
रणजीत सिंह जी का जीवन परिचय -Ranjit Singh Ji Biography In Hindi Language – Life Story and Essay
नाम : रणजीत सिंह जी
जन्म : 10 सितम्बर 1872
जन्म स्थान : सरोदर (काठियावाड़)
रणजीत सिंह जी प्रथम टेस्ट मैच खिलाड़ी थे | इनका पूरा नाम ‘कुमार रणजीत सिंह’ था | इन्होंने इंग्लैंड से अपने क्रिकेट खेल की शुरुआत की | इन्हीं के नाम पर इन्हें सम्मान देने के लिए भारत के प्रथम श्रेणी के क्रिकेट टूर्नामेंट का नाम ‘रणजी ट्राफी’ रखा गया है | इस टूर्नामेंट का शुभारम्भ 1935 में पटियाला के महाराजा भूपिन्दर सिंह ने किया था । रणजीत सिंह जी भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक थे । वह एक भारतीय राजकुमार थे जिन्हें प्रथम भारतीय खिलाड़ी होने का श्रेय भी है ।
रणजीत सिंह जी का जीवन परिचय (Ranjit Singh Ji Biography In Hindi)
रणजीत सिंह जी का जन्म पश्चिमी भारत के काठियावाड़ प्रान्त के एक छोटे से गांव सरोदर में हुआ था । वह एक धनी परिवार में जन्मे थे । 1888 में वह ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज में दाखिला लेने ब्रिटेन चले गए । वहीं पर पढ़ते हुए फाइनल वर्ष में वह क्रिकेट ‘ब्लू’ में शामिल हो गए । वहाँ उन्होंने अपना नाम बदलकर (निक नेम) ‘स्मिथ’ कर लिया था और उसी नाम से पहचाने जाने लगे थे ।
बाद में उन्हें कर्नल के नाम से भी जाना जाता था । उन्हें कर्नल हिज हाइनेस श्री सर रणजीत सिंह जी विभाजी कहकर सम्बोधित किया जाता था । वह नवानगर के महाराजा जैम साहब के नाम से भी जाने जाते थे ।
अपनी स्नातक शिक्षा पूरी हो जाने पर रणजीत सिंह जी ने ससेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलना आरम्भ कर दिया । रणजीत सिंह जी ने इससे पूर्व सही व्यवस्थित खेल नहीं खेला था लेकिन फिर भी उन्होंने फाइनल वर्ष की समर में क्रिकेट खेलते हुए ‘ब्लू’ को जीत लिया । उन्होंने खेल की औपचारिक शुरुआत मई 1895 में लॉर्ड्स में की । यहां उन्होंने ससेक्स के लिए खेला और एम. सी. सी. के विरुद्ध 77 व 150 रन बना डाले ।
इसे भी पढ़ें- बिशन सिंह बेदी का जीवन परिचय
फिर 1896 में इंग्लैंड की ओर से उन्होंने पहला टैस्ट मैच खेला । इस प्रकार वह क्रिकेट टैस्ट मैच खेलने वाले प्रथम भारतीय बन गए ।
1896 में यह टेस्ट मैच रणजीत सिंह जी ने 16 से 18 जुलाई के बीच मान्चेस्टर में खेला । उन्होंने यह मैच आस्ट्रेलिया के विरुद्ध इंग्लैंड की ओर से खेला । उन्होंने अपने इस पहले टैस्ट मैच में 62 तथा 154 रन बनाए और आउट नहीं हुए । इस प्रकार वह डब्लू जी. ग्रेस के बाद दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलते हुए अपने डेबू मैच (प्रथम मैच) में शतक जमाया । रणजीत सिंह जी देश के अत्यन्त कुशल व तेज बल्लेबाज थे । उन्होंने 1895 से 1905 के बीच टैस्ट मैच खेले । 1897-98 में आस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने पूरे दौरे में 1157 रन बना लिए, जिनका औसत 60.89 था । उनका व उनके परम मित्र सी.बी. फ्राइ का नाम भी हरदम जुड़ा रहता था ।
रणजीत सिंह जी ने लगातार 10 घरेलू मैचों में (इंग्लैंड में ससेक्स में) 1000 रन बनाए (1899 से 1900 के बीच उन्होंने 3000 से अधिक रन बनाए) । वे 1899 से 1903 तक ससेक्स टीम के कप्तान भी रहे । उस समय रणजीत सिंह जी का नाम ससेक्स की पहचान था ।
1904 में रणजीत सिंह जी भारत लौट आए क्योंकि उन पर अनेक घरेलू जिम्मेदारियां थीं । यहां उन्होंने केवल दो वर्ष पूरी तरह क्रिकेट खेली 1908 में तथा 1912 में और दोनों बार 1000 से अधिक रन बनाए । बाद में किसी की गलत सलाह पर वह ससेक्स वापस गए । यह 1920 की बात है । उन्होंने तीन बार खेलने का प्रयास किया । परन्तु वह 48 वर्ष के हो चुके थे, उनका वजन बढ़ चुका था और वह एक शूटिंग दुर्घटना में अपनी एक आँख गंवा चुके थे । अतः अन्तिम बार खेलते वक्त वह 39 रन ही बना सके ।
मार्च 1907 में क्रिकेट से अलग वह नवानगर के महाराजा जाम साहब बन चुके थे । वह इस रूप में हर तरह से बहुत लोकप्रिय थे और दयालु शासक थे ।
‘लीग ऑफ नेशन्स’ तथा ‘चेम्बर ऑफ प्रिंसेज’ के लिए किया गया उनका कार्य बहुत महत्वपूर्ण रहा जो उन्होंने महायुद्ध के बाद किया । सर नेविल कार्डस ने रणजीत सिंह जी के बारे में लिखा- ”जब रणजीत सिंह जी ने क्रिकेट छोड़ दिया, खेल से सारी चमक और रौनक ही हमेशा के लिए गायब हो गई ।”
1897 में रणजीत सिंह जी ने एक पुस्तक लिखी- ‘द जुबली ऑफ क्रिकेट’ । इस पुस्तक को क्रिकेट की दुनिया में एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण रचना माना जाता है | बाद में रणजीत सिंह जी के भतीजे के. एस. दलीप सिंह जी ने भी इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला ।
रणजीत सिंह जी ने कुल 15 टेस्ट मैच खेले और सभी मैच इंग्लैंड के लिए खेले । उन्होंने प्राय: आस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला और 44.95 की औसत से 989 रन बनाए, जिनमें 2 शतक तथा 6 अर्धशतक शामिल हैं । उन्हें 1897 में ‘विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया ।
इसे भी पढ़ें- भागवत चन्द्रशेखर का जीवन परिचय
रणजीत सिंह जी क्रिकेट की दुनिया के जीनियस थे जिन्होंने बल्लेबाजी की कला को नए आयाम दिए । उनसे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी फ्रंट फुट पर ही खेलते थे परन्तु उन्होंने बैक फुट पर भी शानदार स्ट्रोक खेले और नए तरीके से ‘कट’ लगाने की विधि से खेला । रणजीत सिंह जी का 2 अप्रैल, 1933 को देहान्त हो गया ।
उपलब्धियां
भारत का प्रथम दर्जे का रणजी मैच सर रणजीत सिंह जी के नाम पर उन्हें सम्मान देने के लिए ही रखा गया |
सर रणजीत भारत के प्रथम टैस्ट मैच खिलाड़ी थे । उन्होंने इंग्लैंड कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लदंन काउंटी तथा ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया ।
1907 में उन्होने ‘हिज हाइनेस श्री सर रणजीत सिंह जी विभाजीर, जाम साहब ऑफ नवानगर’ की उपाधि उत्तराधिकार में प्राप्त की ।
1897 में उन्हें ‘विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया |
डब्लू. जी. ग्रेस के बाद वह दूसरे ऐसे बल्लेबाज थे जिसने अपने प्रथम मैच में शतक बनाया था |
रणजीत सिंह जी ने खेल की तकनीक व बारीकियां प्रस्तुत कीं |
उन्होने कुल 15 टैस्ट मैच खेले ।
उन्होंने ‘द जुबली ऑफ क्रिकेट’ नामक पुस्तक भी लिखी, जिसे क्रिकेट के क्षेत्र में क्लॉसिक माना जाता है |
Tags : Ranjit Singh Ji Biography Life Story and Essay, Ranjit Singh Cricket Player, Ranjit Singh Ka Jeevan Parichay.