
आज यहाँ पर इस आर्टिकल में हम जानेंगें भारोत्तोलन के नियम हिंदी में Weight Lifting Ka Khel Khelne Ka Niyam Hindi Me – Information
भारोत्तोलन भार उठाने का खेल है| एक लोहे की छड़ के दोनों किनारों पर लोहे की प्लेटें लगाई जाती है| प्रतियोगियों को बीच से पकड़कर लोहे की छड़ ऊपर उठानी होती है| भार उठाने की दो विधियाँ है- स्नैच और जर्क| खिलाडियों को छूट होती है कि वह किसी भी विधि से भार उठा सकता है| भार उठाने में खिलाड़ी अधिक-से-अधिक तीन प्रयास करता है|
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खिलाई छोटी बांह की कमीज या एथलेटिक शर्ट पहन सकता है| पोशाक के संबंध में कोई निश्चित नियम नहीं है| यदि खिलाड़ी चाहे तो बिना कॉलर की पोशाक भी पहन सकता है| उसके लिए कैसी पोशाक सुविधाजनक है यह खिलाड़ी की इच्छा पर निर्भर करता है|
कौन से वेट की प्रतियोगिता होती है Classification of weights
खिलाडियों के भार के अनुसार उनके वर्ग बनाए जाते है| अपने वर्ग के खिलाड़ी के साथ ही उनकी प्रतिस्पर्धा होती है| ये वर्ग निम्नलिखित प्रकार है-
पुरुष | महिला | ||
प्रथम श्रेणी | 56 किलोग्राम | प्रथम श्रेणी | 42 किलोग्राम |
व्दितीय श्रेणी | 62 किलोग्राम | व्दितीय श्रेणी | 53 किलोग्राम |
तृतीय श्रेणी | 69 किलोग्राम | तृतीय श्रेणी | 58 किलोग्राम |
चतुर्थ श्रेणी | 77 किलोग्राम | चतुर्थ श्रेणी | 63 किलोग्राम |
पंचम श्रेणी | 85 किलोग्राम | पंचम श्रेणी | 69 किलोग्राम |
षष्ठम् श्रेणी | 94 किलोग्राम | षष्ठम् श्रेणी | 75 किलोग्राम |
सप्तम श्रेणी | 105 किलोग्राम | सप्तम श्रेणी | 75 से अधिक |
अष्टम श्रेणी | 105 से अधिक |
प्रतियोगिताओं में नौ खिलाडियों और 2 सुरक्षित खिलाडियों को भाग लेने की स्वीकृति होती है| एक भार वर्ग में दो खिलाड़ियो को सम्मिलित किया जा सकता है| आयु वर्ग के अनुसार सीनियर और जूनियर प्रतिस्पर्धाएँ होती है| जूनियर वर्ग में अधिकतम 20 वर्ष के खिलाड़ी और सीनियर वर्ग में 20 वर्ष से ऊपर के खिलाड़ी भाग ले सकते है| प्रतियोगिताएं शुरू होने से पहले खिलाडियों का भार कराया जाता है| तब उन्हे अपने-अपने वर्ग में भाग लेने की इजाजत होती है|
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भार कैसे उठाते हैं Weight Uthaane Ka Tarika – How to Lift Weight
भार उठाने के लिए एक मंच बनाया जाता है और खिलाडियों को बारी-बारी से प्लेटफार्म पर आमंत्रित किया जाता है| भारों के वर्ग के अनुसार पहले प्रथम वर्ग के खिलाडियों को आमंत्रित किया जाता है| उनके सफल प्रयास के बाद लोहे की छड़ के सिरो पर प्लेटों की संख्या बढ़ाते रहते है| अंतिम सफल प्रयास में जितना भार वह उठा सकता है, वह उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जाना जाता है| दोनों शैलियो में अधिकतम भार उठाने वाला ही विजेता माना जाता है|
1. स्नैच Snatch
इसमे खिलाड़ी छड़ को अपनी टाँगो के सामने रखता है| छड़ को पकड़ते समय उसका हथेली वाला भाग मंच के फर्श की ओर होना चाहिए| वह एक ही बार में फर्श से प्लेट सहित छड़ को उठाकर सिर से ऊपर अपने दोनों हाथो पर सीधे तान लेता है| भार को हाथो पर उठाए बिल्कुल सीधा खड़ा रहना पड़ता है| रेफरी के संकेत करने पर भार को नीचे गिरा देता है|
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2. जर्क Jerk
इसमे छड़ को एक ही बार में सिर के ऊपर नहीं ले जाया जाता| खिलाड़ी छड़ को हथेलियों को नीचे रखता हुआ पकड़ता है और एक झटके से कंधों तक ले जाता है| इस दौरान वह टाँगो को आगे-पीछे करता है| इसमे वह छाती अथवा मुड़ी बाजुओं पर भार रख सकता है| उस समय वह टाँगो को सीधी रेखा में लौटा सकता है और तुरंत छड़ सहित हाथों को सिर के ऊपर सीधा कर देता है| इस क्रिया में वह कितना भी समय के सकता है|
मुख्य प्रतियोगिता : वर्द्धमान चैलेंज शील्ड
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता
1. द्रोणाचार्य पुरस्कार
पाल सिंह सन्धु | 1996 | |
अजय कुमार सिरोही | 1999 | |
हंस शर्मा | 2000 | |
भूपेंद्र धवन | 2000 |
2. अर्जुन पुरस्कार
सुब्रता दत्त | 1978 | |
पी.के. यशोधन | 1984 | |
ई. एस. भास्करन | 1992 | |
साना माचा चानू थींगबेजम | 2000 | |
टी. मुथू | 2002 | |
गीता रानी | 2006 | |
कातुलु रविकुमार | 2006 | |
रेनू वाला चानू | 2006 | |
सानिया चानू | 2012 | |
सतीश शिव लिंगम | 2015 |