क्रिसमस पर निबंध Short Essay On Christmas Festival In Hindi

क्रिसमस पर निबंध Short Essay On Christmas Festival In Hindi Language

Short Essay On Christmas Festival

वैश्वीकरण से विश्व के देशों को न सिर्फ आर्थिक लाभ हुआ है बल्कि इसने लोगों के बीच सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे की भावना को बढ़ाने में योगदान दिया है | इसका सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि कुछ त्योहार जो पहले किसी एक देश या धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाते थे, वे अब विश्वभर के लोगों द्वारा मनाए जाने के कारण सार्वभौमिक (यूनीवर्सल) त्योहार का रूप ले चुके हैं | क्रिसमस भी एक ऐसा ही त्योहार है, जिसे यूँ तो ईसाइयों का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, फिर भी वैश्वीकरण के कारण अब संपूर्ण विश्व में अन्य धर्म के लोगों द्वारा भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है |

क्रिसमस शब्द क्राइस्टे माइसे अथवा क्राइस्टमास शब्द से बना है, जिसका अर्थ है जीसस क्राइस्ट का जन्मोत्सव | क्रिसमस का त्योहार प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट अर्थात ईसा मसीह के जन्म दिन के स्मरण स्वरूप मनाया जाता है | इस दिन को ‘बड़ा दिन’ के नाम से भी जाना जाता है |

ईसाई मान्यता के अनुसार पहला क्रिसमस रोम में 336 ई. में मनाया गया था | ईसाइयों के धर्मग्रंथ ‘न्यू टेस्टामेंट’ में वर्णित क्रिसमस से संबंधित एक कथा इस प्रकार है | ईश्वर ने मरियम नामक एक कुंवारी लड़की के पास एक देवदूत भेजा, जिसका नाम गेब्रियल था | उस देवदूत ने मरियम को बताया कि वह ईश्वर के पुत्र को जन्म देगी तथा बालक का नाम जीसस रखा जाएगा | वह बड़ा होकर राजा बनेगा तथा उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी | देवदूत गेब्रियल जोसेफ के पास भी गया और उसे बताया कि मरियम एक बच्चे को जन्म देगी और उसे सलाह दी कि वह मरियम की देखभाल करे व उसका परित्याग न करे | जब राजकीय आदेशानुसार सभी नागरिकों को अपने मूल जन्मस्थान पर जनगणना में शामिल होने के लिए कहा गया, तब एक रात मरियम और जोसेफ नाजरथ से बेथलेहम जाने के लिए निकले | तभी रास्ते में तूफानी हवाओं और खराब मौसम के कारण उन्होंने एक अस्तबल में शरण ली, जहां मरियम ने 25 दिसंबर की आधी रात को जीसस को जन्म दिया | जीसस के जन्म-दिन के स्मरणस्वरूप ही प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है |

क्रिसमस की तैयारी कई दिन पूर्व ही शुरू हो जाती है, लोग अपने एंव बच्चों के लिए नए कपड़े सिलवाते हैं तथा घर की साफ-सफाई भी करते हैं | चूंकि जीसस का जन्म अर्धरात्रि को हुआ था, इसलिए क्रिसमस के समारोह अर्धरात्रि के बाद शुरू होते हैं | मोमबत्तियां जलाकर चर्च व घरों में जीसस क्राइस्ट एवं माता मरियम की सामूहिक पूजा की जाती है | इसके बाद जीसस क्राइस्ट की प्रशंसा में लोग कैरोल (सामूहिक गीत) गाते हैं तथा घर-घर जाकर भी गाने के रुप में क्राइस्ट का शुभ संदेश एंव आने वाले नव वर्ष के लिए शुभकामनाएं देते हैं | ‘जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स, जिंगल आल द वे’ क्रिसमस के अवसर पर गाया जाने वाला एक प्रसिद्ध गीत है |

क्रिसमस की बात हो और लाल व सफेद ड्रेस पहने हुए सफेद बाल एंव दाढ़ी वाले मोटे वृद्ध सांता क्लाज, जो अपने वाहन रेनडियर पर सवार रहता है, की कोई चर्चा न हो ऐसा कैसे हो सकता है | यही तो वह पात्र है, जिसका इंतजार क्रिसमस के दिन हर बच्चे को होता है | सांता क्लाज एक क्रिश्चियन पौराणिक पात्र है, जो नए साल के आगमन से कुछ दिन पूर्व क्रिसमस की रात बच्चों को ढेर-सारे उपहार एवं मिठाईयां दिया करता था | इसलिए कुछ लोग क्रिसमस के अवसर पर सांता क्लाज बनकर बच्चों को उपहार एंव मिठाईयां देते हैं |

क्रिसमस के मौके पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाने तथा इसे सजाने का भी रिवाज है | क्रिसमस ट्री को वैभव एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है | इस दिन को भी सजाया जाता है तथा जीसस क्राइस्ट की जन्म संबंधी झांकियां लगाई जाती हैं एंव धार्मिक रस्मों के साथ ही अन्य मनोरंजक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है | इस दिन सभी ईसाई अपने सगे-संबंधियों एवं मित्रों के घर जाते हैं तथा एक-दूसरे को केक, मिठाइयाँ एंव उपहार देकर क्रिसमस एंव आने वाले नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं | इस प्रकार लोग क्रिसमस मनाते हुए आने वाले नववर्ष के स्वागत की तैयारी में रम जाते हैं | नए एंव सुंदर वस्त्र पहने बच्चे, महिलाएं एंव पुरुष क्रिसमस के मौके पर आर्केस्ट्रा के साथ चमकीली छड़ियां लिए सामूहिक नृत्य करते हैं, तो यह नजारा देखते ही बनता है |

भारत में 2.5 करोड़ से अधिक ईसाई हैं, इसलिए यह भारत में भी बड़ी धूम-धाम से तो मनाया ही जाता है, किन्तु इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि यह अब केवल ईसाइयों का त्योहार नहीं रह गया, बल्कि इसे ईसाइयों के अतिरिक्त अन्य धर्म के लोग मनाने लगे हैं | जिस तरह दीपावली, होली, ईद एंव बैशाखी के मौके पर भारतीय बाजारों में धूम देखने को मिलती है, ठीक उसी तरह क्रिसमस के कुछ दिन पहले भी बाजारों में चहल-पहल रहती है | गोवा में तो क्रिसमस की धूम भारत के अन्य शहरों से अधिक दिखती है |

क्रिसमस का त्योहार विश्व को प्रेम, भाईचारा, मानवता एंव परोपकार का पावन संदेश देता है | इसी दिन पृथ्वी पर अवतरित होकर जीसस क्राइस्ट ने अपने छोटे से जीवनकाल में मानवता के कल्याण के लिए सदाचरण एंव सहनशीलता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए सबको प्रेम एवं भाईचारे का संदेश दिया था | यह उत्सव सुख, शांति व समृद्धि का सूचक है | जीसस ने खा था, ईश्वर सभी व्यक्तियों से प्यार करते हैं, इसलिए हमें प्रेम को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिए | ईश्वर की सेवा का सबसे उत्तम मार्ग दीन-दुखियों की सेवा करना है, क्रिसमस का त्योहार हमें यही पावन संदेश देता है | अतः इसे सार्थक करने के लिए हमें अपने व्यवहारिक जीवन में जीसस के संदेशों को लागू करना चाहिए |

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