ईद पर निबंध Short Essay On Eid Ul Fitr In Hindi Language
किसी से यदि एक ऐसे अन्तर्राष्ट्रीय त्योहार का नाम पूछा जाए, जो भारत में धार्मिक सहिष्णुता एवं भाईचारे का प्रतीक बन गया हो तो नि:संदेह हर किसी का जवाब ‘ईद’ ही होगा | क्योंकि, यह मुसलमानों का एक ऐसा त्योहार है, जिसे दुनिया के कई मुस्लिम देशों में भले ही बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हो, किन्तु अन्य देशों से अलग भारत ही एक ऐसा देश है जहां अन्य सभी धर्मों के लोग भी मुसलमान भाइयों को ईद की मुबारकबाद देते हुए इस पवित्र त्योहार में शरीक होकर भारत की सर्वप्रमुख विशेषता ‘अनेकता में एकता’ का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं |
इस्लाम में दो प्रकार की ईद मनाई जाती है, एक ईद-उल-फितर एंव दूसरी ईद-उल-जुहा | जब हम ईद की बात करते हैं तो इसका तात्पर्य ईद-उल-फितर ही होता है जबकि ईद-उल-जुहा को बकरीद कहा जाता है |
पहला ईद-उल-फितर पैगंबर मोहम्मद ने 624 ई. में जंग—ए-बदर के बाद मनाया था | ईद-उल-फितर के उपवास के महीने ‘रमजान’ के समाप्त होने के बाद एंव इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने ‘शव्वाल’ के पहले दिन मनाया जाता है | इस्लामी महीने के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शुरु होता है | इस ईद में मुसलमान 30 दिनों तक रोजा रखने के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने उसे महीने भर रोजा रखने की शक्ति दी | ईद की तिथि से काफी पहले से ही लोग इस त्योहार की तैयारी में जुट जाते हैं | घरों की साफ-सफाई की जाती है एंव परिवार के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़े सिलवाए जाते हैं | ईद के दौरान नए पकवान बनाने के अतिरिक्त, नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार तथा दोस्तों के बीच तोहफों का आदान-प्रदान किया जाता है | ईद के दिन मस्जिद में सुबह की नमाज से पहले, नमाजी गरीबों को दान या भिक्षा देते हैं जिसे जकात-उल-फितर कहा जाता है |
ईद वाले दिन ईदगाह में जाकर सबके साथ नमाज अता करना शुभ माना जाता है | नमाज के दौरान छोटे-बड़े का कोई अंतर नहीं रहता एंव राजा हो या रंक एक ही पंक्ति में खड़े हो कर नमाज पढ़ते हैं | ईद ख़ुशी का दिन है, इस रोज अधिक से अधिक व्यक्तियों से गले मिलना और आते-जाते लोगों से सलाम दुआ करना अच्छा समझा जाता है | ईद की नमाज के बाद इमाम साहब खुतबा (धर्मोपदेश) देते हैं | खुतबा अर्थात धर्मोपदेश के बाद ईदगाह में एकत्र लोग आपस में गले मिलते हुए एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं | यदि किसी के बीच पुरानी दुश्मनी हो तो वह भी ईद की इस मुबारक घड़ी में खत्म हो जाती है और लोगों के बीच मोहब्बत भरे एक नए रिश्ते का आगाज होता है | लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, परिचितों एवं पड़ोसियों को दावत देते हैं | लोग आपस में ईद की मुबारकबाद ‘ईद मुबारक’ कहकर देते हैं | लोग अपने से उम्र में छोटे लोगों को आशीर्वाद स्वरुप जो उपहार एंव धन देते हैं उसे ईदी कहा जाता है | सेवइयों का ईद के रोज अपना अलग ही महत्त्व है, इसी वजह से इसे ‘मीठी ईद’ के नाम से भी जाना जाता है | इसके अतिरिक्त ईद के मौके पर टोपियों की भी विशेष महत्ता है | इस अवसर पर लोग अनेक प्रकार की टोपियां खरीदना पसंद करते हैं |
इस त्योहार में श्रद्धालुओं को जहां अल्लाह के प्रति श्रद्धा की ख़ुशी होती है, वहीँ इबादत करने वाले को इस बात की खुशी होती है कि धर्म की बातों की फिर शुरुआत हुई है |
ईद का त्योहार भाईचारे एंव मैत्री का संदेश देता है | इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद साहब का संदेश केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए कल्याणकारी है | ईद-उल-फितर से पूर्व रोजा रखना हमें त्याग एंव तपस्या की प्रेरणा देता है | यह हमें सिखाता है कि हमारा जीवन केवल सुख-सुविधाओं एंव आराम का उपभोग करने के लिए नहीं है, बल्कि इसमें त्याग, अनुशासन एंव बलिदान को भी स्थान देना अनिवार्य है | ईद के दिन की सामूहिक नमाज हमें बताती है कि इस दुनिया में कोई छोटा-बड़ा या ऊँच-नीच नहीं है, बल्कि ईश्वर की नजर में सभी समान है | ईद की नमाज के बाद दान देने का उद्देश्य होता है प्रत्येक व्यक्ति को गरीबों की भलाई कर समाज की प्रगति में भागीदारी निभाने की उसकी भूमिका का निर्वाहन करवाना | इस तरह ईद प्रेम, एकता एंव भाईचारे का त्योहार है | यह समाज में खुशियों का संचार करता है |