पिप्पली के फायदे हिंदी में Pippli Ke Fayde In Hindi

Pippli Ke Benefits In Hindi

पिप्पली के फायदे हिंदी में Pippli Ke Fayde – Health Benefits In Hindi

पिप्पली छोटी और बड़ी दो प्रकार की आमतौर पर व्यवहार में ली जाती है। हमारे देश में छोटी पिप्पली की पैदावार प्रचुरता में बिहार, बंगाल, कोंकण, आसाम, हिमालय की तराई, विशाखापट्टनम् जिले के पहाड़ी इलाकों में होती है, जबकि बड़ी पिप्पली सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका से आयात करनी पड़ती है।

इसकी बेल कोमल तने वाली अन्य पेड़-पौधों के सहारे या जमीन पर फैलकर बढ़ती है। शाखाएं सूक्ष्म रोमयुक्त होती हैं। पते 2 से 4 इंच लंबे और आधा से डेढ़ इंच चौड़े, हृदयाकार लिए, पान के पतों के समान चिकने, नोकीले और कोमल होते हैं।

पुष्पदंडी पर पुष्य 1 से 3 इंच लंबे लगते हैं। गुच्छों में फल 1 से डेढ़ इंच लंबे, गोल, हरे रंग के शहतूत के समान दिखते हैं। पकने पर जब ये काले हो जाते हैं, तब इन्हें ही छोटी पिप्पली या पीपर के नाम से जाना जाता है। बेल में वर्षा ऋतु में फूलो  की बहार आती है और फल शरद ऋतु में लगते हैं। इसकी जड़ पीपलामूल के नाम से बेची जाती है।

इसके बारे में ये बाते  जाने –

  • पिप्पली के विभिन्न भाषाओं में नाम Pippli Ke Vibhinn Bhasao Me Name
  • पिप्पली के औषधीय गुण Pippli Ke Aushdhiy Gun
  • पिप्पली के हानिकारक प्रभाव Pippli Ke Hanikark Prabhav
  1. शारीरिक दर्द में पिप्पली का सेवन Pippli Intake In Physical Pain
  2. हृदय की दुर्बलता में पिप्पली का सेवन Pippli Intake In Cardiac Impairment
  3. दांत सुगमता से निकलने के लिए पिप्पली का चूर्ण  Pippli Powder To Get Easy Tooth
  4. कृमि रोग में पिप्पली Pippli In Worm Disease
  5. यकृत बढ़ने पर पिप्पली से लाभ Benefits Of Pippli On Increasing Liver
  6. आमातिसार में पिप्पली से उपाय Amatisaar Me Pippli Se Upaay
  7. साइटिका में पिप्पली का सेवन Pippli Intake In Cytica
  8. दुग्धवर्द्धन में पिप्पली का सेवन DudhVardhan Me Pippli Ka Sevan
  9. बवासीर के लिए पिप्पली का सेवन Bavaseer Ke Liye Pippli Ka Sevan

पिप्पली के विभिन्न भाषाओं में नाम Pippli Ke Vibhinn Bhasao Me Name

  • संस्कृत (Pippli In Sanskrit) -पिप्पली।
  • हिंदी(Pippli In Hindi) – पीपर, छोटी पीपल।
  • मराठी (Pippli In Marathi) – पिंपली।
  • गुजराती (Pippli In Gujarati) – लेंडी पीपर।
  • बंगाली (Pippli In Bangali) – पिपुल।
  • अंग्रेजी (Pippli In English) – लोंग पीपर (Long Pepper)।
  • लेटिन (Pippli In Latin) – पाइपर लांगम (Piper Longum)

पिप्पली के औषधीय गुण Pippli Ke Aushdhiy Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार पिप्पली स्वाद में कटु, चरपरी, गुण में लघु, हलकी, स्निग्ध, तीक्ष्ण, अग्नि दीपक, वात-कफू शामक, रक्तशोधक, ज्वरनाशक, बलवर्द्धक, शूल, शोथहर, रसायन, मूत्रल, मृदु विरेचक, यकृत उत्तेजक, हृदय दुर्बलता नाशक, श्वास-कास विनाशक, प्लीहा वृद्धि सुधारक होती है। सूखी पिप्पली पित्त को कुपित करती है।

यह कृमि रोग, अरुचि, पाण्डु रोग, मोटापे को दूर करने, दांत निकलने के कष्टों में, पेचिश, बवासीर, आमातिसार, साइटिका, हिचकी, जुकाम में भी गुणकारी है। श्रेष्ठ प्रभाव के लिए एक वर्ष पुरानी पिप्पली उपयोग में लेनी चाहिए।

वैज्ञानिक मतानुसार पिप्पली की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसमें पाइपरीन 4 से 5 प्रतिशत, सुगंधित तेल 0.7 प्रतिशत, अल्प मात्रा में सिसेमिन, पिपला-स्टिरॉल, पिप्पलीन, पिपलार्टिन नामक एल्केलाइड्स, स्टॉर्च, राल, वसा, गोंद आदि भी पाए जाते हैं। पिप्पली की जड़ (पीपर मूल) में अल्प मात्रा में पाइपरीन, पिपलार्टिन, पाइपरलौंगुमिनिन, ग्लाइकोसाइड पाए जाते हैं।

पिप्पली के हानिकारक प्रभाव Pippli Ke Hanikark Prabhav

गर्म तासीर होने के कारण गर्मी के मौसम में इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में निरंतर सेवन करते रहने से यह दोषों का संचय करने लगती है।

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पिप्पली के विभिन्न रोगों में प्रयोग और घरेलु  उपचार Pippli Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Gharelu Upchaar

1. शारीरिक दर्द में पिप्पली का सेवन Body Pain Hone Par Pippli Ka Sevan Kare

पिप्पली की जड़ का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में गर्म दूध या पानी से सेवन करने से किसी भी अंग के दर्द में शीघ्र ही आराम मिलता है और अच्छी नींद भी आ जाएगी।

2. हृदय की दुर्बलता में पिप्पली का सेवन Heart Ki Kamjori Me Pilli Ka Sevan

पिप्पली फल का चूर्ण एक ग्राम की मात्रा में शहद के साथ रोज़ाना सुबह नियमित रूप से सेवन करते रहने पर हृदय की दुर्बलता दूर होकर कोलेस्ट्रोल की मात्रा नियंत्रित होगी।

3. दांत सुगमता से निकलने के लिए पिप्पली का चूर्ण  Daant Ko Naklane Ke Liye

बच्चों के मसूड़ों पर पिप्पली के फल का महीन चूर्ण दिन में 2-3 बार मलते रहने से सारे कष्ट दूर होंगे।

4. मोटापा कम करने के लिए पिप्पली Fat Kam Karne Ke Liye Pippli

आधे ग्राम की मात्रा में पिप्पली के फलों का चूर्ण, शहद के साथ दिन में 3 बार नियमित रूप से सेवन करने से कुछ हफ्ते में लाभ मिलेगा।

5. कृमि रोग में पिप्पली Pippli In Worm Disease 

पिप्पली फल का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में छाछ से सोते समय दें।

6. यकृत बढ़ने पर पिप्पली से लाभ Benefits Of Pippli On Increasing Liver

2 पिप्पली का चूर्ण एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम नियमित दें।

7. आमातिसार में पिप्पली से उपाय Amatisaar Me Pippli Se Upaay

पीपर और छोटी हरड़ सम मात्रा में मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम गर्म पानी से सेवन करने से पेट दर्द, मरोड़, चिकने व दुर्गन्धयुक्त दस्त के बार-बार लगने में आराम मिलेगा।

8. साइटिका में पिप्पली का सेवन Cytica Me Pippli Ka Sevan

पिप्पली फल का आधा चमच चूर्ण 2 चमच अरण्डी के तेल के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन से साइटिका रोग दूर होता है।

9. दुग्धवर्द्धन में पिप्पली का सेवन Dudh Badhane Me Pippli Ka Sevan

पिप्पली फल का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम सेवन कराने से प्रसूता के स्तन में दुग्ध वृद्धि होती है। यही प्रयोग मलेरिया श्वास-दमा, खांसी में भी लाभदायक होता है। –

10. बवासीर के लिए पिप्पली का सेवन Bavaseer Ke Liye Pippli Ka Sevan

पिप्पली फल का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में, साथ इतनी ही मात्रा में भुना जीरा तथा थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर छाछ के साथ सेवन करने से रोग में आराम मिलता है। पेट की गैस की तकलीफ में भी यही प्रयोग बहुत लाभप्रद है।