
वर्षा ऋतु पर निबंध Short Essay On Rainy Season In Hindi Language
ग्रीष्म ऋतु में जब सूर्य की तपिश से उत्पन्न लू के कारण धरती तवे की भांति गर्म हो जाती है, तब मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी इस गर्मी से व्याकुल हो जाते हैं और पेड़-पौधे भी सूखने लगते हैं | जलाशयों एंव नदियों के पानी के सूखने के कारण कहीं-कहीं सूखे की स्थिति भी आ जाती है | विश्व को इस संकट से बचने के लिए ही प्रकृति ने वर्षा ऋतु की व्यवस्था की है |
वर्षा ऋतु भारत की छ: ऋतुओं में से एक है | अन्य पांच ऋतुएँ हैं- वसन्त, ग्रीष्म, शरद, शिशिर एवं हेमन्त | वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के बाद होता है तथा इसका काल ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार जून से सितंबर तक एवं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ से अश्विन मास तक होता है | जुलाई एंव अगस्त अर्थात हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण (सावन) एंव भाद्रपद (भादो) में वर्षा ऋतु अपने चरम पर होती है |
वर्षा के बारे में भूगोलवेत्ताओं का मत है कि चूंकि सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हुए पृथ्वी का अक्ष दीर्घवृत्त के तल से साढ़े छियासठ डिग्री झुका होता है और पृथ्वी इस तल पर लम्बवत रेखा से साढ़े तेईस डिग्री झुकी होती है | अतः इस झुकाव की वजह से ही सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पूरे वर्ष समान रुप से नहीं पड़ती है और मौसम में परिवर्तन होता रहता है | पृथ्वी जब सूर्य के निकट रहती है तब अत्यधिक गर्मी के कारण ग्रीष्म ऋतु होती है | ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु का आगमन तब होता है जब पृथ्वी न तो सूर्य से अधिक नीकट और न ही अधिक दूर होती है | इस ऋतु में वातावरण का तापमान तथा आर्द्रता प्रायः उच्च रहते हैं |
वर्षा ऋतु में यदि वर्षा न हो तो गर्मी के चरम-सीमा पार करने की आशंका बनी रहती है | समुद्र, झील, तालाब एंव नदियों का पानी सूरज की गर्मी से वाष्प बनने के बाद ऊपर उठकर बादल बन जाता है | ये बादल जब ठंडी हवाओं से टकराते हैं, तो इसके वाष्प-कण पानी की बूंदों के रूप में पृथ्वी पर बरस पड़ते हैं, जिसे हम वर्षा कहते हैं |
भारत में वर्षा मानसून हवाओं के कारण होती है | मानसून हिन्द महासागर एंव अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि दक्षिण एशियाई देशों में भारी वर्षा करती है | इन क्षेत्रों में मानसून जून से सितंबर तक प्रायः चार माह सक्रिय रहता है |
गर्मी की चिलचिलाती धूप जब लोगों का जीना दूभर कर देती है तब बारिश की बूंदों का इंतजार पूरी दुनिया को होता है | किसान अपनी फसलों को धूप में झुलसने से बचाने के लिए इंद्र देवता की आराधना करते नजर आते हैं |
जब धरती एंव इसके प्राणियों की बेचैनी को समझते हुए काले बादल बरस पड़ते हैं तब चारों ओर हरियाली के साथ खुशहाली भी छा जाती है | फसले लहलहा उठती हैं | फूल खिल-खिला उठते हैं और मन का मयूर गर्मी की तपिश को शांत करने वाली बूंदों को पाकर नाचने लगता है | इस तरह वर्षा ऋतु के शुभागमन का स्वागत पूरी दुनिया करती है |
वर्षा ऋतु को सभी ऋतुओं की रानी कहा जाता है, क्योंकि इसके आगमन के बाद पूरी प्रकृति हरी-भरी हो जाती है एंव सृष्टि की मुस्कुराहट चारों ओर आई बहार के रूप में स्पष्ट रुप से दृष्टिगोचर होती है | इस तरह इस ऋतु में प्राकृतिक सौंदर्य अपनी चरम-सीमा पर रहता है | लगता है जैसे प्रकृति मखमली हरी कालीन से आवृत्त हो चुकी हो | बच्चों को इस ऋतु का विशेष इंतजार रहता है, उन्हें कागज की नावें वर्षा के पानी में तैराने में एंव वर्षा में भीगने में जो मजा आता है, उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता | विश्व की लगभग सभी भाषाओं के कवियों ने बादल एंव वर्षा पर बड़ी सुंदर कविताओं की रचना की है | संस्कृत के महान कवि कालिदास ने तो मेघों की दूत के रूप में कल्पना कर अपनी एक पुस्तक का नाम ही ‘मेघदूत’ रख दिया | तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में वर्षा ऋतु का बड़ा सुंदर चित्रण किया है |
वर्षा ऋतु अनेक जीव-जंतुओं के लिए संतानोत्पत्ति का समय होता है | मेढकों की टर्र-टर्र इस ऋतु की एक विशेषता होती है | वर्षा ऋतु प्रकृति की गंदगी को धोने का भी कार्य करती है | चूंकि वर्षा पर हमारी कृषि निर्भर है इसलिए वर्षा हमारे जीवन का आधार है | हमारे जीवन एंव देश की उन्नति वर्षा पर निर्भर करती है | वर्षा के पानी को बाद में उत्पादक कार्यों में प्रयोग करने के लिए इसका संग्रह करना जल संचयन या जल संरक्षण कहलाता है | वर्षा का जल स्वच्छ एंव शुद्ध होता है | इसलिए यह शुद्ध जल का अच्छा स्रोत होता है | इसलिए पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जल संरक्षण आवश्यक है | वर्षा-जल को बांधों के जारी एकत्र कर उस से विद्युत उत्पन्न की जाती है |
वर्षा ऋतु से हमें अनेक लाभ हैं, किन्तु अतिवृष्टि हमारे लिए कई समस्याएं भी उत्पन्न कर देती है | निर्धनों के लिए यह काफी दुखदाई साबित होती है, क्योंकि यह उनके जीवन को नर्क बना देती है | अतिवृष्टि से नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है | जगह-जगह गड्ढों में पानी नजर आटा है | यह पानी बाद में कीड़े-मकोड़े, मच्छर एंव कीचड़ मलेरिया जैसी कई बीमारियों का कारण बनते हैं |
वर्षा ऋतु के लाभ-हानि चाहे जो हो यह स्पष्ट है कि ऋतु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है | यह हमारे लिए कई खुशियां लेकर आती है |