच की मात्रा में 3-4 बार सेवन करने से विष के सारे दुष्प्रभाव दूर होंगे।
5. सिर दर्द को दूर करे निर्गुण्डी से Remove Headache From Nirgundi :
सिर दर्द जैसे रोगों के लिए निर्गुण्डी प्रयोग में लाया जाता है | यह बिना कुछ मिलाये भी प्रयोग में लाया जाता है | निर्गुण्डी के पत्तों का रस कपाल पर लगाकर मलने से सिर दर्द का कष्ट दूर होगा। इसे आप बिना डरे इस्तेमाल कर सकते हैं |
6. टिटनेस के लिए लाभकारी निर्गुण्डी Nirgundi Beneficial For Tetanus
टिटेनस एक घटक रोग है जो जंग लगे लोहे से घाव होने पर हो जाता है | इससे कभी – कभी लोगों की मौत भी हो जाती है | इसके लिये 30 मिलीलीटर निर्गुण्डी के पत्ते का रस शहद के साथ दिन में 2-3 बार देने से टिटेनस जैसे घातक रोग में लाभ मिलता है।
7. कान के दर्द में लाभ निर्गुण्डी से Kan Dard Me Nirgundi Se Labh
कान के रोगों में निर्गुण्डी के पत्तों का रस लाभकारी होता है | यदि कान में दर्द है तो इसे इस्तेमाल कर सकते हैं | इसके लिए निर्गुण्डी के पत्तों का रस गर्म कर 2-3 बूँद कान में टपकाने से राहत मिलेगी ।
8. मांसपेशियों, नाड़ियों और संधियों के दर्द में निर्गुण्डी Nirgundi In The Pain Of Muscles, Nerves And Jod :
निर्गुण्डी को हड्डियों से सम्बंधित रोगों में कारगर पाया गया है | जोड़ों में दर्द होने पर निर्गुण्डी के तेल की मालिश करने और पत्तों का काढ़ा 4-4 चम्मच पीने से तुरंत आराम मिलता है।
9. शिश्न शैथिल्यता के लिए निर्गुण्डी का उपयोग Use Of Nirgundi For Penile Shadility :
नपुंसकता जैसे रोग में भी निर्गुण्डी के कई फायदे है | जिनका शिश्न ढीला है वे निर्गुण्डी की जड़ को पानी में पीसकर बने लेप को शिश्न पर मलने से उसकी शैथिल्यता दूर होती है लेकिन प्रयोग कुछ हफ्ते नियमित रूप से करना जरूरी है।
10. साईटिका में निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumed In Sitiika :
दर्द दूर करने के लिए पीड़ित अंग पर निर्गुण्डी के पत्तों को गर्म करके पट्टी से बांधने पर आराम मिलेगा। साथ में पत्तों का रस 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम आंतरिक सेवन करें।
11. सौंदर्य वृद्धि हेतु निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumption For Beauty Enhancement :
जड़ का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित घी से सेवन करते रहने से कुछ हफ्तों के प्रयोग के बाद रूप खिल उठेगा।
12. पेडू की सूजन, गर्भाशय शोथ के लिए निर्गुण्डीSwelling Of The Pelvic, Nirgundi For Uterine Inflammation :
निर्गुण्डी के ताजे पत्तों से तैयार लुगदी को गुनगुना गर्म कर पेडू पर सुबह-शाम बांधने से सारी सूजन दूर हो जाती है।
13. होंठों के कष्ट के लिए निर्गुण्डी Nirgundi For The Suffering Of Lips :
निर्गुण्डी के सूखे पत्तों को चिलम में भरकर धूम्रपान करें और इसका तेल नाक में 2-3 बूद टपकाएं, रोग में बहुत लाभ मिलेगा।
14. बिवाई फटने पर निर्गुण्डी से लाभ Advantages Of Nirgundi On Brawl :
तलवों की दरारों में कांटों की चुभन-सी तकलीफ में निर्गुण्डी का तेल सुबह-शाम मलें।
15. मस्तिष्क की दुर्बलता में निर्गुण्डी का सेवन Nirgundi Consumption In Brain Weakness :
जड़ की छाल का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में शुद्ध घी में मिलाकर एक कप दूध के साथ रोजाना नियमित रूप से सेवन करें।
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