
एक जमाने में इस खेल को मिंन्टोनेट के नाम से जाना जाता था| शुरुआत के दिनों में यह खेल केवल बास्केट बॉल के ब्लेडर से खेला जाता था| अमेरिका के स्प्रिंग फील्ड कॉलेज के डॉक्टर हाँलस्टीड ने इस खेल को वाँलीबाँल नाम दिया| वास्तव में इस खेल के जन्मदाता अमेरिका के मेसाचुप्से होलियोक नमक शारीरिक मनोरंजन केंद्र के निदेशक विलियम मोरगन माने जाते है| सन् 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलो में इस खेल का प्रथम बार प्रवेश हुआ| भारत में इस खेल का प्रयोग प्रतियोगिता के रूप में सन् 1951 के प्रथम एशियाई खेलों से प्रारंभ हुआ| वर्तमान समय में यह खेल भारत में अत्यंत लोकप्रिय है| यह खेल पुरुष एवं महिला दोनों स्तरो पर खेला जाता है|
खेल के मैदान का साइज Size of Volleyball Court Hindi
वाँलीबाँल का खेल जिस मैदान में खेला जाता है, उसे कोर्ट के नाम से जाना जाता है| इस कोर्ट की लंबाई 59 फीट और चौंडाई 29 फीट 6 इंच होती है| साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाता है की 22 फीट की ऊंचाई तक कोई बांधा न हो| खेल क्षेत्र की सीमा-रेखा 2 इंच चौडी होती है| कोर्ट को मध्य रेखा के माध्यम से दो समान भांगों में विभाजित किया जाता है, जिसके कारण दोनों भांगों का आकार 9 फीट 6 इंच गुणा 29 फीट 6 इंच हो जाता है| मध्य भाग से दोनों ओर 9 फीट 9 इंच की दूरी पर दो समानांतर रेखाए खिची जाती है, जिन्हे आक्रमण रेखा कहते है| पिछली रेखा से पीछे 9 फीट 9 इंच गुणा 9 फीट 9 इंच का सर्विस क्षेत्र होता है| कोर्ट के मध्य में जाल बांधा जाता है जिसकी लंबाई 31 फीट होती है और चौंडाई 3 फीट 1 इंच होती है| पुरुषों के लिए जाल की ऊंचाई 2.43 मीटर (लगभग 7.5 फीट) और महिलाओ के लिए 2.24 मीटर (लगभग 7 फीट) होती है| जाल के ऊपर 2 इंच चौडी पट्टी लगी होती है| जाल से ऊपर 2 फीट 8 इंच का एक एंटीना लगा होता है|
Read This Also – गोल्फ खेलने की जानकारी हिंदी में Golf Playing Information and Rules

वॉलीबॉल खेल के कुछ टर्म्स Khel Ke Kuchh Terms
गेंद | वालीबाँल खेलने की गेंद लचीले चमड़े से बनाई जाती है| इसके अंदर एक रबड़ का ब्लेडर होता है, जिसे हवा भरकर फुलाया जाता है| गेंद में हवा का दबाव 0.40 से 0.45 कि.ग्रा. प्रति वर्ग से.मी. तक होती है तथा भार 260 ग्राम से 280 ग्राम के बीच होता है| |
खिलाड़ी | यह खेल दो टीमो के बीच खेला जाता है| प्रत्येक टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते है, जिनमे से 6 खिलाड़ी खेलने वाले तथा 6 स्थानापन्न होते है| प्रत्येक टीम में एक-एक कप्तान होता है| यदि टीम में किसी एक खिलाड़ी के स्थान पर स्थानापन्न खिलाड़ी भेजना है, तो कप्तान रेफरी से खिलाड़ी बदलने कि अनुमति लेता है| स्थानापन्न खिलाड़ी किसी घायल हुए खिलाड़ी, स्थायी अथवा अस्थायी रूप से खेल से निकाले गए खिलाड़ी का स्थान लेते है| |
खड़े होने की स्थिति | इस खेल में प्रतियोगिता के अंदर प्रत्येक सर्विस के साथ-साथ खिलाड़ियो को अपने खड़े होने का स्थान बदलना पड़ता है| सर्विस बदलने की दशा में जिस टीम को सर्विस करनी होती है, उस टीम के खिलाड़ी घड़ी की सुई की दिशा में एक-एक स्थान घूम जाते है| |
सर्विस | सर्विस करने वाला खिलाड़ी कोर्ट मे पीछे की तरफ सर्विस-क्षेत्र में खड़ा होता है| रेफरी की सीटी बजते ही खिलाड़ी अपनी तकनीक से जाल के ऊपर से गेंद उछालकर विरोधी टीम के पाले में पहुंचाता है| सर्विस की तकनीक कई है,जैसे स्मैश सर्विस, फ्लोटिंग सर्विस, हाई स्पिन सर्विस,अंडर हैंड सर्विस,ओवर हैंडसर्विस आदि| |
सर्विस में निम्नलिखित त्रुटियां होने की दशा में सर्विस बदल दी जाती है
1. | गेंद जाल को छू जाती है| |
2. | गेंद पार्श्व-चिह्न को छूकर बाहर निकाल जाती है| |
3. | गेंद विरोधी टीम के पाले में पहुचने से पहले किसी खिलाड़ी को छू जाती है| |
4. | गेंद जाल के नीचे से गुजर जाती है| |
5. | गेंद सीमा रेखा से बाहर जा गिरती है| |
स्कोर कैसे करते हैं How To Score in Volleyball Game
प्रत्येक पारी की विजेता वही टीम मानी जाती है, जो विरोधी टीम से कम-से-कम दो अंक अधिक अर्जित करे तथा सर्वप्रथम 15 अंक प्राप्त करे| यदि दोनों टीमो का स्कोर 14-14 हो, तो उन्हे 16-14 तथा 17-15 आदि स्कोर तक खेलना पड़ता है|
खेल की अवधि कितनी होती है Time of Volleyball Game
वाँलीबाँल का खेल पाँच पारियों में खेला जाता है तथा अधिकतम पारियां जीतने वाली टीम विजेता कहलाती है| दो पारिया खेलने के पश्चात् विश्राम की अवधि दी जाती है, जो दो मिनट से पाँच मिनट की हो सकती है|
वाँलीबाँल के अर्जुन पुरस्कार विजेता Arjun Award Winner of Volleyball Game In Hindi
नाम | वर्ष |
पलनी स्वामी | 1961 |
नृपजीत सिंह | 1962 |
बलवंत सिंह | 1972 |
जी.मुलिनी रेड्डी | 1973 |
एम.श्यामसुंदर राव | 1974 |
के.सी.एलम्मा | 1975 |
इंस्पेक्टर रणवीर सिंह | 1975 |
जिम्मी जार्ज | 1976 |
ए.रमन्ना राव | 1977 |
कुट्टी कृष्णन | 1978 |
सुरेश कुमार मिश्रा | 1979 |
जी.ई.श्रीधरन | 1982 |
आर.के.पुरोहित | 1983 |
सेली जोसफ | 1984 |
सिटिल सी.वल्लोर | 1986 |
अब्दुल वसीथ | 1989 |
दलेल सिंह | 1990 |
उदय कुमार | 1991 |
सुखपाल सिंह | 1999 |
पी. वी. रमण | 2000 |
अमीर सिंह | 2001 |
रविकांत रेड्डी | 2002 |
के.जे.कपिलदेव | 2010 |
संजय कुमार | 2011 |
टाम जोसफ | 2014 |
Reference – https://sports.mapsofindia.com/awards/arjuna/volleyball.html