
थकान दूर करने के लिए घरेलु उपाय हिंदी में Home Remedies For Fatigue In Hindi – Thakaan Bhagane Ke Gharelu Upay
अक्सर अत्यधिक कार्य व्यस्तता, भागदौड़ और नकारात्मक संवेगों के उभरने से अधिकांश व्यक्ति अत्यधिक थकान का अनुभव करते हैं. यह विशेषज्ञों ने इसे व्याधि तो नहीं माना है पर ज्यादा थकान की स्थिति का जायजा लेने पर इसकी गंभीरत को खतरनाक माना है.
जहां शारीरिक रूग्णता के कारण थकान को महसूस किया जाता है, वही मानसिक अवसाद तनाव और तंत्रिका तंत्र के शिथिल पड़ने के कारण थकावट का अनुभव होता है. एक थका हुआ व्यक्ति कुछ करने योग्य नहीं रहता. कार्य के प्रति उत्साह नहीं रहता ऐसी दशा में किए गए कार्य का वांछित फल भी प्राप्त नहीं होता. इस कारण व्यक्ति की थकान में वृद्धि के साथ साथ चिड़चिड़ापन भी बढ़ जाता है. थकान का बुरा प्रभाव क्रिया शैली और मानसिकता पर पड़ता है.
प्रायः तनाव ग्रस्त व ज्यादा शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों की रोगणुओं से लड़ने वाली प्रतिरोधक शक्ति कम होती है. तपेदिक के मुख्य लक्षण में थकान शामिल है. इसी प्रकार पीलिया रक्तचाप जैसे रोगों से ग्रस्त व्यक्ति ज्यादा थके थके महसूस करते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार पोषक तत्वों की कमी, अत्यधिक तनाव, अवसाद, ग्लूकोज नष्ट होना, लौह तत्वों की कमी, निदा चक्र बाधित होना, एलर्जी, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग संबंधी बीमारियों के अलावा अन्य रोगों के कारण थकान की स्थिति उत्पन्न होती है.
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चिकित्सको ने प्राकृतिक आहार विहार, रहन सहन संबंधी दुष्प्रतियों को कारण माना है. कई बार तो थकावट के असली कारणों का पता नहीं चल पाता है. थकावट पर शोध प्रयोग करने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि जिस किसी कार्य से आवश्यक ऊर्जा की कमी होती है. उससे थकान महसूस होती है. यह शारीरिक के साथ मानसिक अस्वस्थता के कारण थकान ग्रस्त व्यक्तियों में यह पाया गया है कि अधिक सर्दी और जुकाम भी थकान को जन्म देती है.
प्रायः थकान के कारण व्यक्ति बेचैन व अवसाद ग्रस्त होते हैं. आलस्य का प्रबल बोध होता है. जरूरी ऊर्जा के अभाव में चिड़चिड़ापन उभरता है. हताशा और तनाव से संतप्त व्यक्तियों के रोगों की पृष्ठभूमिमें थकान देखी जाती है. अलबत्ता, आप थकावट महसूस नहीं करें इसके लिए निम्न उपायों पर विचार करें.
थकान दूर करने के लिए नीचे दी गयी इन टिप पर ध्यान जरुर दे –
- Tip No – 1. उर्जा व पोषक तत्वों की कमी नहीं पड़ने दे Not Falling Short Of Energy And Nutrients
- Tip No – 2. कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा घातक High Cholesterol Fatality
- Tip No – 3. ग्लूकोज लौह तत्व व कैल्शियम की अपेक्षित पूर्ति Expected Supply Of Glucose Iron Element And Calcium
- TIP No – 4. पोषक तत्वों फोलिक एसिड और टेटीनाँल की प्राप्ति Nutrient Folic Acid And Receipt Of Teteenal
- Tip No- 5. नकारात्मक संवेगों पर नियंत्रण Negative Control Of Emotions
- Tip No- 6. अत्यधिक शारीरिक व मानसिक श्रम से बचें Avoid Excessive Physical And Mental Labor
- Tip No – 7. व्यायाम एक प्रभावशाली माध्यम Exercise An Affective Medium
- Tip No – 8. विश्राम एवं गहरी नींद Relaxation And Deep Sleep
- Tip No – 9. थकान दूर करने के लिए मालिश Massage To Relieve Fatigue
Tip No – 1. उर्जा व पोषक तत्वों की कमी नहीं पड़ने दे Not Falling Short Of Energy And Nutrients
स्वास्थ्य वर्धक आहार के समर्थकों व विशेषज्ञो ने यह पाया है कि अत्यधिक श्रम करने वाले व्यक्ति भी यदि भोजन अनुसार एवं समय बद्धता का पालन करते हुए करें वे अत्यधिक थकान ग्रस्त व्यक्तियों के शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और लेक्टिक अम्ल जैसे व्यर्थ तत्व पाए जाते हैं तो जो सुगमतापूर्वक बाहर निकालते नहीं है. अगर व्यायाम करें तो यह पदार्थ बाहर निकलेंगे. व्यायाम से अन्य लाभ भी है जैसे शकर्रा स्तर संतुलित रहता है नकारात्मक मनोवेग दूर होते हैं, रक्त संचार में तेजी आती है.
थकान को अपने पास भटकने नहीं देंगे. थकान से बचाव के लिए पौष्टिकता की कमी नहीं पड़ने दे. कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार अधिक ऊर्जा देता है. इसके साथ ही दूध फल और फाइबर (रेशायुक्त) वाली सब्जियां सलाद आदि उर्जा व पोषक तत्वों के लिए आवश्यक है. मिष्ठान, पेस्टी, चॉकलेट और फास्ट फूड से बचें. इन की जगह शकर्रा युक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं. ऊर्जा और पोषक तत्वों के लिए आप अपने भोजन में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थों का समावेश करें. 40 से 50 ग्राम प्रोटीन बड़े व्यक्तियों के लिए जरूरी है. दूसरी तरफ शीघ्रता से पचने वाले भोज्य पदार्थों का सेवन जरूरी है.
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Tip No – 2. कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा घातक High Cholesterol Fatality
वसा युक्त पदार्थ कम सेवन करें जिससे पाचन तंत्र पर दबाव पड़ने के साथ धमनियों मे रुकावटे पड़ती है. कई और तरह की बीमारियों के कारण थकान ज्यादा महसूस होती है. प्रायः कोलेस्ट्राल बढ़ने के कारण कब्ज की अनिवार्य दशा में थकावट होती है क्योंकि खून का निर्माण कम होता है और पेशियों एवं नसों में रक्त संचरण कम होता है. इसलिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले पदार्थों पर रोक लगाना आवश्यक है.
Tip No – 3. ग्लूकोज लौह तत्व व कैल्शियम की अपेक्षित पूर्ति Expected Supply Of Glucose Iron Element And Calcium
प्रायः पोषक तत्वों की कमी पड़ने के कारण ग्लूकोज नाश होता है. इसी तरह लौह तत्वो और कैल्शियम की कमी पड़ने से अस्वस्थता बढ़ती है. इसे दूर करने के लिए प्रतिदिन विटामिन और खनिज की गोलियां ले. नियमित रूप से दूध, दुग्ध पदार्थ, फल आदि लेने वाले व्यक्ति अपने शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं पड़ने देते. पालक, टमाटर और अन्य शाक सब्जियों का सेवन आवश्यक है. रक्ताल्पता को दूर करने के लिए इनका इस्तेमाल करें. दूसरी तरफ 18 से 20 वर्ष के उम्र वर्ग के नवयुवक और नवयुवतियों को अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है. अन्यथा वे अधिक थकान महसूस करेंगे. लड़कियों के लिए 58 मि.ग्रा. और लड़कों के लिए 90 मि.ग्रा. आयरन चाहिए जबकि लड़के और लड़कियों दोनों के लिए कम से कम 9000 मि.ग्रा. कैल्शियम की जरूरत है.
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Tip No – 4. पोषक तत्वों फोलिक एसिड और टेटीनाँल की प्राप्ति Nutrient Folic Acid And Receipt Of Teteenal
अत्यधिक थकान महसूस करने वाले युवा फोलिक एसिड और टेटोलाँल की कमी नहीं पड़ने दे. शारीरिक व मानसिक सक्रियता के लिए दोनों पोषक तत्व जरूरी है.
Tip No- 5. नकारात्मक संवेगों पर नियंत्रण Negative Control Of Emotions
क्रोध, भया, हताशा, तनाव व अवसाद नकारात्मक मनोवेग है. आप जीवन व कैरियर के प्रति सदैव सकारात्मक रूख अपनाएं. बराबर सक्रियता को बनाए रखने के लिए आप खुश रहे, चुनौतियों को स्वीकारें.
दुखी एवं संतप्त नहीं हो. जीवन के प्रति सकारात्मक व उत्साहपूर्ण नजरियों अपनाएंगे तो न केवल प्रसन्न व जिंदादिल रहेंगे प्रत्युत थकावट भी अनुभव नहीं करेंगे. तंत्रिका तंत्र की क्रियाशीलता के लिए भी नकारात्मक वेगो को उभरने का मौका न दे.
Tip No- 6. अत्यधिक शारीरिक व मानसिक श्रम से बचें Avoid Excessive Physical And Mental Labor
आप सक्रियतापूर्वक कार्य अवश्य करें किंतु कार्य सीमा भी तय करें. यदि कार्य नियमित व संतुलित होगा तो थकान नहीं उभरेगी. संतुष्टिपूर्ण कार्य उत्साह व उमंग बढ़ाता है जबकि आधा अधूरा कार्य मानसिकता को तनावग्रस्त करता है. कार्य पूर्ण करें पर समय सीमा में रहकर कार्य करना आवश्यक है.
Tip No – 7. व्यायाम एक प्रभावशाली माध्यम Exercise An Affective Medium
थकान से मुक्ति पाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें. व्यायाम से आप अपनी रक्त प्रणाली का प्रभावशाली बना सकेंगे. इसके द्वारा पेशियों व अन्य अंगों तक पोषक तत्व पहुंचेंगे.
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अत्यधिक थकान ग्रस्त व्यक्तियों के शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और लेक्टिक अम्ल जैसे व्यर्थ तत्व पाए जाते हैं तो जो सुगमतापूर्वक बाहर निकलते नहीं है. अगर व्यायाम करें तो यह पदार्थ बाहर निकलेंगे. व्यायाम से अन्य लाभ भी है जैसे शकर्रा स्तर संतुलित रहता है. रनकारात्मक मनोवेग दूर होते हैं, रक्त संचार में तेजी आती है. तंत्रिका तंत्र की प्रक्रियाएं क्रियाशील पाई जाती हैं अतः थकान दूर करने के लिए व्यायाम को जरूरी समझे. कठिन श्रम करने वाले अतिरिक्त पोषक तत्वों के बारे में गंभीरता से सोचें.
Tip No – 8. विश्राम एवं गहरी नींद Relaxation And Deep Sleep
तनाव दूर करने का सबसे अच्छा माध्यम विश्राम और गहरी नींद है. इसी तरह थकान ग्रस्त व्यक्ति निश्चित समय पर से विश्राम करें. सिर पीड़ा या तनाव की स्थिति में सिर्फ सो जाए. नींद का एक अच्छा चक्र (चार पांच या छ सात घंटो वाला) थकान दूर करने में पूर्णतया सहायक है. स्वप्न रहित नींद, सुखकर नींद के कई लाभ हैं. विशेषज्ञो का भी यही मानना है कि पाचन तंत्र को चुस्त दुरुस्त रखने और अन्य बीमारियों से बचने के लिए पूरी तरह आराम व गहरी नींद ले.
Tip No – 9. थकान दूर करने के लिए मालिश Massage To Relieve Fatigue
थकावट महसूस करने वाले मालिश का सहारा ले. इससे पेशियों उत्तको व तंत्रिका तंत्र पर वांछित असर पड़ता है. सिर समेत अंगो उपांगो पर मालिश करवाने से शिथिलता दूर भागती हैं. विशेषतः बढ़ती उम्र में शारीरिक व मानसिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले व्यक्ति भी थकावट से ग्रस्त होते हैं. मालिश कराकर सहयता व सुगमतापूर्वक दूर कर सकते है. मानसिक अवसादो से ग्रस्त विशेषतः लंबी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति मालिश के बूते पेशियों को चुस्त दुरुस्त बना सकते हैं. मालिश करने से मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है. थकान उड़न छू हो जाती है. वायु व्याधियों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए भी मालिश अच्छा उपाय है.
अंत में इतना ज्ञान लेना जरूरी है कि कभी भी थकान को उपेक्षा की दृष्टि से नहीं ले. थकान होने के बाद भी शारीरिक व मानसिक श्रम नहीं करें. तुरंत थोड़ा आराम आवश्यक है. इस थोड़े से आराम के कारण शरीर थकान से मुक्ति पाकर नई ऊर्जा प्राप्त करती है जो शरीर और मस्तिष्क को गतिमान बनाए रखने में सहायक होता है. शारीरिक ऊर्जा का ध्यान रखते हुए कार्य करने वाले व्यक्ति में चुस्ती फुर्ती बनी रहती है जो कार्य करने में उसे विशेष उमंग और उत्साह से भर देती है.
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