वीरेन्द्र सहवाग का जीवन परिचय Virender Sehwag Biography In Hindi

Virender Sehwag Biography In Hindi

वीरेन्द्र सहवाग का जीवन परिचय  – Virender Sehwag Biography In Hindi Language

Virender Sehwag Biography In Hindi

नाम : वीरेन्द्र सहवाग
जन्म : 20 अक्टूबर, 1978
जन्मस्थान : नजफगढ़, दिल्ली

2002 में क्रिकेट में एक नया सितारा उभरा, जिसकी ओर सभी का ध्यान केन्द्रित हो गया । उसका नाम है वीरेन्द्र सहवाग । अपने खेलने की सीधी-सादी शैली में जो उसने चौके और छक्कों बरसात शुरू की, लोग सहवाग के प्रशसंक बन गए । उसने अपने कैरियर के पहले टैस्ट मैच में (3 नवम्बर 2001) अफ्रीका के खिलाफ शतकीय पारी खेल कर (105 रन) अपनी योग्यता को साबित कर दिया । लोग उसे राजकुमार कह कर लगे ।

वीरेन्द्र सहवाग का जीवन परिचय (Virender Sehwag Biography In Hindi)

सहवाग का पूरा नाम वीरेन्द्र किशन सहवाग है और लोग प्यार से उसे वीरू कह कर पुकारते हैं । उसकी माता का नाम करुणा है । यह नहीं कहा जा सकता कि सहवाग एक जन्मजात क्रिकेट खिलाड़ी है जो मौका पाते ही चमक गया । वीरेन्द्र सहवाग के पिता किशन कुमार सहवाग हरियाणा के किसान हैं । अनाज खरीदना व बेचना सहवाग का पुश्तैनी धंधा है जहां आटे की चक्की भी चलती है ।

इसे भी पढ़ें- सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय

वीरेन्द्र सहवाग को क्रिकेट का खेल विरासत में नहीं मिला । उसे यह बताने वाला कोई नहीं था कि बैट कैसे पकड़ना है या फिर क्रिकेट में सफलता की बदौलत क्या हासिल किया जा सकता है । सहवाग की सफलता उन युवा क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक उदाहरण है जो क्रिकेट के खेल में कामयाब होकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं ।

यूं तो सहवाग ने 1999 में पाकिस्तान के विरुद्ध मोहाली में खेले जाने वाले एक दिवसीय क्रिकेट से शुरुआत की थी । अपने पहले टैस्ट मैच में उसने सेंचुरी बनाई जो दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 2001 में खेला गया था । अपने प्रारम्भिक 11 टैस्ट मैचों में सहवाग ने 787 रन बनाए जिसमें तीन सेंचुरी व चार हाफ सेंचुरी शामिल हैं ।

यूं तो वीरेन्द्र सहवाग का जन्म नजफगढ में हुआ, जो दिल्ली का ही क्षेत्र है परन्तु यहां का विकास न के बराबर हुआ है लेकिन वहीं के सहवाग का नाम चमक गया । उसके घर वालों ने उसे विकासपुरी के जी ब्लाक के गवर्नमेंट ब्वायज सीनियर सेंकडरी स्कूल में प्रवेश दिलाया था ।

कहा जा सकता है कि वीरेन्द्र सहवाग की किस्मत अच्छी थी कि उनके स्कूल के पी.टी. कोच ए.एन. शर्मा अन्य स्कूलों के पी.टी. कोच से अलग थे । उनकी पैनी निगाहों ने सहवाग की प्रतिभा को पहचाना । ए.एन. शर्मा एन.आई.एस. से डिप्लोमा हासिल कर चुके हैं । उन्होंने सहवाग की प्रतिभा को चमकाया ।

स्कूल के पश्चात् सहवाग आगे पढ़ाई के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में आया । तब उसकी किस्मत ने साथ दिया और उसकी मुलाकात मद्रास क्रिकेट क्लब के कोच सतीश शर्मा से हुई । तब तक सहवाग के बारे में कोई नहीं जानता था । तब सतीश शर्मा ने सहवाग को क्रिकेट में आगे बढ़ने का रास्ता समझाया । सहवाग ने मद्रास क्रिकेट क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया ।

उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि जब वह क्रिकेट से संन्यास लेंगे तो क्या पसन्द करेंगे- तब सहवाग ने कहा- ”मैं या तो क्रिकेट कोच बनना पसन्द करूंगा, या फिर स्नूकर खेलूँगा ।”

क्रिकेट के अतिरिक्त सहवाग को पुराने हिन्दी गाने सुनने का शौक है और पूल या टेबल टेनिस खेलने में रुचि है । इसके अतिरिक्त उसे तैरना अच्छा लगता है । उसे पब में जाना या डांस करना पसंद नहीं है । वह अपना अतिरिक्त समय परिवार व मित्रों के साथ बिताना पसन्द करता है ।

सचिन तेंदुलकर या सौरभ गांगुली के साथ खेलना उसके लिए सपने जैसा था । जब वह प्रथम श्रेणी के क्रिकेट मैच में खेलने आया तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि वह द्रविड़, गांगुली या तेंदुलकर के साथ खेल सकेगा । उसने ऐसा तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था- ”मुझे लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ । मुझे इस बात की चिंता कम थी कि मुझे कामयाबी मिलेगी या नहीं, मुझे इस बात की चिंता ज्यादा थी कि इन सीनियर क्रिकेटरों को किस तरह से सम्बोधित करूंगा ‘सर या भैया ?’ अन्त में उसके दिल ने कहा कि भैया कहना ही ठीक रहेगा ।

वीरेन्द्र सहवाग आज भी अपनी जड़ों को भूला नहीं है । वह खाली वक्त होने पर जब भी अपने नजफगढ के घर में होता है तो टी.वी. पर फिल्म देखने का आनन्द उठाता है या फिर लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी के गाने सुनने में समय बिताता है । अपने दोस्तों के लिए सहवाग आज भी वही है जो कपड़े धोने वाली लकड़ी से गलियों में क्रिकेट खेला करता था । वह आत्मविश्वास से कहता है-मैं तो किशोर कुमार के गाने सुन-सुनकर ही बड़ा हुआ हूँ । मेरे लिए तो आज ‘भी सबसे मशहूर गाना ‘जीवन के सफर में राही मिलते हैं बिछड़ जाने को….  ……’ है ।

वीरेन्द्र सहवाग ने यह साबित कर दिया कि यदि व्यक्ति ऊंचाइयों को छूने का साहस करे तो अपने प्रयत्नों से वहां अवश्य पहुंच सकता है । 22 अप्रैल, 2004 को वीरेन्द्र सहवाग का विवाह आरती से हो गया ।

सहवाग के पसंदीदा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, कार्ल हूपर, विवियन रिचर्ड्स, मार्क वा तथा स्टीव वा हैं । क्रिकेट के अतिरिक्त उसके पंसदीदा खेल टेनिस, बैडमिंटन, टेबल टेनिस व पूल हैं ।

नजफगढ़ में जन्मे सहवाग ने सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है । ग्रामीण से शहरी बना यह खिलाड़ी हर किसी को आकर्षित कर रहा है जिसके कारण वह सेलेब्रिटी बन गया है । यद्यपि उसकी हरियाणवी जाट भाषा में थोड़ा-बहुत वदलाव आया है, फिर भी बातचीत का लहजा और तौर-तरीका वही है ।

सहवाग ने अन्तरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों में भी शतकीय पारी खेली । प्रथम टैस्ट मैच में शतक बनाने पर उसके पिता व भाई फूले नहीं समा रहे थे मानो उनका अनूठा सपना साकार हो गया हो । उनके प्रशिक्षक ए.एन. शर्मा ने इस मैच के लिए घंटों तक बल्लेबाजी का नेट अभ्यास कराया था ।

इसे भी पढ़ें- कपिल देव का जीवन परिचय

अनेक नामी कम्पनियों का ब्रांड एम्बेसडर बनने को वह अपनी खुशकिस्मती मानता है । शहर से बाहर होने पर वह अपनी मां के हाथ का भोजन सबसे ज्यादा याद करता है । सहवाग की जिन्दगी में पिछले समय में अनेकों बदलाव आए हैं, वह अपनी मां के बनाए भोजन के बारे में कहता है- ‘यह सबसे अच्छा भोजन है जो मेरी मां पकाती है । मेरी मां के बनाए भोजन जैसा पूरे संसार में कुछ नहीं है । ‘सहवाग भारतीय क्रिकेट के शुरुआती खिलाड़ियों की खेल तकनीक में बदलाव लाया है । यह कहा जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों से बड़े-बड़े खेल सितारे उभर कर सामने आने लगे हैं । भारत में क्रिकेट सबसे अधिक लोकप्रिय खेल है । आज भारतीय दर्शक सहवाग के खेल के इतने दीवाने हो चले हैं कि दर्शकों को उनके खेल का इंतजार रहता है और उनके खेल का आनन्द सभी दर्शक उठाते हैं ।

उपलब्धियां :

मार्च-अप्रैल 2004 में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैचों में सहवाग ने अनेक रिकार्ड स्थापित किए ।

मुल्तान में भारत-पाक के बीच खेले गए मैच में 309 रन बनाकर सहवाग टैस्ट मैच में तिहरा शतक बनाने वाला भारतीय खिलाड़ी बना । भारत को पाकिस्तान पर जीत में इस कारनामे ने अहम भूमिका अदा की |

टेस्ट क्रिकेट में एक ही पारी में 5 छक्के लगाने वाला वह पहला भारतीय खिलाड़ी है । यह करिश्मा उस टैस्ट मैच में 2 बार कर दिखाया है |

सहवाग का (228 अविजित) दोहरा शतक किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा बनाया सबसे तेजी से बनाया जाने वाला शतक है ।

सहवाग ने 309 रन की पारी खेल कर पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा सबसे बड़ा स्कोर बनाया है |

हीरो होंडा स्पोर्ट्स अकादमी ने 2005 में उससे पिछले वर्ष 2004 के क्रिकेट के श्रेष्ठतम खिलाड़ी के रूप में उसे नामांकित किया |

जनवरी 2006 में सहवाग ने पाकिस्तान के विरुद्ध तीसरी बार एक पारी में 200 से अधिक रन बनाए ।

जनवरी 2006 में ही सहवाग सबसे तेज शतक बनाने वाला (93 गेंद) भारतीय सलामी बल्लेबाज बना |

जनवरी 2006 में ही सहवाग पाकिस्तान के खिलाफ लगातार टैस्ट में दोहरा शतक बनाने वाला पहला भारतीय बल्लेबाज बना ।

सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक (182) गेंद जमाया है |

सहवाग ने जनवरी 2006 में पाकिस्तान के विरुद्ध 247 रन बनाकर एक ओपनर के रूप में 10 शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाई | तब तक बने 11 शतकों में 10 शतक उन्होंने ओपनर के रूप में बनाए थे । ओपनर के रूप में शतक बनाने का रिकार्ड गावस्कर के नाम जिन्होने 34 में से 33 शतक ओपनर के रूप में ही बनाए ।

Tags : Virender Sehwag Biography In Hindi, Virender Sehwag Short Biography, Virender Sehwag Biography In Hindi Language, Nawab Of Najafgarh, Virendra Sahwag In Hindi, Virender Sehwag History In Hindi, Virender Sehwag Records In Cricket.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *