कुश्ती खेलने के नियम हिंदी में Kushti Khelne Ke Niyam Hindi Me

आइये यहाँ पर जाने कुश्ती खेलने के नियम हिंदी में Jaane Kushti Khelne Ke Niyam Hindi Me – Wresting Game Rules

कुश्ती भारत का परंपरागत खेल है| भारत के सांस्कृतिक ग्रंथों में कुश्ती का अनेक बार वर्णन आता है| सन् 1896 में जब आधुनिक ओलंपिक खेलो का आरंभ हुआ, तब उसमे कुश्ती को सम्मिलित किया गया था| आधुनिक ओलंपिक खेलों के निर्माता कुवरतन स्वयं कुश्ती के पहलवान थे|

कुश्ती की अवधि Wrestling Period

समय के साथ कुश्ती की अवधि में परिवर्तन होता रहा है| पहले ओलंपिक खेलों में कुश्ती की अवधि 15 मिनट थी, फिर 9 मिनट व 6 मिनट कर दी गई| बाद में उसकी अवधि 20 मिनट, 10 मिनट, 9 मिनट व 6 मिनट कर दी गई| आज एक कुश्ती की अवधि 5 मिनट है और 16 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए 4 मिनट |

यदि इस अवधि में कोई भी पहलवान विजयी घोषित नहीं किया जाता, तो सडेन डैथ का अतिरिक्त समय 3 मिनट दिया जाता है|

 1.   अखाड़े का आकार  9 x 9 मीटर
 2.   अखाड़े का बार्डर  1.50 x 1.80 मीटर
 3.   निष्क्रियता क्षेत्र  1 मीटर
 4.   प्लेटफॉम गद्दे की ऊंचाई  1.10 मीटर
 5.   दंगल के कोने पर चिह्न  लाल या नीला

अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए आखाड़ा अष्ट भुजाकार होता है| इसमे 9 मीटर व्यास का गोलाकार क्षेत्र होता है|

कुश्ती की पोशाक Wrestling Costumes

  पोशाक पहलवानों द्वारा लाल या नीले रंग का जांघिया और एक टुकड़े वाला बनियान पहना जाता है तथा एक लंगोट बांधा जाता है| खेल के दौरान लगने वाली चोटों से बचने के लिए जोड़ों पर हलके पैड प्रयोग में लाने की छूट होती है| कोई भी खिलाड़ी ऐसी कोई भी चीज नहीं पहन सकता, जिससे चोट लगने की आशंका हो| दाढ़ी तुरंत की बनी होनी चाहिए या फिर कई महीनों की बढ़ी हुई दाढ़ी| कोई भी पहलवान अपने शरीर पर कोई चिकना पदार्थ नहीं लगा सकता|

 

कुश्ती की शैली Wrestling Style

वर्तमान समय में कुश्ती की दो शैलियाँ प्रचलित है-

1.  फ्री स्टाइल| 2.  ग्रीको-रोमन|

कुश्ती की शुरुआत करने का तरीका How To Start Wrestling

सबसे पहले दोनों पहलवान क्रीडा क्षेत्र के बीच बिछे हुए गद्दे पर आते है| फिर एक-दूसरे से हाथ मिलते है| उसी समय रेफरी दोनों की जांच करके यह देखता है कि किसी खिलाड़ी के पास आपत्तिजनक कोई वस्तु तो नहीं है| इसके बाद रेफरी दोनों को अखाड़े के सिरो पर भेज देता है| कुछ देर बाद रेफरी कुश्ती शुरू करने के लिए सीटी बजाकर संकेत देता है|

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कुश्ती का निर्णय Wrestling Decision

कुश्ती का निर्णय दो तरीकों से किया जाता है-

1. अंको के आधार पर|
2. चित करने के आधार पर|

अंक लेने की स्थितियाँ Condition To Take Points

 1. ठीक दांव लगाकर विरोधी पहलवान को 5 सेकंड से कम समय में चित करना|
 2. विरोधी पहलवान के नियम विरुद्ध आचरण करने पर|
 3. पहलवान द्वारा एक के दूसरी ओर लुढ़कते समय अपने कंधे व कोहनी का प्रयोग ब्रिज बना लेने पर करना|

अंक देने की स्थितियाँ Conditions To Give Points

 1. विरोधी को पाँच सेकंड से अधिक समय तक खतरे में डालना|
 2. यदि विरोधी लुढ़कता हुआ गिरे, चित होने के करीब हो और ब्रिज बनाकर बचे|

नियम विरुद्ध आचरण (फाउल) Rule Opposite Conduct(Foul)

 1. विरोधी पहलवान के पांव पर चढ़ना|
 2. विरोधी पहलवान के मुंह व भौंहों के बीच के हिस्से को छूना|
 3. गला दबाना|
 4. गद्दे के किनारे पकड़ना|
 5. बालों को खीचना, गुप्तांगों पर प्रहार करना, पोशाक खींचना, हाथो द्वारा पांवो की उंगली मरोड़ना, ऐसा दांव लगाना, जिससे मृत्यु या किसी अंग के टूटने की संभावना हो, विरोधी के बाजू का 900 से अधिक मोड़ना, शरीर पर टांगों की कैंची लगाना, ब्रिज तोड़ने के लिए सिर की ओर ताकत लगाना और पांव अटकाकर विरोधी को गिरना|

ग्रीको-रोमन शैली  Greco-Roman Style

इस शैली में निम्नलिखित मना है-

 1. विरोधी पहलवान की टांगों को पकड़ना|
 2. विरोधी को दोनों टांगों से पकड़ने, धकेलने, उठने या दांव लगाने के लिए टांगों का प्रयोग उस समय करना जब वे विरोधी के शरीर को स्पर्श कर रही हो|

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सावधानी क्या बरतें (यानी कॉशन Caution)

यह एक तकनीकी शब्द है, जो कुश्ती की प्रतियोगिता में प्रयोग किया जाता है| चेतावनी के बाद निष्क्रियता पर कॉशन दिया जाता है| ये स्थितियाँ निम्नलिखित है जिन पर कॉशन दिया जाता है-

 1. किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता पर|
 2. नियम के विरुद्ध आचरण करने पर|
 3. चेतावनी के बाद भी रेफरी की बात पर ध्यान न देना|
 4. जज या मैट से बहस करने पर|

कॉशन के संकेत के लिए रेफरी अपनी एक बाजू ऊपर उठाकर दूसरे हाथ से गलती करने वाले पहलवान का एक हाथ ऊपर उठा देता है| चार कॉशन मिलने पर पहलवान को हारा मान लिया जाता है|

अंको की गणना का सिद्धांत Kushti Me Points Kaise Jode Jaate Hai

प्रत्येक कुश्ती में अंक होते है| उन्हे विजेता और पराजित पहलवानों में निम्नलिखित तरीके से बांटा जाता है-

 1. चित कर जीतने वाले को 4 अंक प्रदान किए जाते है|
 2. 12 अंक के अंतर या अधिक से विजेता को 4 अंक व पराजित को शून्य अंक मिलता है|
 3. 8 से 11 अंक के अंतर से विजेता को 3.5 और पराजित को 1.5 अंक मिलते है|
 4. शून्य से 7 के अंतर पर विजेता को 3 व पराजित को एक अंक मिलता है|

रेफरी का क्या काम है और वह कसी निर्णय करता है 

निर्णायक मंडल में एक रेफरी होता है| सर्वप्रथम वह निर्णय देता है| रेफरी के निर्णय पर जज की निगाह होती है| यदि उसे ऐसा आभास होता है कि रेफरी ने निर्णय के कुछ चूक नहीं की है, तो जज बैटन उठाकर इसका संकेत करता है और कुश्ती के चेयरमैन (मैट) को, जो सर्वोच्च अधिकारी होता है, स्कोरशीट देता है| वह उसके निरीक्षण के बाद अंतिम निर्णय घोषित करता है तथा विजेता का हाथ ऊपर उठाकर उसके विजयी होने की घोषणा करता है|

आइये अब जानते इस खेल के पुरुष्कार विजेता –

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता Kushti Ke Dronacharya Prize Winners

बाचंद्र भास्कर भागवत      1985
गुरु हनुमान      1987
सुखचैन सिंह चीमा      2003
महा सिंह राव      2005
जगमिंदर सिंह      2007

अर्जुन पुरस्कार विजेता Kushti Ke Arjuna Prize Winners

   हवलदार उदयचंद     1961
   मालवा     1962
   जी. अंदालकर     1962
   विशंबर सिंह     1964
   भीम सिंह     1966
   मुख्तियार सिंह     1967
   मास्टर चंदगीराम     1969
   सुदेश कुमार     1970
   प्रेमनाथ     1972
   जगरूप सिंह     1973
   सतपाल     1974
   राजिंदर सिंह     1978
   जगमिंदर सिंह     1980
   करतार सिंह     1982
   महावीर सिंह     1985
   सुभाष     1987
   राजेश कुमार     1988
   सत्यवान     1989
   ओमबीर सिंह     1990
   पप्पू यादव     1992
   अशोक कुमार     1993
   जगदीश सिंह     1997
   संजय कुमार     1997
   काका पावर     1998
   रोहताश सिंह दहिया     1998
   खाशबा जाधव     1999
   रणधीर सिंह     2000
   कृपाशंकर पटेल     2000
   पी. एस. चीमा     2002
   सुजीत मान     2002
   शोकिदंर तोमर     2003
   अनुज कुमार     2004
   रमेश कुमार     2005
   सुशील कुमार     2005
   गीतिका जाखड़     2006
   सुशील कुमार     2006
   अल्का तोमर     2008
   योगेश्वर दत्त     2009
   राजीव तोमर     2010
   रविन्द्र सिंह     2011
   नरसिंह यादव     2012
   रजिन्द्र कुमार     2012
   गीता फोगट     2012
   नेहा राठी     2013
   धमेन्द्र दलाल     2013
   सुनील कुमार राणा     2014
   वजरंग पुनिया     2015
   बबीता कुमारी     2015

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