
आजकल पैराशूटिंग अर्थात पैराशूट लगाकर हवाई जहाज अथवा हेलीकाप्टर से कूदना रोमांचक एवं साहसिक खेलो की श्रेणी में गिना जाता है| यही तक ही नहीं, कूदते समय हवा में कई प्रकार के करतब दिखाना,कलाबाजिया खाना व हवा में एक-दूसरे का हाथ पकड़कर कोई आकृति बनाना, पैराशूट खेल के प्रमुख अंग बन चुके है| इस साहसिक खेल का जन्मदाता यूगोस्लाविया माना जाता है,जंहा सन् 1951 में सर्वप्रथम इस खेल का आयोजन किया गया|
यह प्रतियोगिता फेडरेशन एयरोनाटिक्स इंटरनेशनल द्वारा आयोजित की गई| सन् 1956 में प्रथम अमेरीकन पैराशूट खेल का आयोजन मास्को में किया गया| इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि वंहा सन् 1959 में पैराशूट के दो केंद्र खोले गए| पुरुष एवं महिलाएं दोनों ही इस खेल में रुचि दिखा रहे है| प्रत्येक देश की पैराशूट की गतिविधि नेशनल यूरो क्लब की पैराशूट शाखा द्वारा नियंत्रित की जाती है|
पैराशूट किस प्रकार का होता है ?
आमतौर पर साधारण पैराशूट का आकार एक छतरी की भांति होता है, किंतु आजकल विभिन्न प्रकार के पैराशूट भी प्रचलन में आ गए है| पैराशूट अधिकतर नाइलोन से बनाए जाते है| इनकी सस्पेंशन लाइन भी नाइलोन की बनी होती है| पैराशूट का भार 1.2 औंस प्रति वर्ग गज होता है| खेल के अलावा भी हवाई-यात्रा के समय आपातकाल में यह पैराशूट लोंगों को पृथ्वी पर उतारने के काम आता है|
पैराशूट की कैनोपी कैसी होती है ?
यह पैराशूट को पैक करने के काम आता है| यह प्रायः तिकोने आकार का फाइबर से बना एक थैला-सा होता है, जो फाइबर के छोटे-छोटे टुकड़ो से जोड़कर बनाया जाता है|
पैराशूट हवा में खुलता कैसे है ?
पैराशूट को इस प्रकार पैक किया जाता है की उपयोगकर्ता इसके ऊपर बैठ सके| यह पैक एक रिपकोर्ड द्वारा खोला जाता है| इसको उपयोग में लाने के लिए इसके स्प्रिंग को वायु के दबाव से हटाया जाता है| इस स्थिति में यह फूलकर पैक से बाहर आ जाता है| तब एक जाल को, जिसे साज कहते है। पैराशूट पहनने वाले व्यक्ति के शरीर से बांधा जाता है| यह साज व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है|
पैराशूट से छलांग कैसे लगाई जाती है ?
अपने शरीर मे पैराशूट पहनकर व्यक्ति हवाई जहाज से छलांग लगाता है| वह अपने शरीर को फैलाते हुए विभिन्न दिशाओ में मोड़कर एक मजबूत स्थिति बना लेता है| कुछ ऐसी विशेष तकनीकें है, जिनका इस्तेमाल करके खिलाड़ी अपने साथी खिलाड़ियो से जुड़ जाता है और खुली हवा में तरह-तरह के करतब दिखने लगता है|