
तेजपात के फायदे हिंदी में Tej Patta Ke Fayde Hindi Me – Benefits Of Bay Leaf In Hindi
तेजपात का वृक्ष 20 फुट ऊंचा और 4-5 फुट व्यास के तने से युक्त होता है, जो आसाम और – पर मिलता है। वृक्ष की छाल गहरे भूरे रंग की या काली, पतली, खुरदरी पाई जाती है। पते 5 से 8 इंच लंबे और 2 से 3 इंच चौड़े, 3 से 5 शिराओं से युक्त, एक दूसरे के सामने, चमकीली सतह लिए होते हैं।
ये ही पते तेजपात, तेजपत्र के नाम से बाजार में मिलते हैं और वृक्ष की छाल दालचीनी के नाम से मिलती है। पुष्प छोटे-छोटे और हलके पीले रंग के लगते है। फल अंडाकार मासल,आधा इंच लबे, काले रंग के होते है जिन्हें काला नागकेसर भी कहा जाता है। आमतौर पर तेजपात और दालचीनी का प्रयोग मसालों में किया जाता है, लेकिन इनमें अनेक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।
यहा पर आप ये जानेंगे –
- सिर दर्द में तेजपत्ता का लेप Headache Me Tejpatta Ka Lep
- अरुचि में तेजपत्ता का सेवन Aruchi Me Tejpatta Ka Sevan
- दांतों का मैलापन हटाने के लिए तेजपत्ता Danto Ka Melapan Hatane Ke Liye Tejpatta
- दांतों से खून निकलना Danto Se Khoon Nikalna
- रक्तस्राव होने पर तेजपत्ता का सेवन Raktstrav Hone Per Tejpatta Ka Sevan
- गर्भाशय की शुद्धि हेतु तेजपत्ता का चूर्ण Grabhasye Ki Sudhi Hetu Tejpatta Ka Churn
- सर्दी – जुकाम में तेजपत्ता का चूर्ण Sardi- jukham Me Tejpatta Ka Churn
- हकलाहट में तेजपत्ता Haklahat Me Tejpatta
- खांसी में तेजपत्ता का सेवन Khansi Me Tajpatta Ka Sevan
- सिर की जुएं नष्ट करने के लिए तेजपत्ता Shir Ki Juh Nasth Karne Ke Liye Tejpatta
- दमा में तेजपत्ता का सेवन Asthma Me Tejpatta Ka Sevanपीलिया और पथरी में तेजपत्ता का सेवन Jaundice And Calculus Me Tejpatta
तेजपात के विभिन्न भाषाओं में नाम Name in different languages of Bay Leaf
- संस्कृत में (Tajpatta In Sanskrit) – तमाल पत्र।
- हिंदी, मराठी, गुजराती में (Tajpatta In Hindi, Marathi, Gujarati) – तेजपात, तेजपान, तेजपत्र, तेजपत्ता ।
- बंगाली में (Tajpatta In Bangali) – तेजपत्र।
- अंग्रेज़ी में (Tajpatta In English) – सिनेमन लीफ (Cinnamon Leaf)।
- लैटिन में (Tajpatta In Latin) – सिनेमोमम (Cinnamomum Tamala) |
तेजपात के औषधीय गुण Tajpaat Ke Gun
आयुर्वेदिक मतानुसार तेजपात रस में मधुर, कड़वा, चरपरा , गुण में हलका, तीक्ष्ण, रुचिवर्द्धक, सुगंधित, विपाक में कटु, तासीर में गर्म, वात और पित्त नाशक, प्यास का शमन करने वाला होता है।
यह सर्दी-जुकाम, मंदाग्नि, सिर दर्द, दमा, अरुचि हकलाहट, दंत रोग, खांसी, मुंह के छाले, व्रण आदि में भी गुणकारी है।
तेजपात के विभिन्न रोगो मे प्रयोग और घरेलु नुस्खे Tejpaat Ke Vibhinn Rogo Me Prayog Aur Gharelu Nuskhe
1. सिर दर्द में तेजपत्ता का लेप Headache Me Tejpatta Ka Lep :
तेजपात के पत्तों को पीसकर बनाए गए लेप को कलाप पर लगाने से ठंड या गर्मी से उत्पन सिर दर्द मे आराम मिलता है । आराम मिलने पर लेप धोकर मिटा ले ।
2. अरुचि में तेजपत्ता का सेवन Aruchi Me Tejpatta Ka Sevan :
तेजपात का रायता सुबह- साम खाते रहने से अरुचि दूर होती है ।
3. दांतों का मैलापन हटाने के लिए तेजपत्ता Danto Ka Melapan Hatane Ke Liye Tejpatta :
तेजपात के पत्तों का बारीक -शाम दांतों पर मजन की तरह मलने से दातों मे चमक आ जाती है ।
4. दांतों से खून निकलना Danto Se Khoon Nikalna :
तेजपात के डंठल को दांतों से चबाते रहने से दांतों *से खून आने की तकलीफ में आराम मिलता है।
5. रक्तस्राव होने पर तेजपत्ता का सेवन Raktstrav Hone Per Tejpatta Ka Sevan :
शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव होने पर एक चम्मचतेजपात का चूर्ण एक कप पानी के साथ 2-3 बार सेवन करने से रोग में लाभ मिलता है।
6. गर्भाशय की शुद्धि हेतु तेजपत्ता का चूर्ण Grabhasye Ki Sudhi Hetu Tejpatta Ka Churn :
तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से कुछ हफ्ते सेवन करने से गर्भाशय शुद्ध होगा।
7. सर्दी – जुकाम में तेजपत्ता का चूर्ण Sardi- jukham Me Tejpatta Ka Churn :
चाय की पत्तीकी जगह तेजपात के चूणॅ की चाय पीने से छीके आना, नाक बहने, जलन, सिर दर्द में शीघ्र आराम मिलता – भी लाभप्रद होता है। है। पत्तों को सूधना लाभप्रद होता है
8. हकलाहट में तेजपत्ता Haklahat Me Tejpatta :
तेजपात के पते नियमित रूप से कुछ हफ्ते चूसते रहने से हकलाहटका रोग दूर होता है।
9. खांसी में तेजपत्ता का सेवन Khansi Me Tajpatta Ka Sevan :
एक चमच तेजपात का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।
10. सिर की जुएं नष्ट करने के लिए तेजपत्ता Shir Ki Juh Nasth Karne Ke Liye Tejpatta :
तेजपात के 5-6 पत्तों को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाए। इस पानी से रोजाना सिर में मालिश कर एक घंटे बाद नहाएं।
11. दमा में तेजपत्ता का सेवन Asthma Me Tejpatta Ka Sevan :
सूखे तेजपात के पत्तों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में, एक कप गर्म दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करने से रोग में लाभ होता है।
12. पीलिया और पथरी में तेजपत्ता का सेवन Jaundice And Calculus Me Tejpatta :
नियमित रूप से 5-6 पते चबाकर खाना, रोग की तीव्रता को कम करता है, और शरीर को स्वस्थ करता है |