ग्रीष्म ऋतु पर निबंध Short Essay On Summer Season In Hindi Language
ग्रीषम ऋतु भारत की छ: ऋतुओं में से एक है | अन्य पांच ऋतुएँ हैं- बसंत, वर्षा, शरद, शिशिर एवं हेमंत | ग्रीष्म ऋतु का आगमन वसंत ऋतु के बाद होता है तथा इसका काल ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार अप्रैल से जुलाई तक एंव हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र से ज्येष्ठ मास तक होता है | मई एंव जून अर्थात् हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख एंव ज्येष्ठ में ग्रीष्म ऋतु अपने चरम पर होती है |
ग्रीष्म ऋतु का आगमन कैसे होता है, यह जानने के लिए हमें भूगोल का सहारा लेना होगा | पृथ्वी की दो गतियां होती हैं- घूर्णन गति एंव परिक्रमण गति | घूर्णन गति को दैनिक गति भी कहते हैं क्योंकि इसके कारण दिन एंव रात बनते हैं | परिक्रमण गति को वार्षिक गति कहते हैं, क्योंकि इसी के कारण ऋतुओं में परिवर्तन होता है | सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हुए पृथ्वी का अक्ष दीर्घवृत्त के तल से साढ़े छियासठ डिग्री झुका होता है और पृथ्वी इस तल पर लंबवत रेखा से साढ़े तेईस डिग्री झुकी होती है | इस झुकाव की वजह से ही सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पूरे वर्ष एक समान रूप से नहीं पड़ती हैं और मौसम में परिवर्तन होता रहता है | पृथ्वी जब सूर्य के निकट रहती है, तब अत्यधिक गर्मी के कारण ग्रीष्म ऋतु होती है | इस ऋतु में वातावरण का तापमान प्रायः उच्च रहता है |
विश्व के सभी देशो में ग्रीष्म ऋतु के समय में थोड़ा अंतर होता है | भारत में ग्रीष्म काल अप्रैल से जुलाई तक रहता है परिवर्तनशीलता प्रकृति का स्वभाव है | यदि यह परिवर्तनशीलता न हो तो बसंत के सुहावने मौसम एंव शिशिर के तुषारापात का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा | मादक वसंत का अंत होते ही ग्रीष्म की प्रचंडता वातावरण में छाने लगती है | दिन बड़े होने लगते हैं एंव तापमान उछाल आने लगता है | अप्रैल में शुरू हुई गर्मी जून आते-आते अपना उग्र रूप धारण करने लगती है | सूर्य आग उगलने लगता है | सूर्य की तपिश से उत्पन्न लू के कारण धरती तवे की भांति गर्म हो जाती है, तब मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी इस गर्मी से व्याकुल हो जाते हैं और पेड़-पौधे भी सूखने लगते हैं | जलाशयों एंव नदियों के पानी के सूखने के कारण कहीं-कहीं सूखे की स्थिति भी आ जाती है | लोगों का बाहर निकलना दूभर हो जाता है | घरों एंव कार्यालयों में रहते हुए लोग पंखा, कूलर एंव एयर कंडीशन का सहारा लेते नजर आते हैं | लोग गर्मी से बेचैन होकर वर्षा की कामना करते हैं | आसमान में बादल देखकर लोगों की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं होता, पर गर्मी में प्रायः बादल भी लोगों को मूर्ख बनाते नजर आते हैं | बादल कब आए और कब गए, पता भी नहीं चलता |
गर्मी ताप और बेचैनी ही नहीं लाती, अपने साथ रसदार फलों की सौगात भी लेकर आती है | फलों के राजा आम की बात हो या शीतलता से लबरेज तरबूज-खरबूजे की, ग्रीष्म ऋतु में इन फलों का आनंद अनूठा होता है | अनेक प्रकार की हरी सब्जियां इसी ऋतु में पैदा होती हैं | बेला, जूही, चमेली जैसे फूल इसी ऋतु में अपनी सुगंध से वातावरण को महकाया करते हैं | लस्सी, शर्बत, ठंडे पेय पदार्थ, आइसक्रीम का जो मजा ग्रीष्म ऋतु में मिलता है, वह किसी और ऋतु में संभव ही नहीं है | दिन बड़ा होने से व्यक्ति के पास काम से निपटने के बाद भी मनोरंजन के लिए पर्याप्त समय बच जाता है | ग्रीष्म ऋतु में सुबह-शाम पार्क में घूमने का भी अपना एक अलग आनंद है | बाल्टियाँ भर-भर कर नहाने एंव स्विमिंग पूल में तैरने का जो मजा ग्रीष्म ऋतु में आता है वह किसी और ऋतु में कहां संभव है | ग्रीष्म ऋतु का एक और लाभ यह है कि अत्यधिक गर्मी के कारण स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां हो जाती हैं एवं लोगों को ठंडे स्थानों पर घूमने का पर्याप्त अवसर मिल जाता है | अधिकतर लोग गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग अपने विशेष कार्यों के लिए भी कर लेते हैं |
ग्रीष्म ऋतु में वातावरण का तापमान अधिक रहने के कारण अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है | इस ऋतु में शरीर को व्याधि-ग्रस्त होने का खतरा अधिक रहता है | वातावरण का तापमान अधिक रहने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है | इससे बचने के लिए थोड़े-थोड़े समय के बाद पानी पीते रहना चाहिए | गर्मी के मौसम में मौसमी फलों जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, आम इत्यादि का सेवन लाभदायक होता है | ठंडे बोतल अथवा डिब्बा बंद रासायनिक पेय पदार्थों के बदले सत्तू, लस्सी, फलों का जूस, मिल्क शेक इत्यादि का सेवन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर होता है | गर्मी में लू लगने का भी खतरा रहता है | लू से बचने के लिए विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है | इसलिए गर्मी में घर से बाहर निकलते वक्त अपने साथ पानी की बोतल लेकर चलना चाहिए तथा यथासंभव धूप में निकलने से बचना चाहिए | गर्मी से राहत पाने के लिए प्रायः लोग आइसक्रीम एंव ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं | इसके अति प्रयोग से बचना चाहिए |
ग्रीष्म ऋतु हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने की प्रेरणा देती है | इससे पहले वसंत ऋतु में हमारे आनंद की सीमा नहीं रहती, किन्तु ग्रीष्म के आते ही हमारी बेचैनी बढ़ने लगती है | इसी तरह व्यावहारिक जीवन में भी खुशियों के बाद संघर्षपूर्ण क्षणों के लिए तैयार रहने की शिक्षा हमें ग्रीष्म ऋतु देती है | ग्रीष्म के बाद वर्षा की शीतल फुहार हमारे तन-मन को जिस तरह शीतलता प्रदान करती है, ठीक उसी तरह जीवन में संघर्ष के बाद हमें सफलता की शीतल शांति मिलती है |