
याद करो और खेलो का खेल खेलने का तरीका हिंदी में Yaad Karo Aur Khelo Ka Khel Khelne Ka Tarika Jaane Hindi Me
यहाँ पर आज आप जानेंगे कि यह खेल कैसे खेला जाता है, क्या फायदे हैं और इसके क्या नियम हैं –
इस खेल का संबंध बच्चे की बौद्धिक एवं निर्णय लेने की शक्ति से होता है| इसे खेलने के लिए बच्चे में सामान्य ज्ञान की जानकारी व याद करने की तीव्र क्षमता का होना जरूरी है| इस खेल के माध्यम से बालकों की स्मरण-शक्ति, लिखने की शक्ति आदि का विकास होता है| खेल छात्र-छात्राओ के लिए बहुत उपयोगी है और मितव्ययी खेलों की श्रेणी में आता है| इसे कई बालक एक साथ मिलकर खेल सकते है, लेकिन 4 या 5 से अधिक न हो तो ही अच्छा है|
याद करो और खेलो का खेल खेलने की विधि Yaad Karo Aur Khelo Ka Khel Khelne Ki Vidhi
यदि चार बालक इस खेल में भाग ले रहे है, तो चारों थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बैठ जाते है| सभी खिलाडियों को एक-एक पेन तथा एक-एक कॉपी दे दी जाती है| सभी खिलाड़ी अपनी-अपनी कॉपी के पन्ने को पांच भांगों में विभाजित कर लेते है| इन पांच भांगों के एक भाग अंक लिखने का होता है| यह भाग अन्य भांगों की तुलना में छोटा होता है| शेष चार खानों का आकार बराबर रखा जाता है| इन चार खानों में क्रमशः नाम,स्थान का नाम, वस्तु का नाम शीर्षक के रूप में डाल दिया जाता है|
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कागज पर यह सब अंकित करने के बाद दो-दो खिलाड़ी खेल प्रारंभ करते है| एक खिलाड़ी मन-ही-मन ए. बी. सी. डी. बोलता है, दूसरा मन-ही-मन गिनती 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 बोलता है| दस पूरी होते ही वह स्टॉप बोलता है| उस क्षण अक्षर बोलने वाला खिलाड़ी जिस अक्षर तक आता है, सभी खिलाड़ी उसी अक्षर से सारी चींजे, अर्थात नाम, स्थान का नाम, जानवर का नाम और वस्तु का नाम उस कागज के खानों में लिखना शुरू कर देते है, जो खिलाड़ी सर्वप्रथम इन नामों को लिख देता है, वह तुरंत स्टॉप बोल देता है| इसके बाद कोई भी खिलाड़ी आगे कुछ नहीं लिख सकता|
चारों शीर्षकों के लिए पहले ही अंक निर्धारित किए होते है| जो खिलाड़ी जितनी चींजे लिख पाता है, उसी के अनुसार अंक प्रदान कर दिए जाते है| यह एक चक्र पूरा होता है| ऐसे कितने भी चक्र किए जा सकते है| अंत में प्रत्येक खिलाड़ी के अंकों का योग कर लिया जाता है| अंकों के अनुसार ही उन्हें प्रथम, व्दितीय, तृतीय और चतुर्थ स्थान दिया जाता है|